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सरकार ने की ITI छात्रों की हॉस्टल फीस माफ, 30 हजार छात्र-छात्रा होंगे लाभान्वित

ओडिशा सरकार ने आइटीआइ छात्र-छात्राओं की नौ माह की हॉस्टल फीस माफ करने की घोषणा कर दी है। सरकार की इस घोषणा का लाभ 30000 छात्र-छात्राओं को मिलेगा। आइटीआइ छात्र-छात्राओं के साथ उनके अभिभावकों ने सरकार के इस निर्णय का स्वागत किया है।

By Babita KashyapEdited By: Published: Thu, 04 Feb 2021 10:51 AM (IST)Updated: Thu, 04 Feb 2021 10:51 AM (IST)
सरकार ने की ITI छात्रों की हॉस्टल फीस माफ, 30 हजार छात्र-छात्रा होंगे लाभान्वित
ओडिशा सरकार ने की आइटीआइ छात्र-छात्राओं की हॉस्टल फीस माफ करने की घोषणा

भुवनेश्वर, जागरण संवाददाता। आइटीआइ छात्र-छात्राओं की हॉस्टल फीस माफ करने की घोषणा राज्य सरकार ने की है। मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के निर्देश पर राज्य के सभी सरकारी आइटीआइ में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं की 9 महीने की हॉस्टल फीस को माफ कर दिया गया है। सरकार की इस घोषणा से 30000 छात्र छात्राओं को लाभ मिलेगा। 

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 मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के निर्देशानुसार 2020 अप्रैल महीने से दिसंबर महीने तक 9 महीने की हॉस्टल फीस माफ की गई है। कोरोना संक्रमण के कारण इस समय के दौरान हॉस्टल को बंद कर दिया गया था ऐसे में छात्र-छात्राएं हॉस्टल से अपने घर चले गए थे। आइटीआइ हॉस्टल में रहने वाले छात्र-छात्राओं को महीने में 125 देना पड़ता है। अब मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की इस घोषणा के बाद छात्र-छात्राओं को 9 महीने का 1125 रुपया हॉस्टल फीस नहीं देनी होगी। आइटीआइ छात्र-छात्राओं के साथ उनके अभिभावकों ने सरकार के इस निर्णय का स्वागत किया है।

  यहां उल्लेखनीय है कि  इससे पहले सरकार ने छात्रों की सहूलियत के लिए मैट्रिक की परीक्षा होम सेंटर में कराने की घोषणा की है। इससे छात्रों को परीक्षा देने के लिए दूसरी जगह नहीं जाना होगा। कक्षा 10वीं के छात्र-छात्राएं मैट्रिक की परीक्षा खुद के विद्यालय देंगे। कक्षा 10 की वार्षिक बोर्ड परीक्षा इस वर्ष 3 से 15 मई के बीच होनी है। सूत्रों ने कहा कि परीक्षा में नकल को रोकने और परीक्षा में निष्पक्षता लाने के लिए अन्य स्कूलों के शिक्षकों को परीक्षण के दौरान पर्यवेक्षकों के रूप में तैनात किया जायेगा।

 इसके अलावा छात्र इस साल ढाई घंटे की जगह दो घंटे ही परीक्षा की अवधि होगी। परीक्षा सुबह 8 बजे से 10 बजे तक होगी। सूत्रों ने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान छात्रों और उनको अविभावकों को लंबी दूरी की यात्रा करने से बचाने के लिए राज्य सरकार ने होम सेंटर का फैसला लिया है। इस साल लगभग 6.5 लाख छात्रों के वार्षिक मैट्रिक परीक्षा में शामिल होने की संभावना है।

 छात्र इस साल राज्य बोर्ड की परीक्षाओं में 100 अंकों के बजाय प्रत्येक पेपर में 80 अंकों के सवालों के जवाब देंगे। इसमें से पचास अंक के ओएमआर (ऑप्टिकल मार्क रिकॉग्निशन) प्रारूप में वस्तुनिष्ठ प्रश्न होंगे और शेष 30 अंक के सब्जेक्टिव होंगे। बाकी 20 अंकों का मूल्यांकन किसी विशेष पेपर में दिए गए 80 अंकों के परीक्षार्थी द्वारा प्राप्त प्रतिशत के आधार पर किया जाएगा।

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