सेसु ने बकाया वसूलने का चलाया अभियान, 7 लाख घरों पर लटकी तलवार
सेंट्रल इलेक्ट्रिक्टसिटी सप्लाई यूटिलिटी आॅफ ओडिशा ने उपभोक्ताओं से आग्रह किया है कि अगर बकाया बिल न चुकाया गया तो बिजली काट दी जाएगी।
भुवनेश्वर, जेएनएन। सेंट्रल इलेक्ट्रिक्टसिटी सप्लाई यूटिलिटी (सेसु ) आॅफ ओडिशा के बकाया बिल का भुगतान न करने पर बिजली काट दी जाएगी। यह चेतावनी सेसु के सीइओ अरुण बोथ्रा ने दी है। उपभोक्ताओं से आग्रह किया गया है कि अगर वे अपने अपने बिजली कनेक्शन को बहाल रखना चाहते हैं तो उन्हें 15 जनवरी तक बिजली का बकाया बिल भुगतान करना होगा।
सेसु के अनुसार तकरीबन 7 लाख घरों पर बिजली कटने का खतरा मंडरा रहा है। सेसु ने घोषणा किया है कि जनवरी 16 से फरवरी 5 तारीख के मध्य सेसु के स्क्वार्ड 11397 गांवों का दौरा करेंगे और बकाया बिल का भुगतान न करने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। सेसु ने आंकड़े जारी करते हुए जानकारी दी है कि 8 लाख 36 हजार 269 घरेलु उपभोक्ताओं पर कंपनी का 1251 करोड 36 लाख रुपया बकाया है। इसके अलावा 59,190 व्यवसायिक प्रतिष्ठानों पर सेसु का 243 करोड रुपये बाकी पडे हैं।
सेसु की ओर से इन व्यवसायिक प्रतिष्ठानों को नोटिस जारी किया गया है। सेसु के सीइओ अरुण बोथ्रा ने कहा कि जिन सरकारी संस्थानों पर सेसु का बिल बकाया है वे मार्च तक बिल पेमेंट कर देने का आश्वासन दिए हैं। सेसु की ओर से बिल के भुगतान के लिए 3 स्कीम की भी घोषणा की है। जिन उपभोक्ताओं पर 25 हजार तक का बिल बकाया है वे वर्तमान 30 प्रतिशत डाउन पेमेंट देकर बाकी का पैसा 3 किश्तों में भुगतान कर सकते हैं।
उसी तरह 25 हजार से 50 हजार तक के बकाये के मामले में 30 प्रतिशत डाउन पेमेंट देकर बाकी का पैसा देकर शेष राशि का 4 किश्तों में भुगतान किया जा सकता है। 50 हजार से अधिक बकाया पर 30 प्रतिशत डाउन पेमेंट देकर बाकी का पैसा 6 किश्तों में भुगतान करने की छुट होगी। हालांकि सेसु ने आम उपभोक्ता और सरकारी प्रतिष्ठानों तथा व्यावसायिक प्रतिष्ठानों से बकाया वसूलने पर कडाई बरतने का निर्णय लिया है मगर बड़े उद्योगों पर सेसु के बकाया पड़े करोडों के बिल पर कंपनी चुप है।
सूत्रों के अनुसार 6 शिल्प संस्थानों पर सेसु का 96 करोड रुपये बकाया पडा है। इनमें जिन्दल स्टील एंड पावर, सोलारी रेलवे ट्राक्सन, नवभारत वेंचर्स, ग्रीड स्टील एंड एलॉयज जैसी बडी कंपनियां भी शामिल हैं। सेसु के इस फैसले से नागरिक मंच ने आपत्ति जताई है। कंपनियों को छूट दिए जाने पर आम लोगों ने नाराजगी जाहिर की है।
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