East Indian Railways: भारतीय रेल में माल लदान के क्षेत्र में पूर्वतट रेलवे ने रचा इतिहास, दो साल लगातार 200 मिलियन टन पार
पूर्वतट रेलवे ने भारतीय रेल में माल लदान के पिछले सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए। भारतीय रेल के कुल लदान का 16.62 प्रतिशत हिस्सा पूर्वतट रेलवे का रहा। लॉकडाउन पाबंदियों के बीच भी इस जोन ने असंभव से दिख रहे लक्ष्य को संभव बनाने की दिशा में काम शुरू कर दिया।
भुवनेश्वर, जागरण संवाददाता। वित्तीय वर्ष 2020-21 के दौरान पूर्वतट रेलवे ने भारतीय रेल में माल लदान के पिछले सारे रिकॉर्ड तोड़ डाले हैं। एक अप्रैल, 2020 से 31 मार्च, 2021 के बीच पूर्व तट रेलवे ने रिकॉर्ड 205 मिलियन टन माल का लदान किया। इससे पहले अविभाजित दक्षिण पूर्व रेलवे ने वर्ष 2002-03 में 202.56 मिलियन टन माल का लदान का रिकॉर्ड बनाया था। लगातार दो वर्षों तक 200 मिलियन टन से अधिक माल का लदान करने वाला पूर्वतट रेलवे, देश का इकलौता रेलवे जोन बन गया है। 205 मिलियन टन माल का लदान कर इस जोन ने पिछले वर्ष 200.95 मिलयन टन माल लदान के अपने रिकॉर्ड को बेहतर किया है। इस वित्तीय वर्ष में भारतीय रेल की ओर से पूर्वतट रेलवे को 203.02 मिलियन टन माल के लदान का लक्ष्य दिया गया था, जिसे इस जोन ने आसानी से पूरा कर लिया।
लॉकडाउन की पाबंदियों के बीच भी इस जोन ने महाप्रबंधक विद्या भूषण के नेतृत्व में असंभव से दिख रहे लक्ष्य को संभव बनाने की दिशा में काम करना शुरू कर दिया। महाप्रबंधक ने पहले दिन से ही अपने कार्यबल का हौसला बढ़ाना शुरू कर दिया। सकारात्मक सोच और निरंतर कड़ी मेहनत इस जोन की पहचान रही है। परिचालन विभाग और सभी सहयोगी विभागों ने अभूतपूर्व रूप से सर्वोत्तम संभव सीमा तक अपना योगदान दिया। इस दौरान पूर्वतट रेलवे की बिजनेस डेवलपमेन्ट यूनिट ने भी माल लदान के नये विकल्पों पर काम किया और सड़क परिवहन की सामग्रियों को रेल परिवहन की ओर आकर्षित किया।
पूर्वतट रेलवे की इस शानदार उपलब्धि में इसके तीनों मण्डलों ने महती भूमिका निभायी। खुर्दारोड मण्डल ने 127.02 मिलियन टन के अपने लक्ष्य से बेहतर प्रदर्शन करते हुए कुल 131.37 मिलियन टन माल का लदान किया। यही नहीं, भारतीय रेल सभी जोन के मण्डलों में माल लदान में खुर्दारोड मण्डल ने चौथा व वाल्टियर मण्डल ने छठा स्थान हासिल किया। संबलपुर मण्डल ने भी अपने गत वर्ष के 11.48 मिलियन टन माल लदान के आंकड़े को बेहतर करते हुए इस वित्तीय वर्ष में 12.37 मिलियन टन माल का लदान किया।
इस माल लदान के आंकड़े को हासिल करने के लिए पूर्वतट रेलवे ने 8447 वैगन प्रतिदिन का उपयोग किया, जो कि 154.8 रेक/ट्रेन प्रतिदिन के बराबर है। इस वित्तीय वर्ष में दूसरे स्थान पर रहे दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे ने कुल 186.51 मिलियन टन एवं तीसरे स्थान पर रहे दक्षिण पूर्व रेलवे ने कुल 175.79 मिलियन टन माल का लदान किया।
वित्तीय वर्ष 2020.21 के दौरान भारतीय रेल ने 1232.64 मिलियन टन माल का लदान किया, जो कि पिछले वित्तीय वर्ष के आंकड़े 1209.32 मिलियन टन से 23.32 मिलियन टन अधिक है। भारतीय रेल के इस कुल माल लदान आंकड़े में से अकेले पूर्वतट रेलवे ने 16.62 प्रतिशत हिस्से माल का लदान किया है। उल्लेखनीय है कि माल लदान का यह रिकॉर्ड लॉकडाउन के दौरान बंदी और पूर्वतट रेलवे के क्षेत्राधिकार के कारखानों तथा खदानों में कामगारों की कम उपलब्धता के बावजूद बनाया गया। इस उपलब्धि को हासिल करने के लिए पूर्व तट रेलवे ने अपनी जनशक्ति एवं रॉलिंग स्टॉक का यथासंभव बेहतर उपयोग किया एवं सरकारी क्षेत्र तथा उद्योग से बेहतर समन्वय स्थापित किया।