पांच श्रमिकोंं ने साइकिल से तय की 2400 किमी.की दूरी; सूरत से पहुंचे गंजाम
गुजरात के सूरत से 2400 किमी. साइकिल के जरिये पांच श्रमिक अपने घर गंजाम पहुंचे इतनी दूरी तय करने में उन्हें 15 दिन का समय लगा।
भुवनेश्वर, जेएनएन। पेट को पीड़ा हुई तो जन्मभूमि की याद आयी और गुजरात के सूरत से 2400 किमी. साइकिल के जरिए आज पांच युवक श्रमिक अपनी जन्मभूमि पहुंचे हैं। इन पांचों युवकों का घर ओडिशा के गंजाम जिला स्थित सोरड़ा ब्लाक के कुलांगी पंचायत स्थित कुड़ीबंध गांव में है। युवा श्रमिकों को सूरत से गंजाम 2400 किमी. की दूरी तय करने में 15 दिन का समय लगा है। यहां पहुंचने के बाद इन्हें प्रशासन की तरफ से कुलांगी में बनाए गए क्वारंटाइन केन्द्र में रखा गया है। इन पांच युवक श्रमिकों में से चार एक ही परिवार से है जबकि और एक श्रमिक का घर भी इसी गांव में है।
खबर के मुताबिक ये पांचों श्रमिक पिछले 10 साल से सुरत में काम करते थे। लॉकडाउन के कारण उनका काम धंधा बंद हो गया था। पहला लॉकडाउन खत्म होने के बाद सरकार ने पुन: दूसरा लॉकडाउन जारी कर दिया। इससे इनके पास जो पैसा था वह खत्म हो गया। खाने के लिए इनके पास अब कुछ नहीं बचा था। भूखे पेट वहां रहने को मजबूर हो गए। ऐसे में इन श्रमिकों ने अपनी साइकिल उठाई और अपने जन्मभूमि को चल दिए।
सूरत से लौटे एक श्रमिक ने कहा है कि हम 10 साल से सूरत में काम करते थे। लॉकडाउन खत्म न होने से हमारे पास जो पैसा था वह खत्म हो गया। खाने को नहीं मिल रहा था। काम धंधा भी बंद हो गया था। मालकि को फोन किए तो उनका फोन बंद आया। भूखे पेट रहने को मजबूर हो गए। पेट की पीड़ा जब असहनीय हो गई तो 15 अप्रैल को अपने गांव चले जाने का हमने निर्णय लिया और अपनी साइकिल से गांव की तरफ चल दिए।
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