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Bahuda yatra 2020: भाई बहन संग जन्म वेदी से रत्न विधि लौटेंगे महाप्रभु श्री जगन्नाथ, सुरक्षा चाक-चौबंद

Bahuda yatra 2020 पुरी में बाहुड़ा यात्रा की तैयारी पूरी हो चुकी है महाप्रभु श्रीजगन्नाथ जी बुधवार को भाई बलभद्र व बहन सुभद्रा संग जन्‍मवेदी से रत्‍नवेदी रवाना होंगे।

By Babita kashyapEdited By: Published: Wed, 01 Jul 2020 07:24 AM (IST)Updated: Wed, 01 Jul 2020 07:24 AM (IST)
Bahuda yatra 2020: भाई बहन संग जन्म वेदी से रत्न विधि लौटेंगे महाप्रभु श्री जगन्नाथ, सुरक्षा चाक-चौबंद
Bahuda yatra 2020: भाई बहन संग जन्म वेदी से रत्न विधि लौटेंगे महाप्रभु श्री जगन्नाथ, सुरक्षा चाक-चौबंद

भुवनेश्वर/पुरी, जागरण संवाददाता। महाप्रभु श्रीजगन्नाथ जी बड़े भाई बलभद्र एवं बहन सुभद्रा के साथ बुधवार को जन्म वेदी से रत्नवेदी के लिए रवाना होंगे। सुप्रीमकोर्ट के निर्देश के बाद केवल पुरी में ही प्रतिबंध के बीच शांतिपूर्ण तरीके से रथयात्रा निकाली गई थी। ऐसे में इसी तर्ज पर महाप्रभु की बाहुड़ा (वापसी) यात्रा को भी सम्पन्न कराने के लिए प्रशासन ने कमर कस ली है। रथयात्रा की ही तरह तमाम रीति नीति सम्पन्न कर श्रीगुंडिचा मंदिर से रथ को खींचकर श्रीमंदिर तक लाया जाएगा। ऐसे में बाहुड़ा यात्रा के लिए पुरी में 70 प्लाटून पुलिस बल तैनात किए जाएंगे। इसके अलावा 400 अधिकारी भी नियोजित किए जाएंगे। मंगलवार को एक पत्रकार सम्मलेन कर यह जानकारी पुलिस एडीजी सौमेन्द्र प्रियदर्शी ने दी है। 

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एडीजी प्रियदर्शी ने कहा है कि रथ को केवल सेवक ही खींचेगे। कोविड टेस्ट निगेटिव रहने वाले सेवक ही रथ खींचने की अनुमति दी गई है। बड़दांड (श्रीमंदिर के सामने वाला मार्ग) में किसी भी व्यक्ति को ना आने के लिए एडीजी ने सलाह दी है। महाप्रभु की इस वापसी यात्रा को लेकर पुरी शहर को आज रात 10 बजे से ही पूरी तरह से शटडाउन कर शहर में कर्फ्यू लगा दिया गया है, जो कि 2 जुलाई सोना वेश के दिन रात 10 बजे तक जारी रहेगा। शहर में किसी भी व्यक्ति को बाहर से जाने की अनुमति नहीं है। पुरी को जोड़ने वाले सभी मार्ग को सील कर दिया गया है। यहां उल्लेखनीय है कि रथयात्रा में शामिल होने वाले पुलिस कर्मचारी, सेवक के साथ करीबन 5 हजार लोगों का कोरोना टेस्ट किया गया था। इनमें से सेवकों का दो-दो बार कोरोना टेस्ट हुआ है। 

वहीं दूसरी तरफ श्रीमंदिर प्रशासन की तरफ से बाहुड़ा यात्रा से लेकर नीलाद्री बिजे तक की तमाम रीति-निर्धारित कर ली गई है। श्रीमंदिर प्रशासन के मुताबिक बुधवार को बाहुड़ा यात्रा के दिन भोर 4 बजे श्रीगुंडिचा मंदिर में मंगल आरती की जाएगी। इसके बाद 4 बजकर 15 मिनट पर मइलम, 4 बजकर 30 मिनट पर तड़पलागी, 4:30 बजे रोषहोम, 5 बजे अवकाश, 5:15 बजे सूर्यपूजा, 5:30 बजे द्वारपाल पूजा, श्रंगार शेष, 5:45 से 6:45 बजे तक गोपाल बल्लभ एवं सुबह की धूप (खिच़ड़ी भोग) होगा। 7 से 7:30 बजे तक सेनापटा लागी, 7:45 बजे मंगलार्पण, 8 से 10 बजे तक बाहुड़ा पहंडी अर्थात श्री विग्रहों को रथ पर विराजमान किया जाएगा। 9 बजे से 10:30 बजे तक रथ पर श्री विग्रहों का वेश किया जाएगा। 10:30 से 11:30 बजे तक तीनों रथों पर गजपति महाराज छेरापहंरा नीति सम्पन्न करेंगे। 11 से 12 बजे तक रथपर सीढ़ी लगाई जाएगी इसके साथ तीनों रथों में घोड़ा लगाया जाएगा। 12 बजे से रथ खींचने की प्रक्रिया शुरु की जाएगी।


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