ओडिशा कैबिनेट में 11 प्रस्ताव पर लगी मुहर, नुआपड़ा से कालाहांडी तक बनेगा एक्सप्रेसवे
Odisha Cabinet Meeting मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की अध्यक्षता में आयोजित राज्य कैबिनेट की बैठक में 11 प्रस्ताव पर लगी मुहर नुआपड़ा से कालाहांडी तक फोरलेन बीजू एक्सप्रेसवे बनाया जाएगा। इसके लिए 448.02 करोड़ रूपये के प्रस्ताव को अनुमोदन मिला है।
भुवनेश्वर, जागरण संवाददाता। नुआपड़ा से कालाहांडी तक फोरलेन बीजू एक्सप्रेसवे बनाया जाएगा। बुधवार शाम को मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की अध्यक्षता में आयोजित राज्य कैबिनेट की बैठक में इसके लिए 448.02 करोड़ रूपये के प्रस्ताव को अनुमोदन मिला है। इसके साथ ही कटक शहर में परिमल व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए जाइका प्रोजेक्ट हेतु 450.44 करोड़ रुपए के कार्यादेश के साथ ओडिशा प्रशासनिक अधिकारी एवं ओडिशा टैक्स सेवा अधिकारी के कैडर पुनर्विन्यास जैसे 11 महत्त्व प्रस्ताव पर राज्य कैबिनेट ने अपनी मुहर लगाई है।
राज्य कैबिनेट बैठक में लिए गए निर्णय के बारे में मुख्य सचिव सुरेश चंद्र महापात्र ने मीडिया को जानकारी देते हुए कहा है कि पश्चिम ओडिशा में आवागमन को बेहतर बनाने तथा वहां के लोगों की आर्थिक स्थिति मजबूत करने के लिए यह निर्णय लिया गया है। पश्चिम ओडिशा में नुआपड़ा से कालाहांडी तक लगभग 174.5 किलोमीटर रास्ता को बीजू एक्सप्रेस योजना में बनाया जाएगा। इसके लिए सरकार की तरफ से 448.02 करोड़ रूपया खर्च किया जाएगा। नुआपड़ा के घटीपड़ा से कालाहांडी के सीनापल्ली के बीच मौजूद 104.65 किलोमीटर दो लेन रास्ते को चार लेन रास्ते में तब्दील किया जाएगा। इस रास्ते के बीच 6 बड़े तथा 6 छोटे ब्रिज बनाए जाएंगे। उसी तरह से सीनापल्ली से धरमगढ़ होते हुए आमपाणी तक करीबन 69.85 किलोमीटर रास्ते में 13 ब्रिज निर्माण किए जाएंगे। पश्चिम ओडिशा के विकास में यह बीजू एक्सप्रेसवे काफी सहायक होगा।
उसी तरह से कटक शहर में स्वच्छता एवं परिमल व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए जाइका की तरफ से प्रोजेक्ट एक में चल रहे कार्य को 2022 दिसंबर तक खत्म किया जाएगा। इसमें पटापोल से मातृ भवन तक मुख्य नाले को अंडर ग्राउंड (बॉक्स ड्रेन) बनाया जाएगा। इससे बारिश के दिनों में जल समस्या या फिर ट्राफिक समस्या नहीं होगी। पहले चरण में पटापोल से बज्रकपाटी तक करीब 1850 मीटर तक जबकि बज्रकपाटी से मातृ भवन तक 1550 मीटर बॉक्स ड्रेन निर्माण होगा। यह कार्य 1 जुलाई से शुरू होगा और दिसंबर 2022 तक खत्म करने का बैठक में निर्णय लिया गया है। इसके लिए 450.44 करोड़ रुपए खर्च होगा।
राज्य कैबिनेट में ओडिशा प्रशासनिक अधिकारी का कैडर पुनर्वास किया गया है। इसमें इनके लिए अतिरिक्त 220 पद बनाए गए हैं, जिसमें 40 विशेष सचिव, 90 उच्च प्रशासनिक अधिकारी, 35 उच्च स्तर के अधिकारी तथा संयुक्त सचिव, 55 उप सचिव पद शामिल है। उसी तरह से ओडिशा शुल्क एवं हिसाब नियमावली 2021 में संशोधन किया गया है। इससे अब ओटास कर्मचारीयों के प्रशिक्षण का समय 12 महीने के बदले 10 महीने का होगा। इसके अलावा कैबिनेट बैठक में ओडिशा सरकारी कर्मचारियों की आचरण विधि नियमावली में भी संशोधन किया गया है। इससे सरकारी कर्मचारी अपनी वार्षिक संपत्ति विवरण सरकार को बताने के लिए बाध्य होंगे। उसी तरह से ओडिशा प्राणी चिकित्सा सेवा नियम में संशोधन किया गया है। इस नियम में संशोधन होने से 90% प्राणीधन निरीक्षक सीधे नियुक्त होंगे जबकि 10% ग्रुप डी वर्ग को योग्यता के आधार पर प्रदान किया जाएगा।
श्री महापात्र ने कहा है कि राज्य कैबिनेट के निर्णय के मुताबिक ओडिशा उद्योग विकास निगम लिमिटेड (इडकल) को उद्योग विभाग से अलग कर दिया गया है। इससे अब इडकल खदान एवं इस्पात विभाग के अधीन कार्य करेगा। इसके साथ ही कैबिनेट में नगर विकास विभाग की तरफ से छोटे-छोटे मकान निर्माण के लिए असुविधा ना हो उसे ध्यान में रखकर सर्वे में सहूलियत दी गई है।