Bharat Bandh: श्रमिक संगठन का 'भारत बंद' 26 को तो भाजपा शुरु करेगी 'संविधान बचाओ कार्यक्रम'
Bharat Bandh 26 नवम्बर को केन्द्र सरकार के नए कृषि कानून एवं श्रम कानून संशोधन (Agricultural Law and Labor Law Amendment) के खिलाफ देश भर में श्रमिक संगठन एवं कांग्रेस के कार्यकर्ता चक्का जाम करेंगे तो वहीं भाजपा ने संविधान बचाओ कार्यक्रम करेगा।
भुवनेश्वर, जागरण संवाददाता। केन्द्र सरकार के नए कृषि कानून एवं श्रम कानून संशोधन के खिलाफ 26 नवम्बर को 24 घंटे वाला भारत बंद करने का आह्रान विभिन्न श्रमिक संगठन की तरफ से दिया गया है तो वहीं इसी दिन भाजपा ने संविधान बचाओ कार्यक्रम करने का निर्णय लिया है। भाजपा का संविधान बचाओ कार्यक्रम छह दिनों तक चलेगा। संविधान के बारे में ब्लाक से लेकर जिला तक भाजपा कार्यशाला करेगी एवं वर्चुअल बैठक करेगी। भाजपा के संविधान बचाओ कार्यक्रम पर श्रमिक संगठन की तरफ से कहा गया है कि भाजपा नहीं चाहती है कि भारत बंद सफल हो। केन्द्र सरकार ने अपनी कमियों को छिपाने के लिए यह षडयंत्र रचा है।
देश भर में चक्का जाम
वहीं दूसरी तरफ भाजपा ने श्रमिक संगठन के बंद को प्रायोजित कार्यक्रम बताया है तो कांग्रेस ने संविधान बचाओ कार्यक्रम कटाक्ष किया है। 26 नवम्बर को देश भर में श्रमिक संगठन एवं कांग्रेस के कार्यकर्ता चक्का जाम करेंगे। ऐसी स्थिति में भाजपा के संविधान बचाओ कार्यक्रम को लेकर जगह-जगह उत्तेजना होने की आशंका जतायी है। इस परिस्थिति में कानून व्यवस्था को बरकार रखने पुलिस प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती माना जा रहा है।
कामकाज रहेगा ठप
26 नवंबर को होने वाली इस देशव्यापी हडताल में 10 केंद्रीय श्रमिक संगठनों और राज्यों के कर्मचारी संगठन समेत संगठित और असंगठित क्षेत्र के संगठनों के शामिल होंगे, जिसकी वजह से कामकाज पूरी तरह ठप रहने की पूरी आशंका है। पूरे देश में इस बंद को सफल बनाने के लिए श्रमिक और अन्य कर्मचारी संगठनों ने तैयारी शुरु कर दी है। बंगाल के सिलीगुड़ी में तो इसे लेकर 25 नवंबर को महानंदा नदी के किनारे हाथों में मशाल लेकर कर्मचारी जुलूस निकालेंगे। भाकपा माले नेता अभिजीत मजूमदार ने भारत बंद को लेकर कहा है कि केंद्र सरकार कोरोना का लाभ लेकर लगातार श्रम विरोधी कानून बनाकर सदन में पारित करा रही है। ऐसा करके सरकार देश के पूंजीपतियों को फायदा देने के लिए मजदूरों का हनन कर रही है और उन्हें धोखा दे रही है। सीटू नेता समन पाठक का कहना है कि सरकार के इस तरह के फैसले से लोगों में रोष है।