झारखंड में भाजपा की हार से बीजद खेमा खुश
झारखंड चुनाव में भाजपा की हार के बाद विपक्षी दलों में खासा उत्साह देखा जा रहा है।
संसू, भुवनेश्वर : झारखंड चुनाव में भाजपा की हार के बाद विपक्षी दलों में खासा उत्साह देखा जा रहा है। बीजू जनता दल भी इससे अछूता नहीं है। बीजद अंदरखाने खुश है कि एक के बाद एक राज्य भाजपा के हाथ से निकलते जा रहे है। पिछले चुनाव में जिस तरह भाजपा ने कांग्रेस को पीछे छोड़ते हुए मुख्य विपक्ष दल बन गया था उससे बीजद के शिविर में चिता की लहर थी। क्योंकि भाजपा के मुकाबले वह कांग्रेस को आसान प्रतिद्वंदी मान रही है। पड़ोसी छत्तीसगढ़ के बाद अब झारखंड भी भाजपा को हाथ से निकलने के बाद बीजद शिविर में उत्साह की लहर है। हालांकि भाजपा के नेता अभी कहते नहीं थक रहे हैं कि इस हार का प्रभाव ओडिशा की राजनीति पर नहीं पड़ेगा। केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेद्र प्रधान ने कहा कि पड़ोसी राज्य में भाजपा के प्रदर्शन का कोई प्रभाव ओडिशा की राजनीति पर नहीं पडे़गा। लेकिन जिस तरह झारखंड में झामुमो ने अपनी ताकत बढ़ाई है। उसका प्रभाव सीमावर्ती आदिवासी बहुल जिले सुंदरगढ़, मयूरभंज और क्योंझर जिले में पड़ सकता है। इन जिलों में पिछले चुनाव में भाजपा का प्रदर्शन बेहतर रहा था। जहां 2014 में बीजद ने मयूरभंज की सभी नौ विधानसभा सीट पर कब्जा जमाया था वहीं 2019 में भाजपा ने बीजद की गणित को उलट-पलट दिया था। भाजपा को मयुरभंज में नौ में से छह विधानसभा सीट पर जीत मिली थी। सुंदरगढ़ जिले की सात में से भाजपा ने तीन अपनी झोली में डाल ली थी। अत: अब झारखंड में झामुमो की जीत से बीजू जनता दल सबसे अधिक खुश है कि इन आदिवासी जिलों में भाजपा का दबदबा कम करने में झारखंड मुक्ति मोर्चा सफल हो पाएगा।