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Cyclone Yaas: चक्रवाती तूफान 'यास' के चलते ओडिशा में भारी बारिश

Cyclone Yaas तूफान यस के चलचे सोमवार अपरान्ह एक बजे से राजधानी भुवनेश्वर में बारिश का दौर आरंभ हो चुका है। हालांकि अभी तेज हवा नहीं आरंभ हुई है मगर पूर्वानुमान के अनुरूप ही तूफान का प्रभाव दिखाई दे रहा है।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Mon, 24 May 2021 06:26 PM (IST)Updated: Mon, 24 May 2021 06:29 PM (IST)
Cyclone Yaas: चक्रवाती तूफान 'यास' के चलते ओडिशा में भारी बारिश
चक्रवाती तूफान 'यास' के चलते ओडिशा में भारी बारिश। फाइल फोटो

भुवनेश्वर, जागरण संवाददाता। Cyclone Yaas: बंगाल की खाड़ी में बने तूफान यस का प्रभाव दिखाई देना शुरू हो गया है। सोमवार अपरान्ह एक बजे से राजधानी भुवनेश्वर में बारिश का दौर आरंभ हो चुका है। हालांकि अभी तेज हवा नहीं आरंभ हुई है, मगर पूर्वानुमान के अनुरूप ही तूफान का प्रभाव दिखाई दे रहा है। मौसम विभाग ने पहले ही चेतावनी जारी कर दी थी कि 24 तारीख से तटीय इलाकों में बारिश आरंभ हो जाएगी। भुवनेश्वर क्षेत्रीय मौसम विभाग के निदेशक एचआर विश्वास ने तूफान यास के बारे में लेटेस्ट अपडेट देते हुए कहा कि वर्तमान तक लगाए जा रहे अनुमान के अनुसार यह तूफान बालेश्वर के आसपास लैंड फाल कर सकता है। तूफान के 26 तारीख दोपहर तक बालेश्वर के पास लैंड फाल की जानकारी है।

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उन्होंने कहा कि यह तूफान जगतसिंहपुर भद्रक केंद्रपाड़ा और बालेश्वर जिले में ज्यादा प्रभाव छोड़ने वाला है इसके अलावा खुर्दा, पुरी, कटक जाजपुर, मयूरभंज आदि जिले भी तूफान की चपेट में आएंगे जहां बारिश का प्रकोप ज्यादा हो सकता है। एचआर विश्वास ने तूफान के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि इस तूफान के कारण 25 तारीख से हवा की रफ्तार बढ़ने वाली है और 26 तारीख सुबह से यह 120 किलो मीटर को पार कर जाएगा लैंड फाल के समय हवा की रफ्तार 155 से 150 किलोमीटर तक जाने की भी संभावना जताई गई है विश्वास ने जानकारी दी है कि वर्तमान तूफान पारादीप से 500 किलोमीटर पूर्व दिशा में स्थित है आज यह भीषण और कल अति भीषण समुद्री तूफान में तब्दील हो जाएगा। इसके पारादीप से लेकर सागर द्वीप के मध्य तट पार करने की संभावना है। वर्तमान जानकारी के अनुसार यह तूफान बालेश्वर के पास लैंड फाल कर सकता है। मौसम विभाग की क्षेत्र निदेशक एचआर विश्वास ने आगे तूफान से होने वाले नुकसान के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि इस तूफान के चलते हवा की रफ्तार काफी तेज होने के कारण बड़े बड़े पेड़ उखड़ सकते हैं और कच्चे मकानों को ज्यादा नुकसान हो सकता है। इसे देखते हुए लोगों को सुरक्षित अपने ही घर में रहने की जरूरत है। तटीय इलाके से लोग खास करके तूफान आश्रय स्थलों एवं अन्य पक्के घरों में चले जाएं।

तूफान संबंधी चेतावनी को देखते हुए प्रशासन ने भी युद्ध स्तर पर तैयारी आरंभ कर दी है। राज्य के बालेश्वर, भद्रक, केंद्रपाड़ा, जगतसिंहपुर ,पूरी, जाजपुर, खुर्दा और कटक आदि तटीय जिलों में रेड अलर्ट को देखते हुए राहत और बचाव कार्य पर फोकस किया गया है। मौसम विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार, इस तूफान के दौरान समुद्र में तीन से चार मीटर ऊंची लहरें उठने की आशंकाओं को देखते हुए तटीय इलाके में एनडीआरएफ, ओडीआरएएफ की टीम भेजी गई है। तूफान के मुकाबले के लेकर राज्य सरकार ने एक्शन प्लान तैयार कर उसके अनुसार भद्रक और बालेश्वर जिलों में 7 एनडीआरएफ, 4ओडीआरएएफ एवं 9 अग्निशमन दल को तैनात कर दिया है। भद्रक जिले के धामरा,चांदबाली, बासुदेव पुर, तिहिडी इलाके में आज और अधिक ndrf टीम भेजी गई है । पिछले अंपन तूफान के समय यह इलाका काफी प्रभावित होने के कारण इस क्षेत्र पर ज्यादा ध्यान दिया गया है। भद्रक जिले के इस इलाके में लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने का काम स्थानीय प्रशासन ने आरंभ कर दिया है। तूफान को देखते हुए ओडिशा के लिए 52 एनडीआरएफ की टीम भेजने की जानकारी दी है कुल 99 एनडीआरएफ की टीमें आंध्र प्रदेश उड़ीसा और पश्चिम बंगाल के प्रभावित इलाकों में तैनात की जाएंगी। ओडिशा में एनडीआरएफ की 22 टीमें पहले ही तैनात कर दी गई है। ओडिशा अग्निशमन विभाग ने अब तक 175 दल की तैनाती कर दी है।

