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School Fees Issue In Odisha: हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को दिया स्कूल फीस विवाद मामले में निर्णय का दायित्व

ओडिशा में स्कूल फीस मामले में निर्णय लेने का दायित्‍व हाईकोर्ट ने राज्‍य सरकार को दे दिया है। इसके बाद स्कूल फीस माफ करने का विवाद मुद्दे पर होने वाली बैठक और एमओयू को कड़े तौर पर पालन करने का निर्णय अब सरकार के ऊपर आ गया है।

By Babita KashyapEdited By: Published: Mon, 11 Jan 2021 01:00 PM (IST)Updated: Mon, 11 Jan 2021 01:33 PM (IST)
School Fees Issue In Odisha: हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को दिया स्कूल फीस विवाद मामले में निर्णय का दायित्व
स्कूल फीस विवाद मामले में अब तमाम निर्णय हाईकोर्ट ने राज्य सरकार के ऊपर छोड़ दिया है।

 कटक, जागरण संवाददाता। हाईकोर्ट ने स्कूल फीस विवाद मामले में अब तमाम निर्णय लेने का दायित्व राज्य सरकार के ऊपर छोड़ दिया है। अगर किसी भी अनुष्ठान या पक्ष को अगर कुछ अलग से राय या सुझाव देना है तो वह उसके लिए अलग से मामला दायर कर सकेंगे। उसके लिए किसी भी पक्ष को मना नहीं किया जाएगा, यह बात हाईकोर्ट ने स्पष्ट की है। 

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हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉक्टर जस्टिस एस.मुरलीधर और डॉक्टर जस्टिस बी.आर षड़ंगी को लेकर गठित खंडपीठ ने इस संबंधित दायर एक से अधिक मामले की राय घोषित करते हुए यह स्पष्ट किया है। हालांकि पहले से ही सर्वसम्मति से तैयार होने वाली एमओयू को कार्य में लाए जाने के लिए राज्य सरकार को क्या ठोस कदम उठाना होगा, उस बारे में कुछ भी राय में स्पष्ट नहीं की गई है। इसके अलावा खंडपीठ वर्ष 1996 सितंबर 23 तारीख को विद्यालय व गणशिक्षा विभाग की ओर से निजी स्कूल के स्वीकृति व एनओसी जारी संबंध में गाइडलाइन को कड़े तौर पर लागू करने के संबंध में तमाम पक्ष अलग से कानून के द्वारा अनुमति प्राप्त प्रक्रिया का अनुसरण कर सकेंगे। यह बात भी राय में स्पष्ट की गई है। 

 यह निर्देश देते हुए हाईकोर्ट ने इस संबंध में दायर मामलों की तमाम सुनवाई पर विराम लगाया है। इसके पश्चात इससे पहले लगाए जाने वाले तमाम अंतरिम निर्देश को हटा दिया गया है। इसके साथ ही साथ इस राय में यह भी जिक्र किया गया है कि एक शिक्षा अनुष्ठान स्थापना के समय मुनाफे का इरादे रखना ठीक नहीं है। वर्ष 1996 सितंबर 30 तारीख में राज्य विद्यालय व गण शिक्षा विभाग की ओर से निजी स्कूलों के नियंत्रण के लिए लिए तैयार किए जाने वाली प्रस्ताव सुप्रीमकोर्ट के विभिन्न राय में जिक्र है। इस राय के बाद अब स्कूल फीस माफ करने का विवाद मुद्दे पर विद्यालयों व गण शिक्षा सचिव की अध्यक्षता में लगने वाली बैठक और उसमें सर्वसम्मति से तैयार किए जाने वाले एमओयू को कड़े तौर पर पालन करने का निर्णय अब सरकार के ऊपर आ गया है। ऐसे में अगर किसी भी पक्ष को एमओयू को विरोध करना होगा तो वह अलग से कानून के तहत आवेदन कर सकेंगे, यह बात इस राय में स्पष्ट किया गया है।

 शिक्षा मंत्री ने कहा हाईकोर्ट की राय मिलने पर किया जाएगा विचार 

स्कूल फीस को लेकर हाईकोर्ट की आयी राय के बाद स्कूल एवं जनशिक्षा मंत्री समीर रंजन दास ने आज अपनी प्रतिक्रिया दी है। मंत्री ने कहा है कि हाईकोर्ट का निर्देश मिलने के बाद उस पर विचार किया जाएगा। हाईकोर्ट ने जो निर्देश या सलाह दिया है, उसे देखने के बाद विभाग आगे का कदम उठाएगा। 

गजपति जिले में शिक्षक एवं छात्रों को कोरोना से संक्रमित होने के प्रसंग पर मंत्री समीर रंजन दास ने कहा है कि स्कूल जाने से पहले शिक्षकों को कोविड टेस्ट हुआ था। जो लोग कोरोना पाजिटिव पाए गए उन्हें क्‍वारंटाइन में रखा गया है। जहां पर शिक्षकों की कमी है वहां पर अन्य जगह से शिक्षक लाकर पढ़ाई कार्य सम्पादन किया जा रहा है। संक्रमण को लेकर विभाग पूरी तरह से सतर्क है। विभिन्न टीम स्कूलों का दौरा कर अनुध्यान कर रही है। सभी जगहों पर आनुष्ठानिक व्यवस्था की गई है। 

मंत्री ने आज खुर्दा, नयागड़ एवं बौद्ध जिले में कुछ स्कूलों का परिदर्शन किया है। मंत्री ने कहा है कि 14 जनवरी को मुख्यमंत्री नवीन पटनायक कालाहांडी जिले का दौरा करेंगे। जिले में एक हजार करोड़ रुपये के जल सिंचाई प्रोजेक्ट का शुभारंभ करेंगे। इससे कालाहांडी जिले के लाखों किसान उपकृत होंगे। इससे प्रमाणित हो रहा है कि मुख्यमंत्री जो कहते हैं वह करते हैं।


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