COVID-19 से मुकाबला करेगा ये खास रोबोट, नर्स व स्वास्थ्यकर्मियों को मिलेगी मदद
आईटीआई एवं साक रोबोटिक्स लैब के संयुक्त प्रयास से इंस्टीट्यूट ने दो रोबोट बनाये हैं यह रोबोट कोरोना से संक्रमित मरीजों को अस्पताल में सेवा मुहैया करेगा।
भुवनेश्वर, जेएनएन। कोरोना वायरस से पूरी दुनिया जंग लड़ रही है। हर कोई इस जंग को जीतने की उम्मीद के साथ अपनी तरफ से हर संभव कोशिश कर रहा है। बावजूद इसके यह वायरस पूरी दुनिया में अपनी काया का विस्तार करते जा रहा है। ऐसे में इस वायरस से मुकाबला करने के लिए हर स्तर पर लगातार प्रयास जारी है। इसी प्रयास में कटक खपुरिया स्थित सरकारी आईटीआई भी जुड़ गया है। पहले से ही इस शिक्षा अनुष्ठान द्वारा मोबाइल कोरोना नमूना संग्रह मशीन तैयार की जा चुकी है और अब कम खर्च में सरकारी अनुष्ठान ने कोविड 19 से मुकाबला करने के लिए दो रोबोट तैयार किया है। रोबोट की कीमत 2.5 लाख रुपए है। यह रोबोट कोरोना से संक्रमित मरीजों को अस्पताल में सेवा मुहैया करेगा।
जानकारी के मुताबिक कोरोना की लड़ाई में शामिल होने वाले डॉक्टर एवं स्वास्थ्य कर्मी की मदद करने के उद्देश्य से खपुरिया सरकारी आईटीआई इंस्टीट्यूट ने स्ट्रक्चर रोबोट तैयार करने का निर्णय लिया। आईटीआई एवं साक रोबोटिक्स लैब के संयुक्त प्रयास से इंस्टीट्यूट ने दो रोबोट तैयार किया है।
खपुरिया सरकारी आईटीआई के अध्यक्ष डॉक्टर हृषिकेश महंती से मिली जानकारी के मुताबिक यह रोबोट दीपक कुमार मुदुली, ललित महंती, मिताली राय, ललिता सुंदरी मार्था, ज्योति रंजन बारिक एवं संजय कर के संयुक्त प्रयास से तैयार हुआ है। इस रोबोट की ऊंचाई करीबन 3 फुट है। कोविड-19 अस्पताल में इलाज करा रहे मरीजों को इस रोबोट के जरिए सेवा मुहैया की जा सकती है।
आवागमन के लिए इस रोबोट में पहिया लगाया गया है। मरीजों को खाद्य पानी तथा दवा देने में यह सहायक होगा। इसके लिए एक ट्रे बनाई गई है जिसमें 20 किलो वजन की सामग्री ले जाया जा सकता है। मरीजों की सेवा कर रहे नर्स एवं स्वास्थ्य कर्मी को इससे प्रत्यक्ष रूप से मदद मिलेगी। इससे वे कोरोना संक्रमण से बच सकते हैं।
इस रोबोट में वायरलेस कम्युनिकेशन प्रोटोकल का प्रयोग किया गया है। नेविगेशन एवं मैपिंग आदि के द्वारा इसे और अधिक विकसित करने पर यह रोबोट अस्पताल में किसी भी वार्ड में आवागमन कर सकता है। यह टैली प्रोजेंस रोबोट है। इसके जरिए डॉक्टर मरीजों की कार्यशैली पर भी नजर रख सकते हैं। डॉक्टर अपनी चेंबर में जाकर मरीजों के साथ सीधी बातचीत भी कर पाएंगे। डॉक्टर महांती ने कहा है कि इस सफलता के बाद हर तरफ से सराहना मिल रही है।