कोरोना को लेकर भयभीत न हों, लक्षण होने पर ही करवाएं टेस्ट; दवा की आवश्यकता नहीं
ओडिशा के जनस्वास्थ्य निदेशक निरंजन मिश्र का कहना है कि तीसरी लहर से भयभीत होने की जरूरतनहीं है। ऐसे में संक्रमित मरीज के संपर्क में आने के बाद भी लक्षण ना हो तो टेस्ट कराने की जरूरत नहीं है दवा की भी आवश्यकता नहीं है।
भुवनेश्वर, जागरण संवाददाता। राज्य में कोरोना की तीसरी लहर शुरू हो गई है और पूर्व अनुमान के मुताबिक संक्रमण काफी तेजी से बढ़ रहा है। दैनिक संक्रमण प्रदेश में 10 हजार को पार कर गया है। वहीं सक्रिय मामलों की संख्या भी 50 हजार को पार कर गई है। हालांकि इसे लेकर किसी को भयभीत होने की जरूरत नहीं है, यह कहना है राज्य जनस्वास्थ्य निदेशक निरंजन मिश्र का।
मर्जी से दवा का प्रयोग ना करें
जनस्वास्थ्य निदेशक ने कहा है कि तीसरी लहर में आज तक 61 हजार संक्रमितों में से 1100 लोग अस्पताल में भर्ती हुए हैं। राज्य में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या अस्पताल की क्षमता 2 प्रतिशत से भी कम है। आईसीयू में 350 से 360 मरीज हैं। ऐसे में संक्रमित मरीज के संपर्क में आने के बाद भी लक्षण ना हो तो टेस्ट कराने की जरूरत नहीं है। इसे लेकर जिलों को स्वास्थ्य विभाग की तरफ से सूचित कर दिए जाने की जानकारी जनस्वास्थ्य निदेशक ने दी है। स्वास्थ्य निदेशक ने कहा है कि वायरल फ्लू के लिए एंटीबायोटिक की जरूरत नहीं है। जिन लोगों के पास लक्षण नहीं है, उन्हें कोई दवाई नहीं दी जा रही है। लक्षण होने पर ही दवा दी जा रही है। आवश्यक तौर पर अपनी मर्जी से दवा का प्रयोग ना करने के लिए जनस्वास्थ्य निदेशक ने सलाह दिया है।
आरटीपीसीआर की आवश्यकता नहीं
स्वास्थ्य निदेशक ने कहा है कि कोरोना संक्रमित मरीज की संगरोध अवधि खत्म होने के बाद आरटीपीसीआर की आवश्यकता नहीं है। केवल जो लोग आईसीयू में भर्ती हैं या गम्भीर रूप से बीमार लोगों को स्वस्थ होने के बाद पुन: टेस्ट किया जा रहा है।
गौरतलब है कि पिछले 24 घंटे में 10 हजार 856 लोग कोविड पाजिटिव पाए गए हैं। इनमें से 18 साल से कम आयु वर्ग 1021 लोग संक्रमित हुए हैं। खुर्दा जिले से सर्वाधिक 3 हजार 496 लोग संक्रमित मिले हैं।