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Christmas 2019: बेल्जियम के फादर पैट्रिक ने डाली थी 58 साल पुराने इस चर्च की नींव

ओडिशा के सुंदरगढ़ में बने सेंटमेरी कैथोलिक चर्च की नींव बेल्जियम के फादर पैट्रिक ने रखी थी यह चर्च 58 साल पुराना है।

By Babita kashyapEdited By: Published: Thu, 19 Dec 2019 12:39 PM (IST)Updated: Thu, 19 Dec 2019 12:39 PM (IST)
Christmas 2019: बेल्जियम के फादर पैट्रिक ने डाली थी 58 साल पुराने इस चर्च की नींव
Christmas 2019: बेल्जियम के फादर पैट्रिक ने डाली थी 58 साल पुराने इस चर्च की नींव

राजगांगपुर, तन्मय सिंह। सुंदरगढ़ जिले के राजगांगपुर शहर के वार्ड नंबर1 में स्थित सेंटमेरी कैथोलिक चर्च 58 साल पुराना है। 1961 में जब इस चर्च की शुरुआत हुई उस समय बेल्जियम से आए पैट्रिक कॉमन्स इस चर्च के पहले फादर थे। शहर व आसपास के लोगों के लिए यह पवित्र प्रार्थना स्थल माना जाता है। हर सुख-दुख में लोग आकर यहां प्रभु यीशु को याद करते हैं। हर रविवार को यहां प्रार्थना की जाती है। इसके अलावा पर्व त्योहार के दिनों में यहां लोग पहुंचते हैं एवं प्रार्थना के साथ एक-दूसरे को शुभकामना देते हैं। इस वर्ष 24 दिसंबर को भी विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया है।

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चर्च के वर्तमान फादर बर्नाट लकड़ा के अनुसार, ये तीनों फादर यहां आकर ईसाई धर्म का प्रचार-प्रसार के साथ सेवा का कार्य शुरू किया। उस समय बहुत कम लोग इस धर्म से जुड़े थे। बेल्जियम से आए मिशनरी फादरों ने कड़ी मेहनत कर धर्म के प्रचार अपने सेवा कार्य के द्वारा किया। धर्म के प्रचार के साथ उन्होंने लोगों का सामाजिक और आर्थिक विकास किया। इसके फलस्वरूप बड़ी संख्या में लोगों ने इस धर्म को स्वेच्छा से अपनाया। इसके बाद बेल्जियम से आए तीन मिशनरी फादरों ने गांवों में जाकर धर्म व सेवा का प्रचार किया। 

इतिहास

वर्ष 1961 में बेल्जियम के फादर पैट्रिक कॉमन्स ने सेंट मेरी चर्च की नींव रखी थी। 1985 के बीच इस चर्च में बेल्जियम से तीन फादर आये। फादर पैट्रिक कॉमन्स 1961 से 1963 तक फ्रेडरिक मार्ईंसग 1963

से 1975 और जोसेफ क्रुम्मे 75 से 85 तक रहे। तीनों फादर एसवीडी धर्म समाज से संबंधित थे।  

क्रिसमस की तैयारी

फिलहाल चर्च में और आसपास के गांवों में भी क्रिसमस कैरोल का सिलसिला शुरू हो गया है। इसकी तैयारी के लिए सर्वप्रथम हमारे क्रीस्ट भक्त आत्यमिक तैयारी करने सहित प्रार्थना और सेवा काम करते हैं और अपने जीवन के बारे में मनन करते हुए उसमें सुधार लाने की कोशिश करते हैं। आगामी 24 दिसंबर रात की धर्म सभा में इस चर्च में आसपास के गांवों से पांच हजार लोग एकत्रित होंगे और प्रार्थना सभा मे भाग लेने सहित ईशा मसीह के जन्म की शुभकामना एक-दूसरे को देंगे। 25 दिसंबर को होने वाली मुख्य प्रार्थना सभा तीन घंटे तक होती है। इस प्रार्थना सभा में लीन होकर लोग भक्तिभाव से ईशा मसीह की आराधना करेंगे। उसके बाद सब मिलकर मंदिर की थाप पर नाचना गाना करते हैं।

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