Lockdown effect: लॉकडाउन में तेजी से बिगड़ रहे हैं पारिवारिक रिश्ते, स्थिति चिंताजनक
Lockdown effect ओडिशा में लॉकडाउन के दौरान घरेलू हिंसा के मामलों में तेजी आई इन 70 दिनों में लोगों का मानसिक संतुलन इतना बिगड़ चुका है कि आत्महत्या के मामले भी सामने आ रहे हैंं।
भुवनेश्वर, शेषनाथ राय। कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए पिछले 70 दिनों से प्रदेश में जारी लॉकडाउन में अब घरेलू हिंसा तेजी से बढ़ने लगी है। मध्यम, निम्न मध्यम एवं गरीब वर्ग के परिवार पर भार बढ़ने लगा है और इसे लेकर पारिवारिक रिश्ते भी बिगड़ रहे हैं। परिवार मानसिक तनाव की स्थिति बढ़ रही है। रिश्ते खून के प्यासे बन गए हैं। कहीं पर बाप बेटे की हत्या करने की खबर आ रही है तो कहीं पर पति अपनी पत्नी की हत्या करने से पीछे नहीं हट रहा है।
बढ़ रही है आत्महत्या की घटनायें
इतना ही नहीं कुछ परिवार के लोगों का इस कदर मानसिक संतुलन बिगड़ गया है कि वे आत्महत्या करने से भी पीछे नहीं हट रहे हैं। पिछले कुछ ही दिनों की स्थिति देखने से यह प्रमाणित भी होने लगा है। पारिवारिक कलह से दो जगहों पर पिता ने अपने ही बेटी की हत्या कर दी है तो राजधानी भुवनेश्वर में एक नवविवाहित युवक ने अपनी पत्नी की हत्या कर खुद आत्महत्या करने की घटना ने सभी को झकझोर कर रख दिया है इसके अलावा एकाधिक आत्महत्या, पति द्वारा पत्नी की हत्या, मारपीट, हिंसा की घटना इन दिनों अब चिंता का कारण बन गई है। इसके पीछे मानसिक दबाव, अनिश्चितता एवं बेरोजगारी को प्रमुख कारण माना जा रहा है।
पारिवारिक कलह
मंगलवार देर रात को नवरंगपुर जिले के राइघर ब्लाक अन्तर्गत कुमुली गांव में अमल वासु ने अपने बेटे असीत को पीट-पीटकर मौत के घाट उतार दिया था। बेरोजगारी के कारण नशे में धुत होकर घर में अशांति फैला रहे बेटे की हत्या करने की बात पिता ने स्वीकार की है। उसी तरह से 5 दिन पहले कटक जिले के गुरुड़ीझाटिया थाना क्षेत्र के गोवरग्राम के नुआशियाल मोहल्ले में बेटे पुनिया को पिता नरेन्द्र देहुरी ने पीट-पीट कर मौत के घाट उतार दिया और मरने के बाद उसे घर के पिछवाड़े में दफना दिया। इसके पीछे भी पारिवारिक कलह होने की बात पिता ने पुलिस के सामने स्वीकार की है। 29 मई को राजधानी भुवनेश्वर स्थित कपिलेश्र मोहल्ले में कैनाल के पास विभत्स हत्याकांड की घटना सामने आयी थी। राकेश राउत नामक एक व्यक्ति ने अपनी पत्नी की गला दबाकर हत्या करने के बाद खुद भी आत्महत्या कर ली है। 14 मई को राजधानी में ही बड़गड़ थाना अन्तर्गत गौतमनुगर क्षेत्र में एक होटल रसोइया बाबुला बेहेरा की पत्नी मिनीलता ने आत्महत्या कर ली थी।
आर्थिक तंगी
बाबुला का पिछले दो महीने से रोजगार बंद है, ऐसे में आर्थिक तंगी से परेशान होकर मिनीलता ने आत्महत्या करने की बात पुलिस जांच से पता चली है। सोमवार रात को झारसुगुड़ा जिले में एक दर्दनाक घटना सामने आयी है। दो साल से कोमा में रहने वाले बेटे की मृत्यु के बाद मानसिक संतुलन खोकर परिवार के पांच सदस्यों ने आत्महत्या का प्रयास किया। प्रदेश में हमने जिन घटनाओं का जिक्र किया है, यह तो केवल उदाहरण मात्र है। लॉकडाउन में बेरोजगारी के कारण पारिवारिक हिंसा अब तेजी से बढ़ने लगी है। प्रदेश में बेरोजगारी के कारण केवल आत्महत्या, हत्या घटनाए ही नहीं बढ़ी हैं बल्कि अब अपराधी भी सक्रिय हो गए हैं। चोरी, लूट, छीनतई जैसी घटनाओं में भी तेजी से इजाफा हुआ है। केवल राजधानी भुवनेश्वर में दो महीने के अन्दर 100 से अधिक घटनाएं घटित हुई है।
बेरोजगारी बढ़ी
पूर्व पुलिस डीजी संजीव मारिक के मुताबिक दिन प्रतिदिन बेरोजगारी बढ़ रही है। लाखों की संख्या में प्रवासी बाहर राज्य से वापस आ गए हैं। आमदनी का जरिया बंद हो गया है। राज्य में लौटने वाले लाखों प्रवासियों के लिए यदि रोजगार की व्यवस्था नहीं की गई तो फिर अपराध की दर काफी तेजी से बढ़ेगी, जो कि आगे और चिंताजनक हो जाएगी।
मनोचिकित्सक प्रदीप रथ ने कहा है कि लगभग 70 दिन लॉकडाउन में घर में रहने से लोग मानसिक दबाव में हैं। जिन लोगों को रोजगार चला गया है या आमदनी के मार्ग बंद हो गए हैं, वहां पर हत्या, आत्महत्या जैसी घटनाएं बढ़ रही हैं। कुछ जगहों पर पारिवारिक हिंसा उग्र रूप धारण कर रही है। ऐसी स्थिति में मनोचिकित्सक की मदद लेने की जरूरत है।