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सुनामी तैयारी को लागू करने वाला 50 देशों में पहला राज्य बना ओडिशा

ओडिशा के दो गांव का यूनेस्को की 7 सदस्यीय टीम ने दौरा कर सुनामी की तैयारी की जानकारी ली थी। बोर्ड की तरफ से भेजे गए इस प्रस्ताव को वीरवार को यूनेस्को-आईओसी ने स्वीकृति दी है।

By Babita kashyapEdited By: Published: Fri, 07 Aug 2020 09:09 AM (IST)Updated: Fri, 07 Aug 2020 09:09 AM (IST)
सुनामी तैयारी को लागू करने वाला 50 देशों में पहला राज्य बना ओडिशा
सुनामी तैयारी को लागू करने वाला 50 देशों में पहला राज्य बना ओडिशा

भुवनेश्‍वर,  जागरण संवाददाता प्राकृतिक आपदा संचालन क्षेत्र में ओडिशा को अन्तर्राष्ट्रीय स्वीकृति मिली है। यूनेस्को के इण्टरगर्वमेंट ओसेनोग्राफी कमीशन (आईओसी) ओडिशा के जगतसिंहपुर जिला नोलिया साही एवं गंजाम जिले के वेंकटरायपुर गांव को देश में पहली बार सुनामी के लिए तैयारी (सुनामी रेडी) गांव के तौर पर घोषित किया है। सामुद्रिक आपदा सुनामी के प्रभाव से तटीय क्षेत्र में रहने वाले लोगों को किस प्रकार से बचाया जाए, उसे लेकर ओडिशा राज्य आपदा संचालन अधिकारी (ओएसडीएमए) के द्वारा जगतसिंहपुर जिले के नोलियासाही एवं गंजाम जिले के वेंकटरायपुर गांव को सुनामी तैयारी (सुनामी रेडी) गांव के तौर पर तैयार किया जा रहा है। इन दोनों गांव को केन्द्र सरकार के भू वैज्ञानिक मंत्रालय के राष्ट्रीय बोर्ड बैठक में अनुमोदन कर यूनेस्को की स्वीकृति के लिए भेजा गया था। 2020 फरवरी में इन दोनों गांवों का यूनेस्को की 7 सदस्यीय टीम ने दौरा कर सुनामी की तैयारी की जानकारी ली थी। बोर्ड की तरफ से भेजे गए इस प्रस्ताव को  वीरवार को यूनेस्को-आईओसी ने स्वीकृति प्रदान की है। यह गौरव पाने वाला ओडिशा देश का पहला राज्य बना है। 

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भारत महासागर क्षेत्र में मौजूद 50 देश में से ओडिशा पहले राज्य के तौर पर यह मान्यता प्राप्त करने की बात विशेष राहत आयुक्त तथा अतिरिक्त मुख्य सचिव प्रदीप कुमार जेना ने कही है। उन्होंने कहा है कि शुक्रवार को ​वर्चुअल कार्यक्रम के जरिए यूनेस्को की तरफ से ओएसडीएमए को यह स्वीकृति एवं प्रंशसा पत्र प्रदान किया गया है। इस कार्यक्रम में सचिव एम.राजीवन, भारतीय आपदा संचालन अधिकारी (एनडीएमए) सदस्य सचिव जी.वी.वी.शर्मा, ओएसडीएमए के एमडी तथा अन्य अधिकारी उपस्थित रहेंगे।

यह सुनामी तैयारी कार्यक्रम की जांच करने के लिए भू वैज्ञानिक मंत्रालय की तरफ से एक भारतीय बोर्ड का गठन किया गया है। इस बोर्ड में इंडियन नेशनल सेंटर फार ओसन इनफार्मेशन सेंटर (आईएनसीओआईएसी) के निदेशक अध्यक्ष है जबकि गृह मंत्रालय, एनडीएमए, ओएसडीएमए, अंडमान निकोबार आईलैण्ड डायरेक्टरेट आफ डिजास्टर मैनेजमेंट से सदस्य हैं। 

ओडिशा में हर समय आपदा का डर रहता है। तूफान, बाढ़ जैसे सुनामी अब प्रदेश के लिए बड़ी विपत्ति बन गई है। इससे तटीय जिलों के लोगों के लिए खतरा पैदा करने की सम्भावना कर ओएडीएमए तटीय 6 जिलों बालेश्वर, भद्रक, गंजाम, पुरी, जगतसिंहपुर एवं केन्द्रापड़ा में सुनामी संचालन कार्यक्रम शुुुुरु किया है। उक्त जिलों में 322 गांव को सुनामी प्रवण गांव के तौर पर पहचान किया गया है। बीडीओ, सरपंच, पंचायत समिति सदस्य, वीएलडब्ल्यू, वार्ड मेम्बर, ग्रामवासी, महिला स्वयंसहायक समूह के सदस्य आदि को सुनामी तैयारी के बारे में प्रशिक्षण दिया जाएगा। खासकर मोबाइल एसएमएस, डिजिटल रेडियो एवं सायरन के जरिए लोगों को सुनामी आने से पहले ही सतर्क कर दिया जाएगा। सतर्क सायरन की आवाज करीबन डेढ़ किलोमीटर तक सुनाई देगी। 

इस सायरन को सुनते ही प्रशिक्षण प्राप्त लोग अन्य लोगों को सतर्क कराते हुए उन्हें सुरक्षित स्थान पर जाने की सलाह देंगे। यह एक आकस्मिक प्राकृतिक आपदा होने से इसके लिए अधक सतर्क रहना होगा। आधुनिक तकनीकी का प्रयोग कर इस तरह की आपदा से लोगों को बचाने के लिए सरकार का प्रयास जारी रहने की बात विशेष राहत आयुक्त ने कही है।


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