अमीर बनने की चाहत में 12 साल बच्ची का किया अपहरण, रची घिनौनी साजिश
रातोंरात अमीर बनने की चाहत में चषापीतल गांव में एक 12 साल की बच्ची का जबरन अपहरण कर बलि चढ़ाने के प्रयास में तीन गिरफ्तार और पांच फरार।
भुवनेश्वर, जागरण संवाददाता। ओडिशा के गंजाम जिले के शेरगड़ ब्लाक, आसिका थाना अन्तर्गत चषापीतल गांव में एक 12 साल की बच्ची का जबरन अपहरण कर बलि चढ़ाने का प्रयास करने की घटना न सिर्फ उक्त इलाके में बल्कि पूरे प्रदेश में चर्चा का केन्द्र बन गई है। हालांकि बलि चढ़ाने की खबर गांव के लोगों एवं पुलिस को मिल जाने से गांव वालों की मदद से पुलिस ने न सिर्फ बच्ची को बचाया बल्कि इस मामले में शामिल 3 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भी भेज दिया है। इनके पास से एक पल्सर बाइक (ओडी-19डी-5535) तथा दो तलवार को पुलिस ने जब्त किया है। गिरफ्तार अभियुक्तों में उसी गांव का चित्रसेन तराई, पंचू गौड़ तथा रामचन्द्रपुर गांव का साधु उर्फ अमीय कुमार स्वांई है। हालांकि तांत्रिक के साथ 5 अभियुक्त अभी भी फरार हैं जिनकी तलाश पुलिस कर रही है। यह जानकारी आसिका थाना अधिकारी प्रशांत कुमार साहू ने दी है।
जानकारी के मुताबिक गुजरात के सूरत से लौटने वाला चित्रसेन इस योजना का मास्टर माइंड है। करोड़पति बनने के उद्देश्य से चित्रसेन ने ब्लू प्रिंट तैयार किया। अपने साथियों को बताया कि नाबालिग बच्ची की नदी के किनारे बलि चढ़ाने से रातोंरात हमें धन संपत्ति मिल जाएगी और हम अमीर हो जाएंगे। हमने सूरत से ऐसी विद्या सीखी है।
आरोप के मुताबिक चसापीतल गांव के स्वराज गौड़ के घर पर उनके पिता एवं दो बहनें रहती हैं। ऐसे में चित्रसेन अपने साथियों के साथ मिलकर पिछले 3 सितम्बर की रात को बलि देने की पूरी योजना तैयार कर ली। योजना के तहत हिंजिली के पास एक नदी के किनारे नाबालिग बच्ची की पूजा अर्चना की जाएगी और फिर उसकी बलि दे दी जाएगी। इससे हम धनवान हो जाएंगे। योजना तैयार होने के बाद वह पंचू एवं साधू तथा अन्य पांच सहयोगियों के साथ स्वराज के घर गया और तीसरी बच्ची को बलि के चढ़ाने के लिए मांगने लगा। इतना ही नहीं बदले में उसने स्वराज को 30 हजार रुपये भी देने को कहा।
स्वराज ने अपनी बहन को बलि चढ़ाने के लिए देने से इनकार कर दिया तब इन लोगों ने जबरन उसकी बहन का अपहरण कर अपने साथ लेकर जाने लगे। हालांकि स्वराज की चित्कार सुनकर आस-पड़ोस के लोग वहां पहुंच गए और फिर स्वराज की बहन को बचाने के साथ पुलिस को इसकी सूचना दिए। आसिका थाना अधिकारी प्रशांत कुमार साहू के नेतृत्व में एक टीम मौके पर पहुंची और चित्रसेन, पंचु तथा साधु को गिरफ्तार कर लिया। हालांकि अन्य पांच सहयोगी तथा तांत्रिक इस बीच वहां से फरार हो गए।
बहन को बलि देने के लिए लिए जाने के संबंध में भाई स्वराज ने आसिका थाना में लिखित शिकायत की है। पुलिस ने दफा 446 के तहत मामला दर्ज कर गिरफ्तार तीनों आरोपियों को कोर्ट चालान करते हुए जेल भेज दिया है। इनके अन्य साथियों की तलाश पुलिस कर रही है, जिन्हें जल्द ही पकड़ लेने की बात थाना अधिकारी साहू ने कही है।