ओडिशा में किसी दल से गठबंधन नहीं करेगी सीपीएम : येचुरी
प्राकृतिक आपदा से मुकाबला करने को लेकर ओडिशा सरकार जो दम भर रही, वह केवल दिखावा है।
भुवनेश्वर, जेएनएन। प्राकृतिक आपदा से मुकाबला करने को लेकर ओडिशा सरकार जो दम भर रही है, वह केवल दिखावा है। केरल में बाढ़ के बाद स्थिति को सुधारने के लिए वहां की सरकार ने कदम उठाया मगर चक्रवात तितली से प्रभावित ओडिशा के तीन जिलों में सफलता के साथ राहत एवं बचाव कार्य करने में राज्य सरकार पूरी तरह से विफल साबित हुई है।
राज्य सरकार ने यदि समय रहते कदम उठाया होता तो फिर आज इतनी संख्या में लोगों का जीवन नहीं गया होता। सोमवार को एक दिवसीय दौरे पर भुवनेश्वर पहुंचे सीपीआइएम के वरिष्ठ नेता सीताराम येचुरी ने पार्टी कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि चक्रवात तितली के बारे में बहुत पहले से सरकार के पास सूचना थी। इसके बावजूद इससे निपटने में सरकार पूरी तरह से विफल साबित हुई है। यही कारण है कि आज सरकार मरने वालों की संख्या छिपा रही है। येचुरी ने कहा कि वास्तविक रूप से इस तूफान एवं बाढ़ में राज्य में 50 लोगों की जान गई है। पांच लाख हेक्टेयर जमीन में फसल बर्बाद हुई है। केवल तीन जिलों में ही 25 हजार घर टूट गए हैं। ओडिशा में बीजद शासन दिन-प्रतिदिन कमजोर हो रहा है, जबकि भाजपा अंदर सरकार को समर्थन करती है। पर्दे के पीछे दोनों ही दलों में बेहतर संपर्क है।
येचुरी ने कहा कि ओडिशा में चिटफंड ठगी के शिकार लोगों को आज तक न्याय नहीं मिला है। जमाकारियों का रुपया किस प्रकार से आएगा, इसके लिए सरकार को कोई चिंता नहीं है। केवल जांच के नाम पर समय टाल रही है। ओडिशा में लाखों युवा रोजगार न मिलने से बेकार हैं। ऐसे में अपने फायदे के लिए बीजू जनता बीजू युवा वाहिनी का गठन कर करोड़ों रुपये खर्च कर रही है। युवावाहिनी के लिए 450 करोड़ रुपये फंड की व्यवस्था की गई है, मगर चिटफंड जमाकारियों को देने के लिए सरकार के पास पैसा नहीं है। आगामी 2019 चुनाव के बारे में येचुरी ने कहा कि कांग्रेस एवं भाजपा या बीजद के साथ उनकी पार्टी गठबंधन नहीं करेगी ना ही उन्हें समर्थन देगी। आगामी चुनाव में दल केवल भुवनेश्वर से लोकसभा के लिए अपना उम्मीदवार खड़ा करेगा। विधानसभा में उम्मीदवार की लोकप्रियता के आधार पर टिकट दी जाएगी। सीताराम येचुरी ने केंद्र की भाजपा सरकार पर भी हमला बोला। कहा कि देश की आíथक स्थिति कमजोर होती जा रही है। तेल दर बढ़ने से महंगाई बढ़ रही है। एनडीए सरकार आने से पहले देश में कृषि अभिवृद्धि दर 5.2 प्रतिशत थी, जबकि पिछले चार साल में यह 2.5 प्रतिशत पहुंच गई है। इसी तरह 2013-14 में कृषि उत्पादन 11 प्वाइंट था जबकि वर्तमान समय में यह शून्य से चार प्वाइंट है।