बिहार के बाद ओडिशा में भी उठी जातीय जनगणना की मांग, सपा ने सीएम पटनायक को लिखा पत्र
बिहार सरकार ने जातीय जनगणना का निर्णय लिया है इसके बाद ओडिशा में भी जातीय जनगणना होनी। इसे लेकर समाजवादी पार्टी ने मुख्यमंत्री नवीन पटनायक को पत्र लिखा है। समाजवादी पार्टी राज्य अध्यक्ष रवि बेहेरा ने कहा इससे ओबीसी वर्ग के लोगों को विभिन्न योजनाओं का लाभ मिलेगा।
भुवनेश्वर, जागरण संवाददाता। बिहार सरकार ने पिछले रविवार को जातीय जनगणना करने का निर्णय लिया है। ओडिशा में भी जातीय जनगणना होनी चाहिए। इस संदर्भ में राज्य सभा अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री नवीन पटनयाक को पत्र लिखकर मांग की है। राज्य सपा अध्यक्ष ने कहा कि महाराष्ट्र में नगर निकाय चुनाव में 27 प्रतिशत पिछड़ा वर्ग संरक्षण पर सुप्रीमकोर्ट की राय तथा बिहार सरकार के निर्णय को ध्यान में रखते हुए ओडिशा सरकार से तुरन्त जातिगत जनगणना अपनी तरफ से कराने के लिए समाजवादी पार्टी राज्य अध्यक्ष रवि बेहेरा ने मुख्यमंत्री के पास मांग की है। बेहेरा ने कहा कि इससे राज्य के 52 प्रतिशत ओबीसी वर्ग के लोगों को विभिन्न योजना का लाभ मिलने के साथ ही मेडिकल एवं इंजीनियरिंग में ओबीसी छात्र-छात्राओं को 27 प्रतिशत आरक्षण का लाभ मिलेगा और खाली पड़े 1 लाख 31 हजार पदवी में पिछड़े वर्ग के बच्चे 27 प्रतिशत बच्चों को नियुक्ति का अवसर मिलेगा।
अनेक दलों ने किया समर्थन
सपा राज्य अध्यक्ष ने कहा है कि अतीत में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सभी विरोधी दल को साथ में लेकर पिछले अगस्त महीने में प्रधानमंत्री से मुलाकात कर मांग की थी कि 2021 जनगणना में पिछड़े वर्ग की जनगणना की जाए। नीतीश कुमार की इस मांग को अनेक पार्टी ने समर्थन किया था। ओडिशा सरकार की तरफ से भी संसद में पिछड़े वर्ग की जनगणना करने के लिए मांग की कई थी। ओडिशा सरकार की तरफ से सितम्बर महीने में इस संबन्ध में गृहमंत्री को पत्र लिखा गया था। बीजद के सांसद गृहमंत्री से मुलाकात कर जातिगत जनगणना को 2021 जनगणना में शामिल करने की मांग की थी।
अब तक कोई कदम नहीं उठाया
मई महीने में ओडिशा पिछड़ा वर्ग आयोग ने 1 मई से 15 जून तक ओडिशा में जातिगत जनगणना करने का निर्णय लिया था। किन्तु कोरोना संक्रमण बढ़ने के कारण आयोग के इस निर्णय को राज्य सरकार ने स्थगित रखा था। वर्तमान में स्कूल कालेज खुल गए हैं। दुकान बाजार स्वभाविक हो गया है। मगर जातिगत जनगणना करने के लिए ओडिशा सरकार ने अब तक कोई कदम नहीं उठाया है। इस संबंध में मुख्यमंत्री से मुलाकात कर मांगपत्र देने के लिए समाजवादी पार्टी की तरफ से 10 दिन पहले अनुमति मांगी गई है। हालांकि अब तक इस संदर्भ में मुख्यमंत्री दफ्तर से कोई जवाब नहीं आया है और ना ही जातिगत जनगणना के संदर्भ में अभी तक कोई कदम उठाया गया है।