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Odisha High Court में नौकरी के नाम पर लाखों की ठगी, मास्‍टरमाइंड समेत दो गिरफ्तार

ओडिशा हाइ कोर्ट (Odisha High Court) नौकरी दिलवाने के नाम पर ठगी के मामले में गैंग के सदस्‍यों को गिरफ्तार किया गया है। नेटवर्क का मास्टरमाइंड भूषण पटनायक के साथ-साथ एक सेवानिवृत्त कर्मचारी प्रदीप कुमार सतपथी को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया है।

By Babita KashyapEdited By: Published: Wed, 15 Jun 2022 01:57 PM (IST)Updated: Wed, 15 Jun 2022 01:57 PM (IST)
Odisha High Court में नौकरी के नाम पर लाखों की ठगी, मास्‍टरमाइंड समेत दो गिरफ्तार
ओडिशा हाईकोर्ट में चपरासी की नौकरी का झांसा देकर लाखों रुपए की ठगी

भुवनेश्‍वर, जागरण संवाददाता। ओडिशा हाईकोर्ट में चपरासी की नौकरी का झांसा देकर लाखों रुपए की ठगी करने वाली गैंग के सदस्यों को गिरफ्तार किया गया है। इस गैंग का नेटवर्क उत्तर ओडिशा तक फैला है। इस नेटवर्क का मास्टरमाइंड भूषण पटनायक के साथ-साथ एक सेवानिवृत्त कर्मचारी प्रदीप कुमार सतपथी को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया है। प्रदीप सेना वाहिनी से अवसर लेने के बाद बेरोजगार युवाओं को नौकरी देने का लालच देकर ठगी करने के लिए षड्यंत्र रचा था। जिसमें उसे भूषण पटनायक ने सहयोग किया था। लालबाग थाना पुलिस मास्टरमाइंड भूषण के साथ प्रदीप को गिरफ्तार किया है। इन दोनों की गिरफ्तारी को मिलाकर कुल आरोपियों की संख्या पांच में पहुंची है।

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जानकारी के मुताबिक, हाईकोर्ट में चपरासी की नौकरी का लालच देकर ओडिशा में ठग गैंग बेरोजगार युवाओं के पास से लाखों रुपए की ठगी करने के संबंध में हाईकोर्ट रजिस्ट्रार जुडिशियल सुमन कुमार मिश्र की ओर से लालबाग थाना में एक मामला दर्ज किया गया था। मामला दर्ज होने के बाद पुलिस ने तुरंत हरकत में आते हुए गिरोह का पर्दाफाश किया। पिछले 12 जून को लालबाग थाना पुलिस कटक दीवान बाजार का जी.कमल कुमार, सीडीए सेक्टर-9 इलाके का सिद्धार्थ पटनायक और मंगलाबाग थाना अंतर्गत मल्हा साही का स्वराज उर्फ जिमी राउतराय को गिरफ्तार किया था। जिमी और कमल के माध्यम से बेरोजगार युवाओं को नौकरी देने की झांसा देकर रुपए इकट्ठा किया जाता था। सीडीए इलाके में सिद्धार्थ की एक कंप्यूटर की दुकान है। उसी दुकान से नियुक्ति संबंधित कॉल लेटर और दूसरे फर्जी कागजात तैयार किए जाते थे। जिसे युवाओं को भेज कर उल्लू बनाया जाता था।

कालाहांडी कोकसरा ब्लॉक लड्डू गांव का भूषण पटनायक पूरे कारोबार को नियंत्रण करता था, जोकि उन दिनों सीडीए इलाके में रहता है। वह हाईकोर्ट के पास टाइपिंग का कार्य करता था। मधुपाटना थाना अंतर्गत कल्याण नगर इलाके में रहने वाला सेना निवृत कर्मचारी प्रदीप सतपथी उसका सहयोगी था। यह गिरोह कटक के साथ-साथ बालेश्वर, भद्रक आदि जिला में अधिक संख्या में बेरोजगार युवाओं को अपनी जाल में फंसाया था। अभी तक इस धांधली में 30 लाख रुपए से अधिक की ठगी होने का सबूत पुलिस को मिला है। आगे यह रकम और अधिक होने का आशंका की जा रही है।


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