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सहकर्मी को अश्लील संदेश भेजने का मामला: पुलिस जारी कर सकती है गैर जमानती वारंट

सहकर्मी युवती को अश्‍लील संदेश भेजने के मामले में पुलिस आरोपी आयुष निदेशक के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी कर सकती है।

By Babita kashyapEdited By: Published: Thu, 09 Jul 2020 01:44 PM (IST)Updated: Thu, 09 Jul 2020 01:44 PM (IST)
सहकर्मी को अश्लील संदेश भेजने का मामला: पुलिस जारी कर सकती है गैर जमानती वारंट
सहकर्मी को अश्लील संदेश भेजने का मामला: पुलिस जारी कर सकती है गैर जमानती वारंट

भुवनेश्वर, जागरण संवाददाता। सहकर्मी युवती को अश्लील संदेश देने वाला आयुष निदेशक तथा वरिष्ठ ओएएस अधिकारी पुलिस नोटिस के बावजूद थाने में हाजिर नहीं हुआ है। ऐसे में पुलिस उसके खिलाफ जल्द ही गैर जमानती वारंट जारी कर सकती है। हालांकि अभियुक्त अग्रिम जमानत का प्रयास करने के साथ ही खुद को निर्दोष बताने के  प्रयास में लग जाने की भी गुप्त सूचना मिली है।

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क्‍या कहना है आरोपी का 

मिल रही सूचना के मुताबिक आरोपी अधिकारी ने कहा है कि शिकायत करने वाली सहकर्मी युवती ने उसके ऊपर गलत आरोप लगाया है। युवती की नियुक्ति ही गैरकानूनी है ऐसे में करारनामा पर नियुक्त युवती का आगे अब  नियुक्ति नवीनीकरण नहीं हो पाएगी। इसकी जांच करने के लिए हमने सतर्कता विभाग को पत्र लिखा है। यह पत्र 6 जुलाई को लिखा गया है। हालांकि जिस दिन युवती ने थाने में शिकायत की थी, उसी दिन अभियुक्त अधिकारी ने  सतर्कता विभाग को पत्र लिखा है। 

जानकारी के मुताबिक शिकायत करने वाली सहकर्मी युवती ने पिछले जनवरी महीने में कंट्राक्ट बेसिक पर आयुष ​विभाग में ड्यूटी ज्वाइन की थी। अभियुक्त अधिकारी उसके 6 महीने बाद अर्थात अगस्त महीने में यहां पर ड्यूटी ज्वाइन की है। यदि महिला सहकर्मी के ऊपर इतने आरोप थे तो फिर 10 महीने तक वह चुप क्यों बैठा था, जब महिला ने थाना में शिकायत की है तब अचानक इस अधिकारी को यह सब क्यों दिखाई देने लगा है। ऐसे में उसके इस पर भी हर किसी को संदेह होने लगा है। हालांकि इस अधिकारी ने भी महिला थाना में शिकायत किया है कि जो बातचीत का काल रिकार्डर लेकर सहकर्मी युवती घूम रही हैं, उसमें मेरी आवाज नहीं है। इस आवाज की लैब में जांच की जानी चाहिए। वहीं युवती ने भी इस मामले की उपयुक्त जांच करने की मांग की है। आडियो को लैब में भेजकर इसको प्रमाणित किया जाए। युवती ने साफ तौर पर कहा है कि जिस नंबर से यह सब अश्लील संदेश आए हैं उसकी उपयुक्त जांच की जाए।

क्‍या कहना है लोगाेें का  

लोगों कहना है कि यदि संपृक्त युवती पर इतने आरोप थे तो फिर यह अधिकारी 10 महीने तक चुप क्यों बैठा रहा। जब युवती ने उसके खिलाफ थाने में शिकायत की है तभी अचानक युवती में इसे खामियां दिखाई देने लगी हैं। लोगों का कहना है कि यह अधिकारी युवती पर दबाव बनाने के लिए इस तरह का षडयंत्र रच रहा है।  खबर के मुताबिक अभियुक्त अधिकारी ने अपना आरोप महिला थाना में ई-मेल के जरिए भेजा है। उसका मोबाइल नंबर नहीं लग रहा है। थाना में हाजिर होने के लिए महिला थाना की तरफ से उसे नोटिस भेजी गई है, मगर वह थाना में हाजिर नहीं हो रहा है। माना जा रहा है कि वह अग्रिम जमानत की फिराक में है।


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