Move to Jagran APP

Odisha Corona Update: ओडिशा में कोरोना के 10273 नए मामले और चार की मौत

Coronavirus ओडिशा में 10273 नए मामले सामने आने के साथ ही चार संक्रमित मरीज की मौत हो गई है। नए संक्रमित मरीजों में से 5962 क्वारंटाइन से हैं जबकि 4311 स्थानीय लोग संक्रमित हुए हैं। जीरो से 18 साल आयु के बीच 1065 बच्चे संक्रमित हुए हैं।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Fri, 14 Jan 2022 03:28 PM (IST)Updated: Fri, 14 Jan 2022 05:10 PM (IST)
Odisha Corona Update: ओडिशा में कोरोना के 10273 नए मामले और चार की मौत
ओडिशा में कोरोना के 10273 नए मामले और चार की मौत। फाइल फोटो

भुवनेश्वर, जागरण संवाददाता। ओडिशा में लगातार कोरोना संक्रमण का ग्राफ बढ़ते जा रहा है। प्रदेश में शुक्रवार को दूसरे दिन 10000 से अधिक संक्रमित मरीज सामने आए हैं। प्रदेश में 10273 नए मामले सामने आने के साथ ही चार संक्रमित मरीज की मौत हो गई है। नए संक्रमित मरीजों में से 5962 क्वारंटाइन से हैं, जबकि 4311 स्थानीय लोग संक्रमित हुए हैं। जीरो से 18 साल आयु के बीच 1065 बच्चे संक्रमित हुए हैं। राज्य सूचना व जनसंपर्क विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक, खुर्दा जिले से सर्वाधिक 3,496 नए मामले सामने आए हैं। सुंदरगढ़ जिले से 1049, कटक जिले 844 और संबलपुर जिले से 529 लोग संक्रमित पाए गए हैं। बालेश्वर जिले से 457, मयूरभंज से 340, पुरी से 269, कालाहांडी से 203, झारसुगुड़ा से 202, बलांगीर से 191, कोरापुट से 186, रायगड़ा से 183, जाजपुर से 143, जगत सिंह पुर से 132, सोनपुर से 132, गजपति से 126, नबरंगपुर से 125, नयागढ़ से 121, केंदुझर से 114, बरगढ़ से 102, भद्रक से 102, अनुगुल से 85, केंद्रपाड़ा से 74, ढेंकनाल से 69, गंजम से 55, नुआपाड़ा से 45, मलकानगिरी से 30, कंधमाल से 26, बौद्ध से 24, देवगढ़ से 23 और स्टेट पूल से 796 लोग संक्रमित मिले हैं।

loksabha election banner

राज्य के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक, कोरोना से चार लोगों की मौत हुई है। कटक, भद्रक, जगत सिंह पुर और सुंदरगढ़ जिलों से एक-एक मरीज की मौत हुई है। प्रदेश में संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़कर 11 लाख 11 हजार 879 हो गई है, जबकि मरने वालों की संख्या 8,476 हो गई है। अभी तक कुल 10 लाख 50 हजार 179 लोग संक्रमण से उबर चुके हैं। सक्रिय मामलों की संख्या बढ़कर अब 53 हजार 171 तक पहुंच गई है। पिछले 24 घंटों में 75,731 लोगों का कोविड परीक्षण किया गया है, जिसमें से 10 हजार 273 लोग संक्रमित मिले हैं। इस तरह से प्रदेश में संक्रामक दर 13.5 प्रतिशत हो गई है।

सरकारी अस्पतालों को सरकार का निर्देश, जरूरी ना हो तो मरीजों को ना करें भर्ती व आपरेशन

राज्य में दैनिक कोरोना संक्रमण मामले पिछले छह महीने बाद अब 10 हजार के पार चले गए हैं। ऐसे में राज्य सरकार ने सभी सरकारी अस्पतालों में कोविड प्रोटोकल पालन करने का निर्देश दिया है। अस्पतालों में कोविड संक्रमण मामलों को नियंत्रण करने व गैरकोविड मरीजों की सुरक्षा के लिए जरूरी सुरक्षा देने तथा जरूरी ना हो तो मरीजों को अस्पताल में भर्ती ना करने एवं आपरेशन को टालने के लिए राज्य सरकार ने निर्देश दिया है। मीडिया को भी अस्पताल के ओपीडी व आइपीडी में प्रवेश के लिए अनुमति ना देने को कहा गया है। हालांकि कोरोना की आड़ में कोई आपातकालीन चिकित्सा सेवा प्रभावित ना होने पाए, इस पर ध्यान देने के लिए भी सरकार ने निर्देश दिया गया है।

