ओडिशा में coronavirus का खौफ, विधानसभा के बदले लोकसेवा भवन में चला विधानसभा विशेष अधिवेशन
Odisha Assembly session कोरोना वायरस के खौफ के कारण इतिहास में पहली बार विधानसभा की कार्यवाही विधानसभा के बाहर हुई और सबकी सहमति से बिल भी पारित हो गया।
भुवनेश्वर, जेएनएन। कोरोना वायरस के खौफ का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि ओडिशा के इतिहास में पहली बार विधानसभा की कार्यवाही विधानसभा के बाहर हुई और शायद पहली ही बार है कि बिना किसी विरोध के सबकी सहमति से व्यय बिल पारित हो गया। जानकारी के अनुसार 2020-21 आर्थिक साल के लिए 1.5 लाख करोड़ रुपये की व्यय बिल सोमवार को सर्व सम्मति से पारित करने के साथ ही 38 विभाग के व्यय मांग को भी गिलोटिन के जरिए सदन ने अनुमोदन किया है।
कोरोना (कोविड-19) संक्रमण को ध्यान में रखकर बजट अधिवेशन के दूसरे चरण को सीमित किया गया था। मंगलवार को पारित होने वाली व्यय बिल को एक दिन पहले ही यानी 30 मार्च को पारित कर दिया गया है। व्यय बिल पारित होने के साथ ही सदन की कार्यवाही को विधानसभा अध्यक्ष सूर्य नारायण पात्र ने अनिश्चित काल के लिए स्थानान्तरित कर दिया है।
पहली बार लोकसेवा भवन में हुई विधानसभा की कार्यवाही
जानकारी के मुताबिक ओडिशा के इतिहास में पहली बार विधानसभा का अधिवेशन विधानसभा की जगह लोकसेवा भवन में चला है। कोरोना संक्रमण की सम्भावना के मद्देनजर विधानसभा अध्यक्ष श्री पात्र ने सभी पार्टी से मात्र 30 प्रतिशत सदस्यों को ही इस कार्यवाही में भाग लेने के लिए सलाह दी थी, जिसका अनुपालन भी सभी दलों ने किया। सोमवार पूर्वाह्न 11 बजे लोकसेवा कन्वेशन हाल में अधिवेशन शुरू हुआ और इस विशेष अधिवेशन में भाग लेने के लिए आने वाले सभी विधायक मास्क लगाकर इस विशेष अधिवेशन में भाग लेने पहुंचे।
गेट पर विधायकों के हाथ किये गये सैनीटाइज
सभी विधायकों को गेट पर उनके हाथ को सैनीटाइज करने की व्यवस्था की गई थी। हाल में प्रवेश करने से पहले गेट पर सभी विधायक अपने हाथ को सैनीटाइज कर हाल के अन्दर प्रवेश किए। सदन की कार्यवाही आरंभ होने के कुछ ही समय बाद कार्यवाही को मुलतवी घोषित कर दिया गया। व्यय बिल पारित होने से पहले विधानसभा अध्यक्ष ने विरोधी दल नेता प्रदीप कुमार नायक को कुछ कहने के लिए अनुमति दी। विरोधी दल नेता ने कहा कि पूरी दुनिया में कोरोना का आतंक फैला हुआ है। भारत में भी इस बीमारी के फैलने की सम्भावना है। राज्य के बाहर जो ओडिया श्रमिक हैं, सरकार उनकी सभी प्रकार से मदद करे। स्वास्थ्य व्यवस्था को अधिक व्यापक किया जाए। सामूहिक रूप से इस महामारी से निपटने का प्रयास होना चाहिए।
नेता नरसिंह मिश्र ने दिये सुझाव
इसके बाद कांग्रेस विधायक दल के नेता नरसिंह मिश्र ने कोरोना से मुकाबला के लिए स्वास्थ्य सेवा को अधिक व्यापक करने एवं लाॅकडाउन का सख्ती से अनुपालन करने के लिए सरकार को अपना सुझाव दिए। इसके बाद सदन में गिलोटिन के जरिए विभिन्न विभाग की व्यय मांग को अनुमोदित किया गया। अन्त में व्यय बिल को सबकी सहमति से अनुमोदित किया गया। यह अधिवेशन करीबन 1 घंटा 20 मिनट तक चला।
सहमति से पारित हुआ बिल
विधानसभा के बाहर मीडिया से बात करते हुए विरोधी दल के नेता ने कहा कि सरकार ने जो व्यय बिल पेश किया था, उसे सबकी सहमति से पारित किया गया है। वर्तमान परिस्थिति में विरोध करना बिल्कुल भी ठीक नहीं है। इसके साथ ही इस महामारी से निपटने के लिए सरकार किस प्रकार से अधिक व्यवस्था कर सकती है, उसके लिए प्रस्ताव दिया गया है।
गौरतलब है कि कोरोना संक्रमण को ध्यान में रखते हुए इस बजट अधिवेशन के दूसरे चरण को 29 मार्च तक स्थगित किया गया था। व्यय बिल पारित नहीं हो पायी थी। राज्य में पहचान किया गया तीसरा कोरोना मरीज विधानसभा कर्मचारी के स्पर्श में आने से बजट अधिवेशन के अंतिम चरण को विधानसभा से लोकसेवा भवन कन्वेंशन हाल के लिए स्थानान्तरित कर दिया गया था। विधानसभा के कर्मचारी के कोरोना मरीज के स्पर्श में आने से विधानसभा अध्यक्ष ने सभी कर्मचारियों को क्वारेनटाइन में रहने के लिए निर्देश दिया था और पूरे विधानसभा को विशोधन करने का निर्देश दिया था, जिससे आज अधिवेशन लोकसेवा भवन के कन्वेंशन हाल में किया गया है।
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