Jagannath temple in London: लंदन में बनेगा भव्य जगन्नाथ मंदिर, जानें इस मंदिर के 10 आश्चर्यजनक तथ्य
Jagannath temple to be built in London लंदन में भव्य जगन्नाथ मंदिर का निर्माण किया जाएगा ओडिशा सोसाइटी आफ यूके के वार्षिक अधिवेशन में इसका प्रस्ताव रखा गया है।
भुवनेश्वर, जागरण संवाददाता। लंदन में भव्य जगन्नाथ मंदिर बनाया जाएगा। 4 मिलियन यूरोपीय डालर के खर्च से यह मंदिर निर्माण किया जाएगा। 2024 तक मंदिर बनकर तैयार हो जाएगा। ओडिशा सोसाइटी आफ यूके के 41वें वार्षिक अधिवेशन में यूके में प्रवासी ओडिआ के द्वारा गठित जगन्नाथ टेम्पल ट्रस्ट यूके की तरफ से यह प्रस्ताव दिया गया है।
मंदिर निर्माण के लिए सहयोग का आश्वासन
आनलाइन हुए इस अधिवेशन में ओडिशा विधानसभा अध्यक्ष सूर्यनारायण पात्र एवं विधानसभा में विरोधी दल के नेता प्रदीप्त कुमार नायक, संस्कृति मंत्री ज्योति प्रकाश पाणीग्राही, सांसद अच्यूत सामन्त, सुजीत कुमार, डा. अमर पटनायक, भाजपा राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बैजयंत पंडा, पूर्व सांसद रामचन्द्र खुंटिया, प्रसन्न पाटशाणी, रंजीव विश्वाल, पद्मश्री हलधर नाग, चंद्रभानु शतपथी, केरल पुलिस के डीजी लोकनाथ बेहेरा प्रमुख शामिल होकर मंदिर निर्माण के लिए सहयोग करने का आश्वासन दिया है। इस अवसर पर ट्रस्ट की तरफ से धन एकत्र करने के लिए निवेदन किया गया है।
बनेगा ई-पाठागार एवं ई-हव
गजपति महाराज दिव्य सिंहदेव, केन्द्र मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान, केन्द्र मंत्री प्रताप चन्द्र षडंगी ने लंदन में महाप्रभु श्री जगन्नाथ जी के मंदिर निर्माण में सहयोग करने के लिए आश्वासन दिए जाने की बात ट्रस्ट की तरफ से कही गई है। आनलाइन जगन्नाथ संस्कृति एवं साहित्य प्रकाश के साथ भक्तों को मंदिर के साथ जोड़ने के लिए ई-पाठागार एवं ई-हव बनाया जाएगा।
जानें पुरी जगन्नाथ मंदिर के बारे में 10 आश्चर्यजनक तथ्य
1. पुरी का जगन्नाथ मंदिर विश्व भर में प्रसिद्ध है। इसका आर्किटेक्ट इतना भव्य है कि दूर-दूर के वास्तु विशेषज्ञ इस पर रिसर्च करने यहां आते हैं।
2. मंदिर के ऊपर स्थापित ध्वज सदैव हवा के विपरीत दिशा में लहराता है।
3. पुरी में किसी भी स्थान पर खड़े होकर आप मंदिर के शीर्ष पर लगे सुदर्शन चक्र को देख सकते हैं।
4. सामान्य दिनों के समय हवा समुद्र से जमीन की तरफ आती है और शाम के दौरान इसके विपरीत, लेकिन पुरी में इसका उल्टा होता है।
5. पक्षी या विमानों कभी इस मंदिर के ऊपर उड़ते हुए नहीं दिखते।
6. इस मंदिर के गुंबद की छाया हमेशा अदृश्य ही रहती है।
7. मंदिर के अंदर कच्चे अनाज की मात्रा पूरे वर्ष के लिए रहती है। प्रसाद का एक भी कण कभी भी व्यर्थ नहीं जाता।
8. मंदिर की रसोई में प्रसाद पकाने के लिए 7 बर्तन एक-दूसरे पर रखे जाते हैं और सब कुछ लकड़ी पर ही पकाया जाता है।
9. मंदिर के सिंहद्वार में प्रवेश करने पर ही (मंदिर के अंदर से) आप सागर द्वारा निर्मित किसी भी ध्वनि को नहीं सुन सकते। आप (मंदिर के बाहर से) एक ही कदम को पार करें, तब आप इसे सुन सकते हैं। इसे शाम को स्पष्ट रूप से अनुभव किया जा सकता है।
10. मंदिर का रसोईघर दुनिया का सबसे बड़ा रसोईघर है।