जानिये- ओडिशा में कब और कहा हुए नाव हादसे, क्या हैं कारण
ओडिशा में प्रति वर्ष नाव पलटने से कई लोगों की मौत हो जाती है, इन घटनाओं के लिए केवल प्रशासन ही नही बल्कि लोगों की लापरवाही भी जिम्मेदार है।
भुवनेश्वर, जेएनएन। राज्य में नाव के पलटने से हर साल लोगों की जानी जाती रही है। इससे पहले की कुछ घटनाएं इस प्रकार हैं। जानकारी के मुताबिक वर्ष 2014 में पिकनिक खत्म कर लौटते समय हीराकुद डैम में एक नाव डूब गई थी और इसमें 30 से अधिक लोगों की जान चली गई थी। इस घटना ने पूरे राज्य के साथ देश को झकझोर दिया था।
उसी तरह से वर्ष 2015 में सातभाया इलाके में बाउंशपाली नदी में भी एक नाव डूबने से 1 व्यक्ति की मौत हुई थी जबकि 10 से अधिक लोग घायल हुए थे। वर्ष 2016 में दिसम्बर महीने में चिलिका में एक नाव डूबने से 4 लोगों की मौत हुई थी। इसके अलावा वर्ष 2018 जून महीने में चिलका में नाव डूबने की घटना हुई थी, जिसमें नाव पलटने से 6 लोगों की जान चली गई थी। अब 2019 के प्रारंभ में ही हुए नाव हादसे में 9 लोगों की जान चली गई है।
इन सभी घटनाओं के अनुध्यान से पता चलता है कि कि नाव में या तो क्षमता से अधिक लोग सवार होते हैं या फिर लाइफ जैकेट का लोग प्रयोग नहीं करते हैं। इसके अलावा प्रशासन का ढीलमूल रवैया भी हादसे के कारणों में शामिल है। बिना लाइसेंस के नाव चलाने, लाइसेंस है तो नियमों का अनुपालन न करना भी नाव हादसों में शामिल है।
यहां उल्लेखनीय है कि कई जगहों पर लोग खतरे को नजर अंदाज कर नाव के जरिए नदी पार कर रहे हैं। यहां तक गाड़ियों को भी नावों से पार किया जाता है। इसके लिए प्रशासन को सतर्क रहने के साथ लोगों को भी जागरूक होने की जरूरत है।