Jagannath Rath Yatra 2022: गजपति महाराज बोले-पुरी के रथ से अधिक ऊंचा कहीं अन्य जगह न बनें, जानें-कितनी रहती है रथ की ऊंचाई
Jagannath Rath Yatra 2022 गजपति महाराज दिव्य सिंहदेव ने कहा कि पुरी में बनने वाले रथ से ऊंचा रथ अन्य कहीं भी नहीं बनना चाहिए। गजपति महाराज के बयान के बाद अब विवाद की स्थिति बन गई है। गजपति महाराज ने कहा कि पुरुषोत्तम क्षेत्र की सबसे अधिक मान्यता है।
जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर। ओडिशा के क्योंझर जिले में बनने वाला नंदीघोष रथ विश्व का सबसे ऊंचा रथ होता है और इसे गिनीज बुक आफ रिकार्ड में भी स्थान मिला है। हालांकि इसे लेकर अब विवाद की स्थिति हो गई है। गजपति महाराज दिव्य सिंहदेव ने कहा कि पुरी में बनने वाले रथ से ऊंचा रथ अन्य कहीं भी नहीं बनना चाहिए। गजपति महाराज के बयान के बाद अब विवाद की स्थिति बन गई है। गजपति महाराज ने कहा कि पुरुषोत्तम क्षेत्र की सबसे अधिक मान्यता है। पुरुषोत्तम क्षेत्र में निर्माण हो रहे रथ से अधिक ऊंचाई वाला रथ अन्य कहीं भी नहीं बनना चाहिए। पूर्वकाल से ही इसका पालन होता आ रहा है। कहीं भी पुरी के रथ से ऊंचा रथ नहीं बन रहा था। पुरी का रथ चलने के बाद ही अन्य जगहों पर रथ खींचने की प्रक्रिया शुरू होती थी। इस परंपरा को बरकरार रखा जाना चाहिए। पुरुषोत्तम क्षेत्र में मौजूद मूल पीठ को अन्य लोगों को अनुसरण करना उचित होगा। इसके खिलाफ जाकर कोई भी कार्य करना उचित नहीं होने की बात गजपति महाराज ने कही है।
रथयात्रा में महाप्रभु के रथ नंदी घोष की ऊंचाई को लेकर विवाद
क्योंझर में 72 फीट ऊंचाई वाले नंदीघोष रथ निर्माण का विरोध कर केंद्रपाड़ा तुलसी क्षेत्र बलदेव सेना की तरफ से श्रीमंदिर मुख्य प्रशासक, शंकराचार्य, गजपति महाराज व पुरी जिलाधीश को मांगपत्र दिया गया है। इसकी जांच कर भविष्य में इस प्रकार से और कहीं भी इसका उल्लंघन न हो, इस दिशा में कार्रवाई करने के लिए मांग की गई है। वरिष्ठ दइतापति सेवक ने कहा कि शास्त्र एवं परंपरा को भंग कर इस तरह का रथ तैयार करने से करोड़ों जगन्नाथ भक्तों को तकलीफ हुई है। ऐसे में इसके लिए जो भी दोषी हैं, वे जगन्नाथ मंदिर आकर महाप्रभु से क्षमा मांगें। ऐसा नहीं हुआ तो फिर आगामी दिनों में विभिन्न जिलों में रथ निर्माण को लेकर प्रतियोगिता शुरू हो सकती है, जोकि परंपरा व शास्त्र विरोधी है। जो अधिकारी इसके पीछे हैं, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए।
पुरी में नंदीघोष रथ की ऊंचाई 45 फीट, क्योंझर में 72 फीट ऊंचा है रथ
वहीं, क्योंझर वरिष्ठ नागरिक मंच की तरफ से कहा गया है कि क्योंझर में बनाए गए रथ को सर्वोच्च ऊंचाई की मान्यता मिलने को लेकर गजपति महाराज की टिप्पणी ठीक नहीं है। मंच के सचिव ने कहा कि क्योंझर में 1671 से 72 फीट ऊंचा रथ निर्माण किया जा रहा है। पहले ही इंडिया बुक आफ रिकार्ड व एशियाफिक आइकन जैसी पांच संस्थाओं ने भी समान मान्यता दी है। पुरी में जगन्नथ महाप्रभु के नंदीघोष रथ की ऊंचाई 45 फीट छह इंच रहती है। वहीं, क्योंझर में नंदीघोष रथ की ऊंचाई 72 फीट है, जोकि पुरी रथ से 27 फीट अधिक ऊंचा है। राज्य या देश के बाहर हर जगह रथयात्रा का आयोजन किया जाता है और उन जगहों पर रथ की ऊंचाई भिन्न-भिन्न रहती है।