बीजद प्रवक्ता के बयान पर घिरी नवीन सरकार
राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी कालिया योजना को लेकर मंत्री के तथ्य के बाद बीजद नेता द्वारा अलग तथ्य दिए जाने से राज्य सरकार के समक्ष असमंजस की स्थिति उत्पन्न हो गई है।
जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर : राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी कालिया योजना को लेकर मंत्री के तथ्य के बाद बीजद द्वारा अलग तथ्य दिए जाने से असमंजस की स्थिति उत्पन्न हो गई है। कृषि मंत्री अरुण कुमार साहू पहले ही मान चुके हैं कि कालिया योजना के लाभुक चयन को लेकर कुछ असुविधाएं आई हैं और सरकार नकली लाभुकों की पहचान कर पैसा वापस लाने का काम करेगी। कृषि मंत्री ने कहा था कि तकरीबन 3 लाख 41 हजार अयोग्य लोगों को कालिया योजना का लाभ मिला है। मंत्री के कथन के एक दिन बाद बीजू जनता दल नेता तथा प्रवक्ता प्रताप देव ने कहा कि अयोग्य लाभुकों की संख्या मात्र 32 हजार पाई गई है।
इसे लेकर विपक्षी दलों ने हल्ला मचाना शुरू कर दिया है कि कालिया योजना में कुछ तो ऐसा हुआ है जिसे छुपाने की कोशिश हो रही है। भाजपा ने इस पूरे प्रकरण की निष्पक्ष जांच कराए जाने की मांग की है जबकि कांग्रेस ने कहा कि जो लोग कालिया योजना गड़बड़ी में शामिल हैं उन पर कठोर कार्रवाई की जाए।
भाजपा के महासचिव पृथ्वीराज हरिचंदन ने कहा है कि इस पूरे प्रकरण में किसानों को बली का बकरा बनाया जा रहा है। किसानों ने तो सरकार से पैसा नहीं मांगा था। सरकार ने लाभुकों की सूची बनाई और किसानों के खाते में पैसे डलवाए, अब किसानों से कहा जा रहा है कि पैसा लौटाओ। भाजपा नेता ने कहा कि मामले के लिए जिम्मेदारी अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। भाजपा ने आरोप लगाया कि कालिया योजना में बडे पैमाने पर गडबडी हुई है। सरकार द्वारा जो 3 लाख लाभुक की बात कही जा रही है वह गलत है, वास्तव में यह संख्या 20 लाख के पार है।
उल्लेखनीय है कि कृषि विभाग ने साफ किया था कि कालिया योजना में लाभुक चयन को लेकर गड़बडी हुई है और इस सूची में सरकारी कर्मचारी, बड़े तथा संपन्न किसान, नाबालिगों के नाम शामिल किए गये हैं। इसके अलावा एक ही परिवार के कई सदस्यों को भी कालिया योजना की लाभुक सूची में शामिल किए जाने को लेकर कृषि विभाग ने आपत्ति जताई थी। अब कालिया योजना को लेकर जिस तरह से अलग-अलग बयान आ रहे हैं उससे सरकार के लिए स्थिति असहज होती जा रही है। बीजद प्रवक्ता प्रताप देव ने मीडिया से बातचीत में कहा कि कृषि मंत्री के वक्तव्य को गलत पेश किया गया है। प्रताप ने कहा कि लाभुक सूची में 20 हजार सरकारी कर्मचारी और 20 हजार बड़े किसानों का नाम शामिल है इसलिए कालिया योजना के अयोग्य लाभुकों की संख्या मात्र 32 हजार ही है। कालिया योजना को लेकर विपक्षी दलों ने पहले ही आरोप लगाया था कि चुनावी फायदे के लिए बीजू जनता दल ने कालिया योजना के नाम पर सरकारी खजाने की लूट कराई है। चुनाव में मुख्यमंत्री ने कहा था उनकी सरकार बनते ही कालिया योजना की दूसरी किश्त किसानों के खाते में जमा कर दी जाएगी। मगर आज तक किसानों के खाते में पैसे नहीं गये हैं। ऊपर से अयोग्य लाभुकों को लेकर बीजद के नेता और मंत्री की राय अलग अलग है।