मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के इन परियोजनाओं के बल पर विश्व स्तरीय शहर बनेगा श्रीक्षेत्र धाम
मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने पुरी में सात परियोजनाओं का शिलान्यास किया और श्रीमंदिर के चारों तरफ के सौंदर्यीकरण की भी समीक्षा की।
भुवनेश्वर, जेएनएन। श्रीक्षेत्र धाम पुरी को विश्व स्तरीय शहर बनाने की दिशा में नवीन पटनायक की सरकार ने कई प्रकार की योजनाएं तैयार की हैं और काम भी शुरू हो गया है। इन परियोजनाओं को धरातल पर उतर जाने के बाद महाप्रभु श्री जगन्नाथ धाम के नाम से पहले से ही पुरी दुनिया में परिचित यह धाम पर्यटन के लिहाज से भी दुनिया के चुनिंदा शहरों में अपना स्थान स्थापित कर लेगा। इसी के तहत गुरुवार को मुख्यमंत्री पटनायक ने श्रीक्षेत्र धाम पुरी में जिन सात प्रमुख परियोजनाओं का शिलान्यास किया उन परियोजना का विवरण इस प्रकार है।
श्रीसेतु पुरी-भुवनेश्वर 316 नंबर राष्ट्रीय राजमार्ग के बाईपास से जगन्नाथ बल्लभ मठ परिसर में होने वाले पिलग्रीम सेंटर को श्रीसेतु द्वारा संयोग किया जाएगा। अवढ़ा योजना में निर्माण होने वाले श्रीसेतु के लिए 181 करोड़ रुपया खर्च किया जाएगा। रास्ते एवं ब्रीज की लम्बाई 2.3 किमी. होगी। इस सेतु के लिए 37 एकड़ 984 डेसीमिल जगह को अधिग्रहण किया जाएगा। 34 एकड़ 246 डेसीमिल निजी जमीन है जबकि 3 एकड़ 738 डेसीमिल सरकारी जमीन है।
तीर्थयात्रा केन्द्र
बाहर से आने वाले तीर्थयात्रियों की सुविधा के लिए अबढ़ा योजना में जगन्नाथ बल्लभ मठ परिसर में पिलग्रीम सेंटर या तीर्थयात्रा केन्द्र बनाया जाएगा। यह छह मंजिला होगा। इसमें 1000 बहुमुखी कार पार्किंग की व्यवस्था की जाएगी। इसके साथ ही यहां पर ध्यान केन्द्र, व्यवसायिक केन्द्र की भी व्यवस्था उपलब्ध की जाएगी। इसके लिए 190 करोड़ रुपया खर्च होगा।
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चार मंजिला कार पार्किंग की व्यवस्था
पुराने जेल रोड परिसर में चार मंजिली बहुतल कार पार्किंग की व्यवस्था की जाएगी। इसमें 500 कार एवं 500 दो पहिए वाहन पार्किंग की व्यवस्था की जाएगी। इसके साथ ही 350 दुकान घर भी बनाए जाएंगे। इसके लिए सरकार ने 90 करोड़ 22 लाख रुपया खर्च करने की योजना तैयार किया है।
म्युनिसिपालिटी मार्केट कॉम्प्लेक्स
म्युनिसिपालिटी मार्केट काम्पलेक्स नए सिरे से तैयार किया जाएगा। इसमें बेसमेंट एवं ग्राउंडफ्लोर को के अलावा तीन मंजिला मार्केट काम्पलेक्स निर्माण किया जाएगा। इसमें करीबन 500 दुकान घर बनाए जाएंगे। 100 चार पहिया वाहन पार्किंग की व्यवस्था के साथ 300 किलोवाट का रूफटफ सोलार सिस्टम भी उपलब्ध किया जाएगा। सरकार इसके लिए करीबन 44 करोड़ 82 लाख रुपया खर्च करेगी।
उपरोक्त चार परियोजना के अलावा स्वर्गद्वार पुन: विकास प्रोजेक्ट का भी मुख्यमंत्री ने शिलान्यास किया है। शवदाह के लिए आने वाले लोगों के लिए यहां पर अत्याधुनिक सुविधा दी जाएगी। इसके लिए राशि मुख्यमंत्री राहत कोष से खर्च की जाएगी। इसके साथ ही समुद्र के किनारे 800 वेंडिंग जोन बनाया जाएगा। इस हेतु सरकार 12 करोड़ रुपया खर्च करेगी। उसी तरह से सरकारी विद्यालयों में मध्याह्न भोजन तथा आहार योजनाओं के लिए केन्द्रीकरण रसोईशाला का भी मुख्यमंत्री ने शिलान्यास किया है। मंगलाघाट में 50 हजार वर्गफुट जगह में यह रसोईशाला तैयार की जाएगी।
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