Coronavirus: 61 दिनों से लोगों की सेवा में जुटी है बालेश्वर की संस्था वंदे मातरम
Coronavirus बालेश्वर की संस्था वंदे मातरम पिछले 61वें दिनों से लोगों को पका पकाया भोजन सूखा आहार मास्क सैनिटाइजर इत्यादि बांट रही है।
बालेश्वर, जागरण संवाददाता। कोरोना जैसी महामारी से आज पूरा विश्व कराह रहा है। ऐसे में केंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा विभिन्न प्रकार के कायदे कानून भी आम जनता के लिए जारी किए गए हैं। कोरोना को रोकने के लिए सरकारी स्तर पर विगत ढाई माह से लॉकडाउन की घोषणा की गयी है, जिसके चलते आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग पर इसका सीधा प्रभाव पड़ा है। आर्थिक रूप से कमजोर लोगों की दुर्दशा को देखते हुए बालेश्वर का अग्रिम सांस्कृतिक और सामाजिक संस्थान स्वदेश संग्राम फाउंडेशन वंदे मातरम की ओर से पका पकाया भोजन, सूखा आहार, मास्क, सैनिटाइजर इत्यादि शहर के आसपास की विभिन्न बस्तियों में विगत 61 दिनों से बांटा जा रहा है।
स्वदेश संग्राम फाउंडेशन के चेयरमैन युवा उद्योगपति और समाजसेवी संग्राम दास, वाइस चेयरमैन संजीव मिश्रा, अध्यक्ष आशीष दास, सचिव डॉ श्रीमान श्रीचंदन के देखरेख में इस तरह का प्रशंसनीय कार्य किया जा रहा है। जागरण से बातें करते हुए युवा उद्योगपति तथा समाजसेवी संग्राम दास ने बताया कि जो लोग गरीब तबके के हैं तथा जो लोग दूसरे राज्यों से 1000 किलोमीटर साइकिल के द्वारा या फिर पैदल चलकर अपने-अपने गृह राज्य को लौट रहे थे। सभी लोगों को पका पकाया भोजन तथा सूखा आहार विगत 61 दिनों से बांटा जा रहा है। इसमें हमारे कमेटी के सारे कार्य कर्ताओं का मैं आभार व्यक्त करता हूं क्योंकि यह लोग खुद अपने हाथों से खाना बनाकर और लोगों के बीच बांट रहे हैं। आने वाले दिनों में हमारे फाउंडेशन की ओर से जिला मुख्य चिकित्सालय को मृत व्यक्ति को धोने के लिये एक गाड़ी प्रदान की जाएगी। इसी के साथ मृत व्यक्ति को रखने के लिए एक फ्रीजर भी प्रदान किया जाएगा तथा प्रति रविवार को मरीजों और उनके परिवार के लोगों को सुबह का नाश्ता मुफ्त में प्रदान किया जाएगा।
यहां उल्लेखनीय है कि वंदे मातरम की ओर से करीब 61 दिनों से लोगों के बीच पका पकाया भोजन और सूखा आहार बांटे जाने से पूरे जिले में यह संस्था चर्चा का विषय बन गयी है। इनके सदस्यों का कहना है कि आने वाले और जितने दिन तक लॉकडाउन या प्रतिबंध जारी रहेगा हमारा यह सेवा जारी रहेगी। आज वंदे मातरम संस्था की जितनी भी प्रशंसा की जाये कम है क्योंकि कोरोना जैसे महामारी के समय चाहे डॉक्टर हो, पुलिसकर्मी हो या मीडिया से जुड़े लोग सभी को आज कोरोना योद्धा कहा जा रहा है। आज वंदे मातरम के सदस्यों का काम भी किसी योद्धा से कम नहीं है।