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कार्तिक माह में सभी भक्तों को मिलेगा महाप्रसाद: टोल फ्री नंबर जारी करेगा जिला प्रशासन

कार्तिक के धार्मिक महिने में भले ही भक्‍त महाप्रभु श्री जगन्नाथ जी के दर्शन से वंचित जरूर हैं लेकिन महाप्रभु का प्रसाद हर भक्‍त को मिलेगा। इसके लिए एक विशेष व्‍यवस्‍था प्रशासन की तरफ से की गई है।

By Babita kashyapEdited By: Published: Fri, 30 Oct 2020 02:46 PM (IST)Updated: Fri, 30 Oct 2020 02:46 PM (IST)
कार्तिक माह में सभी भक्तों को मिलेगा महाप्रसाद: टोल फ्री नंबर जारी करेगा जिला प्रशासन
कार्तिक माह में सभी भक्‍तों को मिलेगा महाप्रसाद

भुवनेश्वर, जागरण संवाददाता। महाप्रभु श्री जगन्नाथ जी के दर्शन से भक्त वंचित जरूर हैं परन्तु अब महाप्रसाद से वंचित नहीं होंगे। धार्मिक महीना कार्तिक में महाप्रभु की महाप्रसाद सभी भक्तों को मिलेगा। कार्तिक व्रत रखने वाले हविष्याली एवं श्रद्धालुओं के लिए विशेष व्यवस्था प्रशासन की तरफ से की गई है। श्रीमंदिर के उत्तर एवं दक्षिण द्वार पर टोकन के जरिए भक्तों को महाप्रसाद देने की व्यवस्था करने की जानकारी पुरी जिला प्रशासन की तरफ से दी गई है।  

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परिस्थिति को देखते हुए महाप्रसाद के लिए दो अस्थाई शिविर निर्माण किया गया है। सुआर एवं महासुआर निजोग प्रतिनिधि के जरिए महाप्रसाद मुहैया की जाएगी। केवल इतना ही नहीं, किस प्रकार आसानी से महाप्रसाद भक्तों को मिले उस पर भी ध्यान दिया गया है। आगामी दिनों में इसके लिए टोल फ्री नंबर भी जारी करने की जानकारी उप जिलादीश भवतारण साहू ने दी है। 

 उसी तरह से श्रीक्षेत्र धाम पुरी में हविष्याली व्रत करने के लिए ना आने को प्रशासन ने अनुरोध किया है। कोविड के समय व्रत को लेकर भीड़ बढने की सम्भावना होने से प्रशासन ने सभी से सहयोग मांगा है। इसके साथ ही अधिक उम्र की बुजुर्ग महिलाओं को घर में रहकर व्रत का पालन करने के लिए प्रशासन ने सलाह दी है।

गौरतलब है कि कार्तिक माह को लेकर महाप्रभु श्रीमंदिर जगन्नाथ में होने वाली विभिन्न नीतियों के लिए श्रीमंदिर प्रशासन की तरफ से नीतियों का निर्धारण किया जा चुका है। नीति के अनुसार भोर 4 बजे श्रीमंदिर के द्वार खोलने के बाद मंगल आरती, मइलम, तड़पलागी, भोग मंडप, दोपहर की धूप इसके बाद दूसरा भोग मंडप एवं शाम की आरती, शाम की धूप, बड़ सिंहार वेश आदि सम्पन्न किया जाएगा।

 इसके साथ ही भगवान को 25 नवम्बर को लक्ष्मीनारायण वेश, 26 नवम्‍बर को बांगचुड़ा वेश, 27 नवम्बर को नागार्जुन वेश, 28 नवम्बर को त्रिविक्रम वेश, 29 नवम्बबर को लक्ष्मीकान्त वेश, 30 नवम्बर को राजाधिराज वेश धारण करवाया जाएगा। 


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