माल्यवंत एक्सप्रेस में मिलती है मुफ्त शिक्षा
जहां देशभर में रेल पटरियों का जाल बिछा है। वहीं मलकानगिरी जिला
शेषनाथ राय, भुवनेश्वर : जहां देशभर में रेल पटरियों का जाल बिछा है। वहीं मलकानगिरी जिला आज भी इससे अछूता है। परिणाम स्वरूप इस इलाके के लोगों खास कर बच्चों के लिए रेल सेवा किसी सपने के समान है। इलाके के बहुत से बच्चों ने तो आज तक ट्रेन नहीं देखी हैं। ऐसे बच्चों को ट्रेन के बारे में वास्तविक जानकारी दिलाने और उसका अहसास कराने के उद्देश्य से सर्वशिक्षा अभियान की तरफ ओर से स्कूल की कक्षाओं को ही ट्रेन के डिब्बों का रूप दे दिया गया है।
स्कूल के प्रधान शिक्षक प्रकाश नायक के अनुसार स्कूल की कक्षाओं के इस रूप को माल्यवंत एक्सप्रेस का नाम दिया गया है। जहां बच्चे अपनी कक्षाओं में बैठकर रेल डिब्बा का अहसास करते हुए पढ़ाई करते हैं। रेल के डिब्ब की शक्ल वाली कक्षाओं के दरवाजे पर बच्चों की देखने लायक होगी है।
इस माल्यवंत एक्सप्रेस ओडिशा के आदिवासी प्रवण मलकानगिरी जिला सदर महकमा में मौजूद है। इस स्कूल का वास्तविक नाम बुटीगुड़ा उच्च प्राथमिक विद्यालय है। प्रधान शिक्षक बताते हैं कि इससे पहले स्कूल की दीवारों पर ट्रेन का चित्र अंकित किया गया था, जिसे बच्चे देख रहे थे, मगर उन्हें इसके बारे अधिक ज्ञान नहीं था, अब ट्रेन की तरह से विद्यालय को चित्रित करने से बच्चों को ट्रेन के बारे में अधिक जानकारी मिल रही है। उल्लेखनीय है कि एक तरफ तो मानव चांद तक सफर कर चुका है और चांद पर बसने की योजना बना रहा है, मगर ओडिशा के इस अति पिछड़े मलकानगिरी जिला के माल्यवंत में आज तक रेलगाड़ी तक नहीं पहुंच पाए है। बच्चों का कहना है कि हमने अपने जीवन में कभी भी ट्रेन नहीं देखी है। टेलीविजन में ट्रेन देखते हैं। सरकार यदि इस इलाके में ट्रेन संयोग करे हमें भी हकीकत में ट्रेन देखने का मौका मिलता। फिलहाल हम विद्यालय को ट्रेन की तरह देखकर हमें खुश होते हैं।