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अनुगुल में हल चलाकर सीएम ने की समृद्धि की कामना

परंपरा की रक्षा करते हुए मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने भी अखी मुठी कार्यक्रम में हिस्सा लिया।

By BabitaEdited By: Published: Wed, 18 Apr 2018 03:47 PM (IST)Updated: Thu, 19 Apr 2018 10:25 AM (IST)
अनुगुल में हल चलाकर सीएम ने की समृद्धि की कामना
अनुगुल में हल चलाकर सीएम ने की समृद्धि की कामना

भुवनेश्वर, जेएनएन। पवित्र अक्षय तृतीया के मौके पर राज्यभर में किसानों के बीच उत्साह का  माहौल रहा। बुधवार को अक्षय तृतीया स्थानीय भाषा में अखी मुठी अनुकुल, जिसका शाब्दिक अर्थ खेत में बीज रोपण के साथ कृषि कर्म का आरंभ होता है। इस मौके पर राज्य के लगभग सभी ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि कर्म आरंभ हुआ। परंपरा की रक्षा करते हुए मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने भी अखी मुठी कार्यक्रम में हिस्सा लिया।

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मुख्यमंत्री अनुगुल जिले के किशोरनगर ब्लॉक में अखी मुठी अनुकुल करने पहुंचे। ब्लॉक के नाकची गांव में खेत में हल चलाकर राज्य में किसानों के समृद्धि की कामना की। इस मौके पर कृषि और किसान सशक्तीकरण मंत्री प्रदीप महारथी ने किसानों के सर्वागीण विकास के लिए सरकार द्वारा चलाए जा रहे कार्यक्रमों की जानकारी दी। 

मौके पर स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्री प्रताप जेना, सांसद नगेंद्र कुमार प्रधान, सांसद तथागत शतपथी, विधायक संजीव साहू, रजनीकांर्त ंसह, महेश साहू, सुशांत बेहरा, ब्रजकिशोर प्रधान प्रमुख उपस्थित रहे। इस मौके पर नाकची में राज्यस्तरीय किसान मेला का भी आयोजन किया गया।

मुख्यमंत्री के दौरे को देखते हुए भाजपा के 40 कार्यकर्ताओं को पुलिस ने हिरासत में ले लिया, जिन्हें बाद में छोड़ दिया गया। इसी तरह कांग्रेस किसान सेल की तरफ से अक्षय तृतीया के मौके पर खुर्दा जिले में अखी मुठी अनुकुल कार्यक्रम आयोजित रहा। जिले के छणघर पंचायत के कुसमाटी गांव में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रसाद हरिचंदन ने हल चलाकर कृषि कर्म का शुभारंभ किया। वहीं, भाजपा कटक जिला के बांकी में राज्यस्तरीय अक्षय तृतीया कार्यक्रम आयोजित किया।

अक्षय तृतीया का महत्व

अक्षय तृतीया या आखा तीज वैशाख मास में शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को कहते हैं। पौराणिक ग्रंथों के अनुसार इस दिन जो भी शुभ कार्य किये जाते हैं, उनका अक्षय फल मिलता है। इसी कारण इसे अक्षय तृतीया कहा जाता है। ऐसा कहा जाता है कि मुहूर्त शास्त्र में इस दिन को शुभ बताया गया है। अक्षय तृतीया को ही भगवान परशुराम का जन्मदिन भी मानते हैं इसीलिए इसे परशुराम तीज भी कहा जाता है। मान्यता है कि इस दिन विवाह करने वालों का सौभाग्य अखंड रहता है। इस दिन महालक्ष्मी की प्रसन्नता के लिए विशेष पूजा पाठ करने का विधान है। कहते हैं इस दिन देवी लक्ष्मी के प्रसन्न होने पर धन-धान्य की प्राप्ति होती है। अक्षय तृतीया का अत्यंत महात्म्य मानते हुए इसे अक्षय, अक्षुण्ण फल प्रदान करने वाला दिन कहा जाता है।


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