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ओड़िशा में लगातार हो रही हाथियों की मौत पर मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने जताई नाराजगी

वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक कर जल्द उपयोगी कदम उठाने की दी सलाह। दो सप्ताह में 6 हाथियों की हो चुकी मौत दो का चल रहा है इलाज। हाथी पास्टुरेल्ला मल्टीकोसिडा नामक वैक्टेरिया से संक्रमित होकर रक्तस्रावी सेप्टिसीमिया बीमारी से हैं पीड़ित।

By Vijay KumarEdited By: Published: Tue, 16 Feb 2021 07:28 PM (IST)Updated: Tue, 16 Feb 2021 07:28 PM (IST)
ओड़िशा में लगातार हो रही हाथियों की मौत पर मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने जताई नाराजगी
हाथियों की मौत को लेकर मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने नाराजगी जाहिर की

जासं, भुवनेश्वर : कालाहांडी के कर्लापाट वन्यजन्तु अभयारण्य में हो रही हाथियों की मौत को लेकर मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने नाराजगी जाहिर की है। इस संदर्भ मे विडियो कान्फ्रेसिंग के जरिए समीक्षा करते हुए जंगल एवं पर्यावरण विबाग तथा पशुपालन विभाग को संयुक्त रूप से कदम उठाते हुए हाथी मृत्यु रोकने के लिए निर्देश जारी किया। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने राज्य तथा देश के विशेषज्ञों से सलाह लेकर जरूरी कदम उठाने की सलाह दी है। अभयारण्य एवं उसके आस-पास के इलाकों में रहने वाले गांवों में मौजूद पालतू पशुओं का टीकाकरण सुनिश्चित करने के लिए मुख्यमंत्री ने डीएफओ तथा जिला मुख्य प्रशासनिक अधिकारियों को निर्देश दिया है। अभयारण्य में मौजूद सभी जलाशयों का तुरन्त शुद्धिकरण करने एवं पानी का नमूना तुरन्त परीक्षण करने के साथ नियमित परीक्षण करने के लिए मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया है। 

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कारलापाट वन्यजंतु अभयारण्य में दो सप्ताह में 6 हाथियों की मौत

बैठक से पता चला है कि कालाहांडी जिले के कारलापाट वन्यजंतु अभयारण्य में पिछले दो सप्ताह में 6 हाथियों की मौत हो गई है। विशेषज्ञों के मुताबिक हाथी पास्टुरेल्ला मल्टीकोसिडा नामक एक वैक्टेरिया से संक्रमित होकर रक्तस्रावी सेप्टिसीमिया बीमारी से पीड़ित होकर मृत्यु का शिकार हो रहे हैं। इस दल के 8 हाथियों में से 6 की मौत हो चुकी है। 

इलाके में 43 जलाशय से 25 जलाशय को विशोधित कर दिया गया 

इस इलाके में और दो हाथियों का दल है। इन हाथियों को ट्राक किया जा रहा है और वे संक्रमित दल के संपर्क में ना आने पाएं, इसकी व्यवस्था की जा रही है। इसके साथ ही इस इलाके में 43 जलाशय से 25 जलाशय को विशोधित कर दिया गया है जबकि बाकी बचे जलाशय का विशोधन किया जा रहा है।

दो राज्यस्तरीय विशेषज्ञ टीम बनाकर परिस्थिति का आंकलन कर रहे

हाथियों के आवागमन पर नजर रखने के लिए रेंज आफिसर, फारेस्टर, फारेस्ट गार्ड एवं दो जोन को लेकर 10 टीम गठन किया गया है। जंगल विभाग एवं पशुपालन विभाग से दो राज्यस्तरीय विशेषज्ञ टीम बनाकर परिस्थिति का आंकलन करने के साथ जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं। 

प्रतिरोधक व्यवस्था करने तथा सलाह देने के लिए अनुरोध किया गया

अभयारण्य तथा आस-पास के गांव में रहने वाले पालतू पशुओं का टीकाकरण किया जा रहा है। प्रोजेक्ट इलीफेंड के आईजी एवं वाइल्डलाइफ इंस्टीट्यूट आफ इंडिया के निदेशक को ओड़िशा को एक टीम भेजकर प्रतिरोधक व्यवस्था करने तथा सलाह देने के लिए अनुरोध किया गया है।

वन संरक्षक अधिकारी विडियो कान्फ्रेसिंग के जरिए बैठक से जुड़े थे

बैठक में विकास कमिश्नर प्रदीप कुमार जेना, जंगल एवं पर्यावरण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव मोना शर्मा एवं मुख्यमंत्री के सचिव (फाइव टी) वी.के.पांडियन, जंगल विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। कालाहांडी से जिलाधीश एवं मुख्य वन संरक्षक अधिकारी विडियो कान्फ्रेसिंग के जरिए बैठक से जुड़े थे।


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