खरस्रोता आन्दोलन में अब राजनीतिक दलों की एंट्री: भाजपा, कांग्रेस व वामदलों ने सरकार पर उठाया सवाल
खरस्रोता बचाव आन्दोलन में अब राजनीतिक दलों की एंट्री हो गई है। भाजपा (BJP) की तरह कांग्रेस (Congress) ने भी राजकनिका इलाके में खरस्रोता आन्दोलन (Kharsrota movement) का समर्थन करते हुए इसके लिए सरकार को उत्तरदायी ठहराया है।
भुवनेश्वर, जागरण संवाददाता। केंद्रपाड़ा जिले में चल रहे खरस्रोता बचाव आन्दोलन में अब राजनीतिक दलों की एंट्री हो गई है। भाजपा और कांग्रेस के प्रतिनिधियों का दल प्रस्तावित प्रकल्प स्थल का दौरा कर लौट आया है। दोनों ही राजनीतिक दलों ने घटना के लिए प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया है। प्रस्तावित प्रकल्प स्थल पर प्रदर्शन कर रहे स्थानीय लोगों पर जिस तरह प्रशासन ने बल प्रयोग किया उसे अमानवीय व्यवहार बताते हुए भाजपा ने स्थानीय लोगों से चर्चा किए बगैर प्रकल्प कार्य आगे बढ़ाने पर कड़ा विरोध किया है।
प्रदेश भाजपा साधारण संपादक पृथ्वीराज हरिचंदन के नेतृत्व में प्रतिनिधि मंडल ने घटना स्थल भारिगदा पहूंच कर लोगों से चर्चा की। भाजपा का आरोप है कि अगर यह प्रकल्प इतना ही जनकल्याण हेतु बनाया जा रहा है तो जन सुनवाई किए बगैर प्रकल्प को मंजूरी क्यों प्रदान की गई। अब जब लोग इसके विरोध में आवाज बुलंद करने निकले हैं तो उन पर बल प्रयोग किया जा रहा है।
भाजपा की तरह कांग्रेस ने भी राजकनिका इलाके में खरस्रोता आन्दोलन का समर्थन करते हुए इसके लिए सरकार को उत्तरदायी ठहराया है। पूर्व मंत्री पंचानन कानूनगो के नेतृत्व में प्रतिनिधि दल ने घटना स्थल से लौटने के बाद सरकार की तिखी आलोचना की है। पंचानन कानूनगो ने कहा कि भद्रक जिले में जल संसाधन की कमी नहीं है ऐसे में केन्द्रापड़ा जिले से जल लेने के पीछे की राजनीति क्या है। वाम दलों ने भी राजकनिका इलाके में हुई घटना पर चिंता जताई है और वहां चल रहे दमन को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है।
गौरतलब है की पिछले दो साल से केंद्रपड़ा जिले में जल समस्या को लेकर राजकनिका इलाके के लोग आंदोलन कर रहे हैं। खासकर खरस्रोता नदी के किनारे बसने वाले लोगों के लिए नदी का जल सिंचाई सहित पीने के पानी का एक मात्र साधन है। राज्य सरकार जल समस्या के समाधान के बदले खरस्रोता नदी के जल को वृहत् जल प्रकल्प के नाम पर निकटवर्ती भद्रक जिले को देने के लिए परियोजना बना रही है। प्रशासन के इस जनविरोधी निर्णय को लेकर स्थानीय लोगों में काफी नाराजगी है । लोगों का आरोप है कि स्थानीय लोगों के साथ इसे लेकर कोई चर्चा नहीं की गई और जोर जबरदस्ती जन आंदोलन को दबाने की कोशिश चल रही है। वाम दलों ने आरोप लगाया है कि इस प्रस्तावित जल प्रकल्प से केंद्रपड़ा जिले में आलि इलाके के 117 एवं राजकनिका के 162 गांव प्रभावित होंगे।