जनशिक्षा विभाग के लिफलेट में गलत तथ्य मामला: शिक्षामंत्री ने दी सफाई, पुन: लिफलेट छापने के निर्देश
महात्मा गांधी जी की मृत्यु को लेकर गलत तथ्य छापने के मामले में शिक्षामंत्री ने सफाई देते हुए कहा कि इसके पीछे कोई गलत उद्देश्य नहीं था।
भुवनेश्वर, जेएनएन। सरकारी पुस्तक में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी से संबन्धित गलत तथ्य प्रसंग पर शनिवार को विधानसभा में जनशिक्षा मंत्री समीर दास ने अपना पक्ष रखा है। मंत्री ने कहा है कि गांधी जी की हत्या को लेकर जो तथ्य पाए गए हैं, वह उद्देश्यमूलक नहीं है। महात्मा गांधी जी की मृत्यु को लेकर गलत तथ्य रखने के पीछे किसी भी प्रकार का कोई उद्देश्य नहीं था। इसके लिए दायित्व में रहने वाले अधिकारी को सेवा से हटा दिया गया है एवं संशोधित लिफलेट पुन: छापकर बच्चों में बांटने के लिए निर्देश दिया गया है।
इसके साथ ही दो अधिकारियों को कैफियत तलब किए जाने की जानकारी भी मंत्री ने शनिवार को विधानसभा में दी है। मंत्री ने कहा है कि महात्मा गांधी जी की 150वीं जयंती उत्सव को दो साल तक मनाने, संविधान के मुख्य पृष्ठ पर अहिंसा शब्द को शामिल करने जैसे उल्लेखनीय कार्य कर मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने राष्ट्रीय स्तर पर जो सुनाम अर्जित किया है, विद्यालय एवं जनशिक्षा विभाग ने उसमें काला धब्बा लगा दिया है।
यहां उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय स्तर पर मीडिया में इस प्रसंग को लेकर चर्चा शुरू हो गई थी एवं विधानसभा में कांग्रेस पार्टी के नेता नरसिंह मिश्र ने अति कटु शब्द से इसकी समालोचना की थी। मिश्र ने कहा था कि यदि मुख्यमंत्री की जानकारी में यह गलती हुई है तो फिर उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए।यदि अनजान में यह गलती हुई है तो फिर उन्हें राज्य के लोगों से क्षमा मांगनी चाहिए। इस मामले को लेकर उपजे विवाद के बाद विधानसभा अध्यक्ष सूर्य नारायण पात्र ने इस संदर्भ में शनिवार को सदन में विस्तार से तथ्य रखने के लिए विभागीय मंत्री को निर्देश दिया था, जिस पर आज मंत्री ने विस्तार से सदन के सामने जानकारी दी है।
गौरतलब है कि जनशिक्षा विभाग की तरफ से प्रकाशित दो पन्ने वाली लिफलेट आम बापूजी अर्थात हमारे बापूजी : एक झलक में गांधी जी की मृत्यु को आकस्मिक दर्शाया गया था। यह बात सामने आने के बाद इस पर कड़ी प्रतिक्रिया लोगों ने दी। शुक्रवार को विधानसभा में यह प्रसंग उठाए जाने के बाद विधानसभा अध्यक्ष ने इस पर रूलिंग जारी करते हुए विभागीय मंत्री से सदन में उत्तर रखने के लिए निर्देश दिए थे।
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