प्रभावित किसानों के लिए सरकार ने खोला पिटारा
सिंचाई उपयुक्त जमीन के लिए सरकार ने प्रति हेक्टेयर 13,500 रुपये क्षतिपूर्ति देने का फैसला किया है।
भुवनेश्वर, जागरण संवाददाता। राज्य में सूखा, कीड़े से फसल बर्बाद होने के बाद किसानों द्वारा आत्महत्या किए जाने के मामले में नवीन पटनायक सरकार ने राहत पैकेज का एलान किया है। सोमवार की शाम को सचिवालय में मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई राज्य कैबिनेट की बैठक में किसान हित में कई अहम फैसले किए गए। कैबिनेट बैठक के बाद राजस्व मंत्री महेश्वर महांती ने बताया कि राज्य सरकार किसानों की समस्या को लेकर गंभीर है। सूखे से प्रभावित व कीड़े से फसल बर्बाद होने वाले किसानों की सरकार मदद करेगी।
बताया कि सिंचाई उपयुक्त जमीन के लिए सरकार ने प्रति हेक्टेयर 13,500 रुपये क्षतिपूर्ति देने का फैसला किया है। जर्ह सिंचाई की सुविधा नहीं है और फसल बर्बाद हुई है वहां पर किसानों को प्रति हेक्टेयर जमीन के लिए सरकार 6800 रुपये क्षतिपूर्ति देगी। इसके अलावा 33 फीसद से अधिक फसल नष्ट होने वाले इलाके में किसानों का 50 फीसद शुल्क माफ, कीड़ा लगने वाले इलाके में कीटनाशक के लिए 75 फीसद की छूट,
33 फीसद से अधिक क्षतिग्रस्त किसानों को कम अवधि के कर्ज को लंबी अवधि में तब्दील करने पर भी कैबिनेट ने मुहर लगाई है। इसी तरह चकड़ा कीड़ा से प्रभावित इलाके के विद्यालय एवं महाविद्यालय में ट्यूशन फीस को माफ किया गया है। खरीफ ऋतु के क्षतिग्रस्त किसानों को रवि फसल के लिए कर्ज भी उपलब्ध किया जाएगा।
एक लाख परिवार को धान बीज की मिनी कीट एवं 50 हजार किसान परिवारों को मिनी कीट प्रदान की जाएगी। सरकार ने 50 हजार परिवारों को मुर्गे का बच्चा भी देने का फैसला किया है। मंत्री महांती ने बताया कि सरकार किसानों को लेकर बेहद गंभीर है। सरकार अनर्गल प्रलाप करने के बजाए काम पर विश्वास करती है।
वामपंथी किसान संगठनों के नेता मुख्यमंत्री से मिले
बरगड़ के किसान वृंदावन साहू आत्महत्या मामले को लेकर 9 अलग अलग वामपंथी किसान संगठनों के नेताओं ने मुख्यमंत्री से मिलकर किसानों के लिए अलग से सहायता की मांग की। वामो नेताओं ने मौजूदा प्राकृतिक आपदा सहायता को अपर्याप्त बताते हुए मुख्यमंत्री से एनडीआरएफ नियम में बदलाव करने का आग्रह किया।
कहा कि प्रभावित किसानों को प्रति एकड़ 20 हजार रुपये की सर्वनिम्न सहायता मुहैया की जाए। साथ ही वृंदावन साहू जैसे हर आवास विहीन किसान के परिजनों को घर के लिए 10 डिसमिल जमीन सरकार की ओर से सहायता के तौर प्रदान की जाए। उल्लेखनीय है कि ये वामपंथी किसान नेता वृंदावन साहू के गांव का दौरा कर लौटे हैं। इनका आरोप है कि इलाके में किसानों के हित की उपेक्षा की जा रही है। कीड़े लगने से वृंदावन साहू जैसे कई किसानों पर आफत का पहाड़ टूट पड़ा है।
किसानों की समस्या को लेकर हाई कोर्ट में याचिका
राज्य में किसान आत्महत्या एवं अन्य समस्याओं को लेकर भारतीय विकास परिषद के अध्यक्ष
सुरेंद्र पाणीग्राही ने सोमवार को वकील अंतर्यामी स्वाईं के माध्यम से हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर किया। इसमें पाणीग्राही ने उल्लेख किया है कि राज्य में धान में चकड़ा कीड़ा लगने से कई जिलों में फसल बर्बाद हो गई है जिससे किसानों का भारी नुकसान हुआ है। इस वजह से किसानों द्वारा आत्महत्या किए जाने की घटनाएं सामने आ रही हैं। ऐसे में मृत किसान परिवार को क्षतिपूर्ति देने के साथ उनका कर्ज माफ किया जाए।
सुरेंद्र ने इसके साथ ही पूरे मामले की जांच न्यायाधीश से कराने का आग्रह उच्च न्यायालय से किया है। साथ ही किसानों को धान का सहायक मूल्य प्रति क्विंटल 3500 रुपये करने व कृषि जमीन के लिए बीमा की व्यवस्था करने की मांग की है। इस मामले में सात लोगों को पक्ष बनाया गया है। इसमें केंद्र सरकार के कैबिनेट सचिव, केंद्र एवं राज्य कृषि विभाग के सचिव, खाद्य एवं आर्पूित विभाग के सचिव, मुख्य सचिव शामिल हैं।
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