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होमगार्ड पर चला समय का हंटर, चंडी मंदिर के सामने भीख मांगने को मजबूर

ओडिशा के कटक में होमगार्ड की नौकरी करने वाला विनोद बिहारी पति चंडी मंदिर के सामने भिक्षावृत्ति कर अपना परिवार पाल रहा है। झूठे मामले में फंसा बिहारी पति 9 महीने से कटक तथा कोरापुट के विभिन्न जगहों पर भिक्षावृत्ति कर रहे है।

By Babita KashyapEdited By: Published: Thu, 21 Jan 2021 01:21 PM (IST)Updated: Thu, 21 Jan 2021 01:21 PM (IST)
होमगार्ड पर चला समय का हंटर, चंडी मंदिर के सामने भीख मांगने को मजबूर
भिक्षावृत्ति करने को मजबूर हुआ होमगार्ड विनोद बिहारी पति

भुवनेश्वर, जागरण संवाददाता। समय और परिस्थिति इंसान को क्या से क्या बना देती है इसका एक जीता जागता उदाहरण आज ओडिशा प्रदेश के कटक जिले में देखने को मिला है। खाकी वर्दी पहनकर अपने परिवार का भरण पोषण करने वाले एक होमगार्ड पर समय का ऐसा हंटर चला कि होमगार्ड को ना सिर्फ अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ा बल्कि अपना घर द्वार छोड़कर गुमनामी की जिंदगी जीते हुए भिक्षावृत्ति करने को मजबूर होना पड़ा।

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 जानें पूरा मामला

जानकारी के मुताबिक गंजाम जिले के दिगपहांडी थाना के होमगार्ड विनोद बिहारी पति तथा उनके परिवार को चंडी मंदिर के सामने भिक्षावृत्ति करते हुए अवस्था में उद्धार किया गया है। होमगार्ड के तौर पर श्री पति जब काम कर रहे थे तब उन्हें झूठे मामले में फंसा दिया गया। मामले में उलझने के बाद पारिवारिक समस्या के चलते वह पिछले 9 महीने से कटक तथा कोरापुट के विभिन्न जगहों पर भिक्षावृत्ति कर रहे हैं। उनकी तीन बेटियां एवं दो बेटे हैं। बड़ी बेटी की उम्र 12 साल है जबकि सबसे छोटे बेटे की उम्र 5 महीने है। श्री पति 12वीं कक्षा तक पढ़ाई की है और वह दिगपहंडी थाना में होमगार्ड के तौर पर काम कर रहे थे।

 न्याय पाने के लिए कई बार लगाई गुहार

 इसी बीच उनके पड़ोसियों ने उनके खिलाफ झूठे मामले में फंसा दिया और इस मामले में उनके सहकर्मियों ने भी उनका साथ नहीं दिया। ऐसे में उन्‍होंने नौकरी एवं दिगपहंडी स्थित अपने गांव गोकुनपुर को भी छोड़ दिया। नौकरी पुनः पाने तथा न्याय पाने के लिए उन्होंने कई बार उच्चाधिकारियों को लिखित जानकारी दी मगर उनकी प्रति किसी का ध्यान नहीं गया। ऐसे में वह परेशान होकर बालीयात्रा मैदान के खुले आसमान के नीचे परिवार के साथ रहने लगे और चंडी मंदिर के आसपास परिवार के सदस्यों के साथ भिक्षावृत्ति कर अपना दिन काट रहे थे। असहाय अवस्था में रहने वाले विनोद एवं उनके परिवार से सामाजिक कार्यकर्ता मिले और उनकी आपबीती सुनी। विनोद की आपबीती सुनने के बाद सामाजिक कार्यकर्ताओं ने इसकी जानकारी जिला प्रशासन को दी। जिला प्रशासन उन्हें सीडीए स्थित एक सामाजिक संगठन के पास रखा हुआ है।


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