महानदी में बढ़ा बाढ़ का खतरा, हीराकुद बांध के खोले गये 14 गेट
महानदी में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है शनिवार शाम से ही बांध के 14 स्लुइस गेट खोलकर महानदी में पानी छोड़ा जा रहा है।
संबलपुर, जेएनएन। पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़ समेत हीराकुद बांध के ऊपरी मुहाने पर जारी बारिश से बांध का जलस्तर अपने सर्वाधिक लेवल 630 फीट पर पहुंच गया है। बांध के जलभंडार में बाढ़ का पानी भारी मात्रा में प्रवेश करने से शनिवार की शाम 5 बजे तक बांध के 14 स्लुइस गेट खोलकर महानदी में पानी छोड़ा जा रहा है। ऐसे में महानदी के तटीय और निचले इलाके में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। जलभंडार में प्रवेश करते बाढ़ के पानी को देख माना जा रहा है कि बांध के जलस्तर को नियंत्रित करने के लिए रात तक कुछ और गेट को खोला जा सकता है।
बांध नियंत्रण कक्ष से प्राप्त जानकारी के अनुसार बीते चौबीस घंटे के दौरान बांध के ऊपरी मुहाने पर 05.67 मिमी और निचले मुहाने पर 02.04 मिमी बारिश हुई। बारिश का यही पानी जलभंडार में प्रवेश कर रहा है। बांध के जलभंडार का जलस्तर अपने सर्वाधिक लेवल 630 फीट पर है। ऐसे में जलस्तर को नियंत्रित रखने की खातिर बांध के गेट खोलकर महानदी में पानी छोड़ा जा रहा है। शनिवार की शाम 5 बजे तक बांध के जलभंडार में प्रति सेकंड 2, 12, 618 घनफुट पानी प्रवेश कर रहा था। इतना ही पानी बांध के 14 गेट खोलकर छोड़ा जा रहा था।
संबलपुर में फिर बारिश से बढ़ी परेशानी
मौसम विभाग द्वारा जारी येलो अलर्ट के बाद से संबलपुर समेत पश्चिम ओडिशा के कई जिलों में फिर से बारिश शुरू होने से लोगों की परेशानी बढ़ गयी है। माना जा रहा था कि सितंबर महीने के तीसरे सप्ताह से बारिश विदा हो जाएगी। लेकिन बंगाल की खाड़ी में बने निम्न दबाव के असर से पिछले कुछ दिनों से बारिश फिर से शुरू हो गयी है। नवरात्र शुरू हो गई है।
दुर्गोत्सव को लेकर विभिन्न स्थानों में पूजा पंडाल निर्माण का कार्य चल रहा है। ऐसे में इस बारिश से सब कुछ अस्तव्यस्त सा हो गया है। पिछले चार दिनों से संबलपुर में रुक रुककर बारिश के बावजूद शहर के कई इलाकों में जलजमाव और कीचड़ से भरी सड़कों से लोग परेशान हो रहे हैं।
खेतराजपुर रेल स्टेशन के सामने चौक, डीआइजी कार्यालय, बड़ा बाजार, चंदननगर, गोपालमाल, धनुपाली चौक इलाके में लोगों को गंदे पानी और कीचड़ से होकर गुजरने मजबूर होना पड़ रहा है। लोगों की मानें तो महानगर निगम की उदासीनता के कारण आम लोगों को बारिश के महीनों में परेशानी उठानी पड़ती है। यदि समय रहते व्यवस्था को दुरुस्त कर लिया जाए तो इससे निजात मिल सकता है लेकिन इस ओर किसी का ध्यान नहीं हैं।
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