Maha ashtami 2020: महाष्टमी पर बिन भक्त हो रही है दुर्गा पंडालों में पूजा, कोरोना ने फीका किया माहौल
कोरोना महामारी के चलते महाष्टमी पर राजधानी भुवनेश्वर के साथ पूरे प्रदेश में बिन भक्तों के दुर्गा पूजा पंडालों में जगत जननी की पारंपरिक पूजा हो रही है भक्तों के लिए मंडप में प्रवेश को वर्जित किया गया है।
भुवनेश्वर, जागरण संवाददाता। कोरोना संक्रमण के बीच आज सुबह से ही परंपरा के मुताबिक जगत जननी मां दुर्गा की बिना भक्तों के विभिन्न पूजा पंडालों में महाष्टमी पूजा की जा रही है। कटक, भुवनेश्वर, बरहमपुर, पुरी, खुर्दा आदि शहरों के विभिन्न इलाकों में बने पूजा पंडालों आयोजक एवं पूजकों के द्वारा जगत जननी की पूजा की गई है। पहली बार ऐसा मौका है जब महाष्टमी के दिन पूजा पंडालों से भक्त नदारद रहे और आयोजक एवं पूजक सैकड़ों साल की परंपरा का निर्वहन करते नजर आए। हर साल जहां भव्य पंडाल बनाए जाते थे, वहीं इस साल कहीं भी को भव्य पंडाल नहीं बनाया गया है। केवल मंडप बनाकर सालों से चली आ रही परंपरा का निर्वहन किया जा रहा है।
सीसीटीवी के जरिये दर्शनों की व्यवस्था
कोरोना के कारण पूजा पंडाल में भक्तों के प्रवेश पर पाबंदी लगा दी गई है। ऐसे भक्त अपने घरों से या फिर दूर से ही मां का दर्शन करते नजर आए। कटक में भक्तों के आग्रह एवं उत्साह को देखते हुए मंडप में सीसीटीवी लगाकर टेलीविजन एवं मोबाइल के जरिए दर्शन की व्यवस्था की गई है इस साल अधिकांश मंडप में 4 फुट से कम ऊंचाई वाली मूर्ति स्थापित की गई है। हर साल जहां मां को सोना एवं चांदी के आभूषण से सजाया जाता था वहीं इस साल प्लास्टिक एवं मिट्टी के गहने से मां जगत जननी को सजाया गया है।
आम लोगों के लिए मंडप में दर्शन बंद
कोरोना महामारी के कारण इस साल आम लोगों के लिए मंडप में दर्शन बंद किया गया है। परिणाम स्वरूप किसी भी शहर में पूजा पंडाल के पास लोगों की भीड़ नहीं देखी जा रही है। हर साल जहां षष्ठी तिथि से ही पूजा का माहौल बन जाता था, विभिन्न पूजा पंडाल परिसर में एक से बढकर एक झूले लग जाते थे, बाजार सज जाते थे, वहीं इस साल ऐसा कुछ भी नजर नहीं आया है। बाजार में जाने के बाद मालूम ही नहीं पड़ रहा है कि दशहरा का माहौल है। कोरोना महामारी ने पूजा के पूरे माहौल फीका कर दिया है।