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Online education: ऑनलाइन शिक्षा से बच्‍चों को हो रहा है ये बड़ा नुकसान, माता-पिता रखें ध्‍यान

Online education कोरोना लॉकडाउन के कारण बच्‍चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है ऐसे में ऑनलाइन एजुकेशन ही एक विकल्‍प है लेकिन इससे बच्‍चों का स्‍वास्‍थ्‍य के लिए खतरा बढ़ गया है।

By Babita kashyapEdited By: Published: Thu, 16 Jul 2020 12:55 PM (IST)Updated: Thu, 16 Jul 2020 12:55 PM (IST)
Online education: ऑनलाइन शिक्षा से बच्‍चों को हो रहा है ये बड़ा नुकसान, माता-पिता रखें ध्‍यान
Online education: ऑनलाइन शिक्षा से बच्‍चों को हो रहा है ये बड़ा नुकसान, माता-पिता रखें ध्‍यान

भुवनेश्वर, जागरण संवाददाता। आपके बच्चे ऑनलाइन क्लास कर रहे हैं तो सावधान हो जाइए क्योंकि घंटों तक मोबाइल को आंख के सामने रखकर पढ़ने से छात्र-छात्राओं की आंख प्रभावित हो सकती है। यहां तक की उनके दिमाग पर भी इसका प्रभाव पड़ सकता है। कम आयु में ही कम दिखाई देने लगेगा। आंख से पानी निकलेगा और आंख में खुजली जैसी समस्या देखने को मिल सकती है। कोरोना संक्रमण के कारण देश के 24  करोड़ छात्र-छात्राओं की पढ़ाई प्रभावित हुई है। उन्हें कक्षा में शिक्षा नहीं मिल पा रही हैं। 4 महीने से छात्र घरों में बैठे हैं। ऐसे समय में उनका विकल्प ऑनलाइन शिक्षा बनी है।

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भविष्‍य में हो सकती है असुविधा 

राज्य एवं देश के अनेकों स्कूल कॉलेज तथा विश्वविद्यालय अपने बच्चों को ऑनलाइन में पढ़ा रहे हैं। शिक्षक 1 दिन में 4 से 5 घंटा क्लास ले रहे हैं। एक ही साथ लगभग 30 छात्र छात्राओं को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए शिक्षक पढ़ाते साफतौर पर देखे जा सकते हैं। कोमलमति बच्चों के मुंह के सामने मोबाइल रखकर शिक्षक शिक्षिका जो पढ़ा रहे हैं उसकी जानकारी लेते है। होमवर्क भी मोबाइल के जरिए दिया जा रहा है। स्कूली बच्चों की आयु कम होने से उनकी आंख के ऊपर मोबाइल क्या प्रभाव डालेगी यह बच्चों को नहीं पता है। मोबाइल को आंख से कितनी दूर रखना है वह भी बच्चों को नहीं पता है। परिणामस्वरूप उन्हें भविष्य में असुविधा का सामना करना पड़ सकता है। इससे आंख खराब होने की बात  डॉक्टर एवं शिक्षक भी मान रहे हैं।

 मानव संसाधन विकास मंत्रालय का नया निर्देशनामा

ऐसे में केंद्र मानव संसाधन विकास मंत्रालय की तरफ से एक नया निर्देशनामा जारी किया गया है। इस निर्देशनामा के मुताबिक प्राथमिक कक्षा के छात्र छात्राओं को दिशा-निर्देश देने के लिए 1 दिन उनके माता-पिता के साथ चर्चा करने की सुविधा रहेगी। इसकी समयावधि 30 मिनट से अधिक नहीं होगी। पहली कक्षा से 12वीं कक्षा तक एनसीइआरटी के वैकल्पिक शैक्षिक कैलेंडर का अनुसरण करना होगा। पहली से आठवीं कक्षा तक  ऑनलाइन सिनक्रोनस लर्निंग 2 सेशन से अधिक नहीं होगी। इस सेशन की अवधि 30 से 45 मिनट के बीच सीमित रहेगी। प्राइमरी सेक्शन के लिए राज्य सरकार ऑनलाइन का समय निर्धारण करेगी।  

 डॉक्‍टर की सलाह 

9वीं से 12वीं कक्षा तक ऑनलाइन सिनक्रोनस लर्निंग 4 सेशन से अधिक नहीं होगी। प्रत्येक सेशन की अवधि 30 से 45 मिनट होगी। इस कार्य में स्कूल के अधिकारी, शिक्षक व अन्य संपृक्त अधिकारी सहयोग कर असेसमेंट प्लानिंग, साइबर सुरक्षा एवं इसके कार्यकारिता आदि की व्यवस्था करेंगे। डॉक्टरों ने सलाह दी है कि मोबाइल में पढ़ाई करते समय मोबाइल को मुंह से 1 फुट दूरी पर रखें। आंख की स्थिति क्या है सभी छात्र-छात्रा उसकी जांच करा लें। पढ़ाई वाली जगह पर रोशनी बेहतर होनी चाहिए। मोबाइल से पढ़ाई कर रहे छात्रों के पीछे एक लाइट जलनी चाहिए। इससे मोबाइल लाइट का प्रभाव उनकी आंख पर कम पड़ेगा। मोबाइल के ऊपर अल्ट्रावायलेट कवर आना जरूरी है। यदि छात्र-छात्रा इस नियम को नहीं मानते हैं और घंटों तक मोबाइल से पढ़ाई करते हैं तो फिर उनकी आंख की रोशनी कम होने की संभावना अधिक है।


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