कोरोना प्रतिबंध के बीच कोणार्क महोत्सव का आगाज, सुरक्षा के कड़े इंतजाम
कोरोना प्रतिबंध के बीच भारतीय शास्त्रीय नृत्य का महाकुंभ माना जाने वाला 31वां कोणार्क महोत्सव मंगलवार से शुरू हुआ।
जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर : कोरोना प्रतिबंध के बीच भारतीय शास्त्रीय नृत्य का महाकुंभ माना जाने वाला 31वां कोणार्क महोत्सव मंगलवार से शुरू हुआ। चंद्रभागा स्थित सुनहली बेलाभूमि (समुद्र किनारे) 8वें अंतरराष्ट्रीय बालुका कला उत्सव का अन्तर्राष्ट्रीय बालुका कला उत्सव का भी शुभारंभ हो गया है। ओडिशा हाई कोर्ट के निर्देशानुसार पर्यटन सचिव, निदेशक एवं पुरी के जिलाधीश प्रमुख ने कोणार्क एवं चंद्रभागा में सभी प्रकार की तैयारियों की समीक्षा के बाद उत्सव का आगाज किया गया। कोणार्क मुक्ताकाश रंगमंच (खुले आसमान के नीचे) के साथ कोणार्क शहर एवं चंद्रभागा बेलाभूमि को नए रूप में सजाया गया है। खासकर कोणार्क सूर्य मंदिर के समीप मुक्ताकाश रंगमंच की सजावट, तोरण निर्माण, रंग-बिरंगी लाइटों की सजावट एवं अन्य बाहरी सजावट की विशेष व्यवस्था की गई है। चंद्रभागा में बालुका कला प्रदर्शन किया जा रहा है। इसके लिए बैरिकेड बनाने के साथ ही आलोकीकरण एवं तोरण निर्माण किया गया है। भीड़ नियंत्रण के लिए भी कदम उठाए गए हैं।
मुक्ताकाश रंगमंच में कोविड गाइडलाइन के तहत दर्शक गैलरी में तीन फीट दूरी के हिसाब से 660 दर्शकों के बैठने की व्यवस्था की गई है। कोणार्क उत्सव में पांच दिन तक ओडिशी, कथक, इंडोनेशिया कलाकारों द्वारा बार्ली नृत्य, मोहिनी अट्टम, भारत नाट्यम नृत्य पेश किया जाएगा।
वहीं, अंतरराष्ट्रीय बालुका कला उत्सव में इस साल कोई भी विदेशी कलाकार भाग नहीं ले रहे हैं। देश के विभिन्न राज्य से 70 बालुका कलाकार 20 स्टाल में बालुका कला को प्रदर्शित कर रहे हैं। चंद्रभागा में दर्शकों हेतु बालुका कला उत्सव देखने के लिए विशेष व्यवस्था की गई है।