बारिश कम होने के बावजूद भी ओडिशा के इस जिले में बाढ़ का कहर, 933 गांव प्रभावित
Flood In Malkangiri Odisha ओडिशा के मालकानगिरी जिले में बाढ़ की विभिषिका 933 गांव बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित 1971 हेक्टर जमीन में फसल बर्बाद बाढ़ में ढह गए 321 घर।
भुवनेश्वर, जागरण संवाददाता। ओडिशा के मालकानगिरी जिले में बारिश कम होने के बावजूद बाढ़ की स्थिति गम्भीर बनी हुई है। अधिकांश क्षेत्र अब भी पानी के घेरे में है। जिले में बाढ़ की स्थिति गम्भीर होने से मंगलवार को राजस्व मंत्री सुदाम मरांडी एवं विशेष राहत आयुक्त प्रदीप जेना ने आकाश मार्ग से बाढ़ प्रभावित इलाके का हवाई निरीक्षण किया।
जिले के 933 गांव प्रभावित
बाढ़ इलाके का हवाई निरीक्षण करने के बाद मंत्री ने मीडिया को जानकारी देते हुए कहा है कि लगातार बारिश के कारण मालकानगिरी जिले के 933 गांव प्रभावित हुए हैं। 1971 हेक्टर में खड़ी फसल बर्बाद हो गई है। 321 घर टूट गए हैं। एक सप्ताह के अन्दर सर्वे कर नुकसान की रिपोर्ट देने के लिए मालकानगिरी जिलाधीश को निर्देश दिया गया है। रिपोर्ट मिलने के 48 घंटे के भीतर क्षतिपूरण राशि प्रदान करने की व्यवस्था की जाएगी। मंत्री ने कहा है कि पिछले पांच दिन से जिले में लगातार बारिश होने से बाढ़ की स्थिति बनी हुई है। गोदावरी नदी बढ़ रही है। इससे जिले का मोटू इलाका पानी के घेरे में आ गया है।
नदियों का बढ़ा जलस्तर
गोदावरी नदी से जल निकासी नहीं हो पाने से सावेरी, सिलेरू नदी का जल स्तर भी बढ़ने लगा है। विभिन्न सड़क मार्ग पर घुटने भर पानी प्रवाहित हो रहा है। इससे मालकानगिरी से छत्तीसगढ़ एवं आन्ध्र प्रदेश के बीच संपर्क कट गया है। वहीं कांगरकोंडा ब्रीज के ऊपर से पानी कम होने के बास इस राष्ट्रीय राजमार्ग पर यातायात स्वभाविक हो गया है। उसी तरह से पंगम, पोटेरू, एमवी37, ब्रीज के ऊपर पानी कम होने से मालकानगिरी से जयपुर एवं बालीमेला को वाहनों का आवागमन एक बार फिर शुरु हो गया है।
गौरतलब है कि एक दिन पहले ही सोमवार को मालकानगिरी जिले के पड़िआ ब्लाक भोजगुड़ा में पानी के घेरे में फंसे रहने वाले 30 लोगों को दमकल विभाग की टीम ने उद्धार किया था। ये लोग खेती का काम करने के लिए खेतों में गए थे। इसी बीच जल स्तर बढ़ जाने से वे पानी के घेरे में फंस गए थे। स्थानीय लोगों ने इसकी सूचना जिला प्रशासन को दिया। इसके बाद दमकल विभाग की टीम वहीं पहुंची और पानी घेरे में फंसे इन 30 लोगों को मंगलवार शाम को सुरक्षित बाहर निकाला।