तूफान से निपटने की तैयारी

संभावित तूफान के मुकाबले को लेकर राजधानी भुवनेश्वर में भी बड़े पैमाने पर तैयारी शुरू कर दी है। मौसम विभाग ने पहले ही चेतावनी दे दी थी कि सोमवार 24 तारीख से राजधानी सहित तटीय इलाके में बारिश का दौर आरंभ हो जाएगा यह बारिश 26 तारीख तक जारी रह सकती है । स्थिति को देखते हुए भुवनेश्वर महानगर निगम ( बीएमसी) ने तूफान कंट्रोल रूम 24 घंटे पूरी तरह से कार्यक्षम कर दिया है।कंट्रोल रूम के लिए दो टोल फ्री नंबर जारी किए गए हैं। कंट्रोल रूम में ब्लीचिंग पाउडर आवश्यक दवा, हेलोजन, सहित बीएमसी के डॉक्टरों को 24 घंटे तैनात रखा जाएगा। बीएमसी के कंट्रोल रूम सहित अन्य महत्वपूर्ण कार्यालयों में अनवरत बिजली सप्लाई हेतु जनरेटर की व्यवस्था की गई है। तूफान के दौरान पेड़ों के गिरने और रास्ते में अवरोध हटाने के लिए 33 कटर मशिन एवं पानी निकासी के लिए 20 पंप मुहैया कराए गए हैं। इस कार्य के लिए अग्निशमन विभाग की सहायता भी दी जा रही है। तूफान के दौरान राजधानी क्षेत्र में जलापूर्ति और बिजली बहाली को लेकर भी महत्वपूर्ण बैठक की गई है और जल आपूर्ति विभाग तथा बिजली वितरण विभाग को संभावित खतरे से आगाह कर दिया गया है। राजधानी के निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने और उनके लिए खाने पीने की व्यवस्था करने के लिए आवश्यक निर्देश दिए गए हैं।

मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने राज्य के नागरिकों से कहा, सरकार संकट से निपटने को तैयार

तूफान यास के मुकाबले को लेकर मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने राज्य के नागरिकों को संदेश देते हुए कहा कि वर्तमान राज्य पर दो दो संकट आया है। हमें एकजुट होकर एक दूसरे का सहयोग करते हुए संकट का सामना करना होगा। सीएम ने तुफान के समय लोगों से अपने घरों में रहने का आग्रह करते हुए कहा कि तूफान के समय बाहर ना निकले । करोना से बचाव के लिए सीएम ने लोगों से डबल मास्क पहनने के साथ टीकाकरण जरूर करवाने की अपील की है। आज शाम 4:00 बजे राज्य के लोगों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा की वर्तमान संपूर्ण मानव जाति एक संकट के समय से गुजर रही है ऐसे समय हमें एकजुट होकर इस संकट का सामना करना है। सीएम ने कहां की राज्य के समस्त 4.5 करोड नागरिकों के जान माल की सुरक्षा सरकार का प्रथम कर्तव्य हैं हम संभावित तुफान से लड़ने के लिए पूरी तरह तैयार हे। मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि तूफान के समय लोग साइक्लोन सेल्टर, पक्के घरों एवं अन्य सुरक्षित स्थानों में चले जाएं।

उधर तूफान से निपटने की तैयारी में राज्य सरकार ने एक महत्वपूर्ण लेते हुए सर्वाधिक प्रभावित होने वाले 5 जिलो के लिए पांच बरिष्ठ आइएएसस अधिकारी एवं पांच आईपीएस अधिकारीयों को उत्तरदायित्व दिया है । बालेश्वर जिले के लिए आईएएस विशाल देव एवं आइपीएस दिप्तेश पटनायक को उत्तरदायित्व सौंपा गया है। भद्रक जिले के लिए आईएएस बी वी यादव एवं आइपीएस अमरेंद्र नाथ सिन्हा को उत्तरदायित्व दिया गया है । केंद्रापड़ा जिले के लिए आईएएस हेमंत शर्मा एवं आइपीएस अधिकारी जयनारायण पंकज को उत्तरदायित्व दिया गया है । जगतसिंहपुर जिले के लिए आईएएस शास्वत मिश्र एवं आईपीएस अमिताभ ठाकुर को तथा मयूरभंज जिले के लिए आईएएस सुरेश वशिष्ठ एवं आईपीएस अनिरुद्ध सिंह को उत्तर दायित्व सौंपा गया है। यह वरिष्ठ अधिकारी उपरोक्त जिलों के प्रशासन के साथ मिलकर राहत और बचाव कार्य का निगरानी करेंगे । विशेष राहत कमिश्नर ( एस आर सी) प्रदीप्त जेना ने सभी प्रभावित जिलाधिशों को जीरो कैजुअल्टी मोड पर काम करने की हिदायत दी है ताकि जान माल का कम से कम नुकसान हो सके 


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