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श्रमिक विरोधी नीति बर्दाश्त नहीं की जाएगी : कमलापति

बड़बिल एवं बलाणी रेल साइडिग से श्रमिकों को हटाकर मशीन के जरिए लोडिग कार्य करने की योजना बन रही है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 11 Aug 2020 01:10 AM (IST)Updated: Tue, 11 Aug 2020 06:16 AM (IST)
श्रमिक विरोधी नीति बर्दाश्त नहीं की जाएगी : कमलापति
श्रमिक विरोधी नीति बर्दाश्त नहीं की जाएगी : कमलापति

जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर : बड़बिल एवं बलाणी रेल साइडिग से श्रमिकों को हटाकर मशीन के जरिए लोडिग कार्य करने की योजना बन रही है। स्थानीय श्रमिकों को भ्रमित कर मशीन की मदद से खुद मुनाफा कमाने के लिए घृणित षडयंत्र रच रहे हैं। यह आरोप बलाणी ठेका मजदूर संघ के कार्यकारी अध्यक्ष कमलापति यादव ने सोमवार को लगाया है।

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कमलापति यादव की ओर से स्पष्ट किया गया है कि बीजू कल्याण लोडिग एजेंसी के नाम से कोई भी लोडिग ठेकेदार कंपनी काम नहीं कर रही है। प्रवाद पुरुष बीजू पटनायक के नाम का दुरुपयोग कर श्रमिकों को हटाने एवं मशीन के जरिए लोडिग कार्य संपन्न कर श्रमिकों को बरगलाने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि लोडिग कार्य के लिए जिस दर का निर्धारण कर ठेकेदारों को लाया गया है उस दर में काम करना असंभव है। इससे यह स्पष्ट हो रहा है कि केवल श्रमिकों को हटाने एवं मशीन को लाने के लिए षडयंत्र रचा जा रहा है। बलाणी साइडिग में 750 श्रमिक काम कर रहे हैं। उनकी दैनिक मजदूरी, लीव, बोनस को छोड़कर यदि किसी कारण ठेका संस्था उन्हें मुहैया नहीं कर पायी तो फिर उन्हें दिए जाने वाले आइडियल वेजेज आदि को मिलाकर टन पीछे कम से कम 40 से 45 रुपये का खर्च होगा। टन पीछे 10 से 12 रुपये मशीन आने के बाद खर्च होगा। श्रमिकों के अलावा उक्त साइडिग में 50 से 60 कर्मचारी नियोजित हैं। ऐसे में टन पीछे 36 रुपये में काम लाने वाले ठेकेदार को श्रमिक के बदले लोडिग मशीन लगाने या फिर श्रमिकों के बोनस, लीव, सिक, आदि की राशि हड़पने की बात स्थानीय श्रमिकों को पता चल गई है। ऐसे में रेलवे साइडिग में कार्यरत प्रत्येक श्रमिकों के बैंक जमा खाता देखकर मनी ट्रांसफर के जरिए उनके प्राप्य को प्रदान किया जाता है। श्रमिकों को नकद राशि प्रदान न कर बैंक के माध्यम से भुगतान होने पर हेरफेर की संभावना खत्म हो जाएगी। जो व्यक्ति इस तरह की बातें रख रहे हैं, वे अतीत में विभिन्न खदान क्षेत्र से लीजधारकों से टन पीछे वसूली करते थे, जिसे हर कोई जानता है। जो ठेकेदार इस साइडिग समूह में लोडिग के लिए कमर कस रहे हैं, उन्हें याद रखना होगा कि इसमें श्रमिकों को प्राप्य बैंक पेमेंट के माध्यम से दिया जाता है। ऐसे में उन्हें प्राप्य राशि से एक पैसा भी इधर से उधर होने पर जानकारी हो जाएगी। कमलापति यादव ने कहा कि साइडिग से हटाकर मशीन की मदद से लोडिग कराने का सपना देखने वालों को स्थानीय श्रमिक किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि श्रमिक विरोधी इस अभियान में केंदुझर जिले के प्रशासन को मूक दर्शक बन जाना दुर्भाग्यपूर्ण है।


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