ओडिशा: 11 करोड़ की कीमत की खेती नष्ट, आबकारी विभाग ने क्यों उठाया ये कदम
ओडिशा में आबकारी विभाग राजस्व विभाग एवं जंगल विभाग के अधिकारियों ने संयुक्त रूप से छापामारी कर 107 एकड़ जमीन में लगाए गए 2 लाख 15 हजार गांजा के पौधों को नष्ट कर दिया गया।
भुवनेश्वर, जेएनएन। ओड़िशा के बौद्ध जिला के मनमुंडा थाना अन्तर्गत थाटीपाली मौजा गांव के पास जंगल एवं गोचर जमीन में की गई गांजा की खेती को नष्ट कर दिया गया है। जानकारी के मुताबिक करीबन 107 एकड़ जमीन में लगाए गए 2 लाख 15 हजार गांजा के पौधों को जला दिया गया है, जिसकी आनुमानिक कीमत 11 करोड़ रुपया है।
बौद्ध जिला के एसपी के निर्देश पर मनमुंडा थाना पुलिस के साथ आबकारी विभाग, राजस्व विभाग एवं जंगल विभाग के अधिकारियों ने संयुक्त रूप से छापामारी कर गांजा के फसल में आग लगाकर नष्ट कर गौरतलब है कि भारतीय संविधान के अनुसार गांजा की खेती गैरकानूनी और पिछले दिनों आए गांजा की खेती करने संबंधी प्रस्ताव को भी आबकारी विभाग ठुकरा दिया था। आबकारी विभाग के सचिव सुशील कुमार लोहानी ने स्पष्ट रूप से कहा है कि गांजा की खेती को सरकार किसी भी तरह से प्रोत्साहित नहीं कर सकती है।
राज्य मे गांजा की खेती गैरकानूनी है और इसकी खेती के लिए किसी संस्था को अनुमति नहीं दी जा सकती है। ऐसे में अब नियमित रूप से जहां कहीं भी गांजा खेती की सूचना मिलती है, प्रशासन उस पर सख्ती से कदम उठाते हुए फसल को नष्ट कर रहा है। हालांकि इसके लिए प्रशासन को लोगों के विरोध का भी सामना करना पड़ा रहा है। इसी के तहत आज बौद्ध जिले में 11 करोड़ रुपये के गांजा की फसल को विभाग की तरफ से नष्ट किया गया है।
यहां उल्लेखनीय है कि नार्कोटिक ड्रग्स एण्ड साइकोट्रोपिक सबस्टेन्स एक्ट 1985 के अनुसार गांजा की खेती को गैरकानूनी घोषित किया गया है। हालांकि कुछ लोग इसमें औषधीय गुण दर्शाकर गांजा की खेती करने के लिए अनुमति मांगते रहते हैं, जिसे आबकारी विभाग ने सिरे से खारिज कर दिया है।
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