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संतान रखना या गर्भपात कराना, पीड़िता का मौलिक अधिकार है : हाई कोर्ट

गर्भधारण के 20 सप्ताह बाद गर्भपात कराने का कोई नियम नहीं है। हालांकि पीड़ित नाबालिग के भविष्य शिक्षा सामाजिक सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए ओड़िशा हाई कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण राय दी है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 22 Dec 2020 07:48 AM (IST)Updated: Tue, 22 Dec 2020 07:48 AM (IST)
संतान रखना या गर्भपात कराना, पीड़िता का मौलिक अधिकार है : हाई कोर्ट
संतान रखना या गर्भपात कराना, पीड़िता का मौलिक अधिकार है : हाई कोर्ट

जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर (ओडिशा) : गर्भधारण के 20 सप्ताह बाद गर्भपात कराने का कोई नियम नहीं है। हालांकि पीड़ित नाबालिग के भविष्य, शिक्षा, सामाजिक सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए ओड़िशा हाई कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण राय दी है। संविधान की धारा 21 के अनुसार, संतान रखना या गर्भपात कराना पीड़िता का मौलिक अधिकार होने की बात जस्टिस एसके मिश्र एवं सावित्री रथ को लेकर गठित खंडपीठ ने कही है।

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उल्लेखनीय है कि एक नाबालिग पीड़िता के गर्भवती होने की बात डायरेक्टर आफ मेडिकल एजूकेशन एंड ट्रेनिग (डीएमइटी) रिपोर्ट से 21 सप्ताह बात पता चली थी। हालांकि मेडिकल टर्मिनेशन प्रेगनेंसी कानून के अनुसार, 20 से 24 सप्ताह तक गर्भ धारण का गर्भपात करने का नियम नहीं है। मेडिकल टर्मिनेशन प्रेगनेंसी (संशोधन) बिल-2020 वर्तमान राज्यसभा में विचाराधीन है। इसमें सर्वाधिक 24 सप्ताह तक गर्भपात कराने की व्यवस्था है। हालांकि यह अभी तक कानून में तब्दील नहीं हुआ है। ऐसे में गर्भधारण करने वाली पीड़िता एक नाबालिग है। उसके भविष्य एवं शारीरिक गठन को ध्यान में रखते हुए गर्भपात जरूरी होने की बात खंडपीठ ने महसूस किया और यह राय दी है। सुनवाई के समय पीड़िता के वकील गर्भपात को लेकर अदालत के पहले की कई राय को उदाहरण के तौर पर रखा था। कमिश्नरेट पुलिस ने अवैध रूप से पार्क 18 वाहनों को भेजा डंपिंग यार्ड : यातायात व्यवस्था में अड़चन डाल रही गैरकानूनी ढंग से पार्किंग की हुई गाडियों पर सख्ती से कदम उठाए जा रहे हैं। कमिश्नरेट पुलिस द्वारा राजधानी भुवनेश्वर के विभिन्न स्थानों पर सड़क किनारे गैर-कानूनी रूप से खड़ी गाड़ियों को डंपिगयार्ड भेजने की कार्रवाई शुरू की गई है। यातायात डीएसपी सौम्या मिश्र की अगवाई में राजधानी के लक्ष्मीसागर, फालकन हाउस, बोमिखाल, म्युजियम चौक, नयापल्ली व सामंतापुर में अवैध तरीके से पार्क गाड़ियों पर कार्रवाई की गई। इन इलाके में जांच के उपरांत 18 गाड़ियों को जब्त कर उसे डंपिगयार्ड भेजा गया। कमिश्नरेट पुलिस की ओर बताया गया है कि यह कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी एवं यातायात व्यवस्था में अड़चन डाल रही गैरकानूनी ढंग से पार्क की हुई गाड़ियों पर जुर्माना लगाया जाएगा। कमिश्नरेट पुलिस ने यह भी स्पष्ट किया है कि ऐसी कार्रवाई के समय होने वाला खर्च गाड़ी मालिक से वसूला जाएगा। डंपिगयार्ड भेजने की कार्रवाई के दौरान गाड़ियों की मशीनरी को नुकसान के लिए पुलिस जिम्मेदार नहीं होगी।


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