सरकारी कर्मचारियों ने भी लिया इस खास योजना का लाभ, अब वसूली के लिए सरकार सख्त
किसानों के लिए ओडिशा सरकार द्वारा शुरु की गई कालिया योजना का फर्जी तरीके से लाभ उठाने वाले लोगों के खिलाफ अब सरकार सख्त हो गई है।
भुवनेश्वर, जेएनएन। ओडिशा सरकार द्वारा किसानों के हित के लिए शुरु की गई कालिया योजना (कृषक असिस्टेंट एंड लाइवलीहुड इनकम आर्गमेंटेशन) के सत्यापन के दौरान 3.41 लाख अयोग्य हिताधिकारी पाए गए हैं। इन लोगों ने फर्जी कागजात के बूते कालिया योजना का 170 करोड़ रुपया प्राप्त किया है। सरकार ने अब इनसे उक्त रकम को जमा करने के लिए कहा है। वसूली के लिए सरकार सख्ती भी कर सकती है। कालिया योजना को चूना लगाने वालों में सरकारी नौकरी करने वाले लोग भी शामिल हैं।
राज्य सरकार की तरफ से ऐसे हिताधिकारियों को चेतावनी दी गयी है कि ये सभी लोग स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के खाता संख्या 38474500232 आइएफएससी कोड 561100010236 में रुपये जमा करें। कालिया योजना में धांधली करके पैसा बटोरने वालों में सरकारी कर्मचारी भी शामिल हैं, जिनकी संख्या 20 हजार है। अब इनके वेतन, पेंशन से यह राशि काटी जाएगी।
यह जानकारी कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री अरुण कुमार साहू ने दी है। फर्जी तौर पर कालिया योजना की रकम डकारने वालों में नौ हजार नाबालिग हैं, जिनके नाम पर पैसा उठाया गया है। इसके अलावा 12 हजार बड़े किसान हैं। ये बड़े किसान कालिया योजना के पात्र नहीं हैं। नाबालिगों को मिली राशि की वसूली के लिए उनके परिवार प्रमुखों से कहा गया है। इन्हें इतनी छूट दी गयी है कि ये लोग किस्तों में रकम अदायगी कर सकते हैं।
ओडिशा की नवीन पटनायक सरकार ने कालिया योजना के तहत 51.05 लाख छोटे, सीमांत, खेतिहर किसान व कृषि मजदूर को आर्थिक सहायता प्रदान की है। ऐन चुनाव से पहले घोषित इस योजना को लेकर तरह तरह की अफवाहें थी। चुनाव आयोग तक ने सत्ता दल बीजू जनता दल को नोटिस थमाकर पूछा था कि क्यों न इसे चुनावी लाभ लेने के लिए सरकार द्वारा घोषित योजना समझा जाए।
सरकार ने कालिया योजना के तहत 36.34 लाख छोटे और सीमांत किसानों और 14.70 लाख खेतिहर मजदूरों को पांच हजार रुपये की सहायता राशि दी थी। मंत्री का कहना है कि पात्र किसान अभी कालिया की वेबसाइट पर पूरे कागजात के साथ आवेदन कर सकते हैं।
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क्या है कालिया योजना?
इस योजना का पूरा नाम कृषक एसिस्टेंस फॉर लाइवलीहुड एंड इनकम ऑगमेंटेशन (कालिया) परियोजना है । इस परियोजना में किसानों को बीमा के साथ-साथ वित्तीय, आजीविका और खेती के लिए आर्थिक सहायता दी जाती है। इस योजना के तहत प्रत्येक परिवार को हर साल 10,000 रुपये दिए जाते हैं। यह पैसा खरीफ और रबी सीजन की फसलों के लिए दिया जाता है।
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