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राजधानी में रोड रोमियो की अब खैर नहीं

राजधानी भुवनेश्वर में सड़क या फिर कॉलेज के सामने लड़कियों व महिलाओं के साथ दु‌र्व्यवहार या फिर फिकरा कसने वालों की अब खैर नहीं है

By JagranEdited By: Published: Fri, 03 Jan 2020 11:31 PM (IST)Updated: Sat, 04 Jan 2020 06:23 AM (IST)
राजधानी में रोड रोमियो की अब खैर नहीं
राजधानी में रोड रोमियो की अब खैर नहीं

जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर : राजधानी भुवनेश्वर में सड़क या फिर कॉलेज के सामने लड़कियों व महिलाओं के साथ दु‌र्व्यवहार या फिर फिकरा कसने वालों की अब खैर नहीं है, क्योंकि कमिश्नरेट पुलिस ने इन पर लगाम लगाने के लिए 30 संस्थान से 246 युवतियों को विशेष पुलिस अधिकारी (एसपीओ) के तौर पर नियुक्त किया है। ये विशेष महिला अधिकारी केवल रोड रोमियो पर ही निगरानी नहीं रखेंगी बल्कि फेसबुक व्हाट्सएप ग्रुप पर भी इनकी पैनी नजर होगी। ऐसे में सोशल मीडिया पर अश्लील भाषा में टिप्पणी करने या फिर किसी भी प्रकार से लड़कियों या महिलाओं को परेशान करना उक्त व्यक्ति को न सिर्फ भारी पड़ेगा बल्कि उसकी गिरफ्तारी भी संभव है। स्कूल-कॉलेज की छात्राएं तथा कार्य क्षेत्र में नियुक्त महिलाओं को मनचलों के अत्याचार से बचाने के लिए कमिश्नरेट पुलिस ने यह कदम उठाया है। इन विशेष पुलिस अधिकारियों को 3 महीने के लिए पुलिस की ही तरह क्षमता प्रदान की गई है। इस कार्यक्रम की सफलता के बाद इनके समय को और बढ़ाया जा सकता है।

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कमिश्नरेट पुलिस के 12वें स्थापना दिवस के मौके पर इस नई व्यवस्था को राज्य के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) अभय ने शुभारंभ किया। कमिश्नरेट पुलिस मुख्यालय में आयोजित विशेष कार्यक्रम में 246 छात्राओं को एसपीओ के तौर पर नियुक्ति दिए जाने के संदर्भ में डीजीपी ने कहा कि पुलिस ने पहली बार यह व्यवस्था शुरू की है। कई बार ऐसा होता है कि पुलिस के पास अपराध की खबर ही नहीं पहुंचती या फिर जब तक खबर पहुंचती तब तक अपराधी फरार हो जाते थे। अत्याचार का शिकार हुई महिलाएं मानसिक दबाव में रहने को मजबूर हो जाती थी। इससे अपराधियों का साहस बढ़ रहा था। अब ऐसी घटनाओं पर विशेष पुलिस अधिकारी नजर रखेंगी या फिर अत्याचार का शिकार होने वाली महिलाएं इनके जरिए सीधे पुलिस के पास पहुंच पाएंगी।

पुलिस कमिश्नर सुधांशु षाड़ंगी ने कहा कि पुलिस के पास तीसरी आंख नहीं होती है। ऐसे में कहां क्या हो रहा है उसकी जानकारी रखना संभव नहीं हो रहा था। अब ये विशेष पुलिस अधिकारी कमिश्नरेट पुलिस की आंख व कान के तौर पर काम करेंगी। इन्हें अपराधियों को गिरफ्तार करने की भी क्षमता प्रदान की गई है। शहरी पुलिस कानून के तहत उन्हें क्षमता दी गई हैं। बहुत जल्द इन्हें एक व्हाट्सएप ग्रुप में शामिल किया जाएगा।

इस अवसर पर सभी विशेष पुलिस अधिकारियों को एक जर्सी प्रदान की गई है। वूमेन एंपावरमेंट फॉर जेंडर सेंसेटिव पुलिसिंग कार्यक्रम के जरिए यह व्यवस्था की गई है। यह व्यवस्था सफल हो जाने के बाद इसे पूरे प्रदेश में लागू किया जा सकता है। इस अवसर पर अतिरिक्त पुलिस कमिश्नर संजय सिंह, ट्रैफिक डीसीपी सागरिका नाथ प्रमुख उपस्थित थे।


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