असफलता के बीच ही छिपे होते हैं सफलता के रहस्य : डॉ. ¨सह
असफलता से निराश नहीं होना चाहिए। क्योंकि, असफलता के बीच ही सफलता के रहस्य छिपे होते हैं।
जेएनएन, भुवनेश्वर : असफलता से निराश नहीं होना चाहिए। क्योंकि, असफलता के बीच ही सफलता के रहस्य छिपे रहते हैं। ऐसे में इसी रहस्य को आधार बनाकर आगे बढ़ना चाहिए। ऐसा काम करें कि आप खुद एक परिचय बन जाएं। अपने जीवन को इस तरह से बनाएं कि उदाहरण बन जाए। एमकेसीजी मेडिकल कॉलेज, बरहमपुर में छात्रों को संबोधित करते हुए मोटीवेशनल स्पीकर सह अद्यंत उच्च माध्यमिक स्कूल के संस्थापक व आकाश इंस्टीट्यूट, भुवनेश्वर के निदेशक डॉ. अजय बहादुर ¨सह ने ये बातें कही।
एमकेसीजी में आयोजित तीन दिवसीय इंटर मेडिकल कॉलेज फेस्ट पाराडाइजर कार्यक्रम की दूसरी शाम बतौर मुख्य वक्ता डॉ. ¨सह ने कहा कि आज के डॉक्टरों से लोगों का भरोसा उठता जा रहा है, ऐसे में चिकित्सक पर जो लोग पहले विश्वास व भरोसा करते थे, उसे बनाए रखने के लिए छात्रों से प्रयास करने को आह्वान किया। उन्होंने कहा कि एक हाथ से आय कर रहे हैं तो दूसरे हाथ से सेवा करें।
डॉ. ¨सह ने गंजाम जिला के सुनाथर गांव के संतोष नायक एवं बरहमपुर के कुठारी मंदिर मुहल्ले के ट्वींकल साहू का उदाहरण देते हुए कहा कि गरीब परिवार के दोनों बच्चे संघर्ष कर आज मेडिकल छात्र बन गए हैं।
डॉ. सिंह ने अपने संघर्ष के जीवन को भी सबके सामने रखा और कहा कि जीवन में कभी साहस नहीं खोना चाहिए। लड़ाई करें, सीखें तभी जाकर जीवन में विजय हासिल होगी। इस मौके पर डॉ. ¨सह ने इंटर मेडिकल कॉलेज प्रतियोगिता के सफल छात्रों को पुरस्कृत भी किया। वहीं मेडिकल कॉलेज के डीन कम प्राध्यापक डॉ. राधामाधव त्रिपाठी, कम्यूनिटी मेडिसीन विभाग के प्रमुख सह छात्र संसद के सलाहकार प्रो. डॉ. दुर्गा माधव शतपथी ने श्रीजगन्नाथ जी का मेमेंटों प्रदान कर डॉ. ¨सह को सम्मानित किया।