राज्य स्वास्थ्य विभाग ने सभी सरकारी मेडिकल कालेज व अस्पताल के अधीक्षक, कैपिटल अस्पताल एवं राउरकेला सरकारी अस्पताल के निदेशक के साथ सभी जिला मुख्य अस्पातल के अधिकारी को मरीजों के इलाज सम्बन्धित एक गाइड लाइन जारी की गई है। राज्य सरकारी अस्पताल में कोविड संक्रमण वृद्धि को रोकने तथा अन्य गम्भीर मरीजों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए 14 गाइड लाइन का अनुपालन करने को कहा गया है। कोविड संक्रमण मामला राज्य में बढ़ रहा है। ऐसे में लोगों से भी अस्पताल में भीड़ ना करने तथा व्यक्तिगत दुराव का अनुपालन करने को गया गया है। गैर कोविड मरीज व स्वास्थ्य कर्मचारी संक्रमित ना होने पाएं, इस पर ध्यान देने के साथ ही जरूरी कदम उठाने को निर्देश दिया गया है।

14 गाइड लाइन में सरकार की तरफ से कहा गया है कि अस्पतालों में संक्रमण को नियंत्रण करने के लिए कोविड नियम को सख्ती के साथ पालन करने, जरूरी ना होने पर मरीजों को अस्पताल में भर्ती ना करने, केवल जरूरी आपरेशन करने, मरीजों के रहने वाले वार्ड में गम्भीर मरीजों के लिए एक अटेंडेंट रहने के लिए अनुमति देने, स्वस्थ मरीज का वार्ड में अटेंडेंट रखने की सुविधा ना देने को कहा गया है। ओपीडी आने वाले मरीजों को बार-बार ना आने के लिए मेडिकल अधिकारी सलाह देंगे। मीडिया को आउट पेसेंट डिपार्टमेंट (ओपीडी) एवं आईपीडी (इनपेसेंट डिपार्टमेंट) के भीतर प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। दवा वितरण केन्द्र की संख्या बढ़ाकर व्यक्तिगत दूरी अनुपालन नियम को सख्ती के साथ पालन करने की सलाह दी गई है।

अस्पताल में बुखार क्लीनिक, आइसोलेशन वार्ड व टेस्टिंग सुविधा पहले की गाइड लाइन के अनुसार जारी रहेगी। कोविड प्रतिरोधक प्रोटोकल पालन कर प्रसव व शिशु यत्न संबंधित चिकित्सा सेवा तथा अन्य आपातकालीन सेवा मुहैया करने के लिए निर्धारित सुविधा रखने को कहा गया है। सामान्य मरीज को अपने अस्वस्थता के लिए प्रचलित टेलीमेडिसीन सेवा के उपयोग के लिए प्रोत्साहित करने की सलाह दी गई है। कोविड गाइड लाइन पालन के लिए अस्पातल प्रमुख स्थानों में जरूरी परिमाण में साइनबोर्ड लिखकर सामान्य मरीज एवं लोगों को जागरूक करने की सलाह दी गई है। व्यक्तिगत दुराव को बनाए रखने के लिए स्थानीय परिस्थिति को देखकर अधिकारी जरूरी कदम उठा सकेंगे। संक्रमण को फैलले से रोकने के लिए सरकार के द्वारा 11 एवं 12 जनवरी को जारी किए सलाह को अस्पतालों में पालन करने को सलाह दी गई है।

पुरी जगन्नाथ मंदिर के 60 वर्ष से अधिक उम्र के सेवकों को दिया जा रहा है बूस्टर डोज

कोरोना महामारी की तीसरी लहर के कारण बढ़ रहे संक्रमण को ध्यान में पुरी जगन्नाथ मंदिर के कपाट को 10 से 31 जनवरी तक भक्तों के लिए बंद कर दिया गया है। ऐसे में अब भगवान जगन्नाथ मंदिर के सेवादारों, जिनकी उम्र 60 वर्ष से अधिक है, को एहतियाती या बूस्टर खुराक देने का अभियान शुक्रवार से पुरी में शुरू हुआ है। तीर्थ नगरी नीलाचल भक्त निवास में बनाए गए कोविड देखभाल केंद्र में पात्र सेवकों को बूस्टर डोज दिया जा रहा है। केंद्र प्रतिदिन सुबह नौ बजे से दोपहर एक बजे तक और दोपहर तीन बजे से शाम पांच बजे तक छह घंटे खुला रहेगा। केंद्र में टीकाकरण करने के लिए दो डाक्टरों और दो नर्सों के साथ एक विशेष चिकित्सा टीम को सेवा में लगाया गया है। इस बीच, श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन ने सभी योग्य सेवकों को कोविड गाइड लाइन का अनुपालन करते हुए बुस्टर डोज लगाने का सलाह दिया है। मंदिर प्रशासक (विकास) अजय कुमार जेना ने कहा कि चूंकि मंदिर के सेवक देवताओं के दैनिक अनुष्ठानों में लगे हुए हैं, ऐसे में जगन्नाथ मंदिर प्रशासन ने राज्य सरकार को एक पत्र लिखकर मंदिर में लगे सभी सेवायतों को बुस्टर डोज लगाने को अनुरोध किया था। चूंकि दूसरी खुराक की तारीख से नौ महीने का अंतराल 60 से अधिक लाभार्थियों के लिए बुस्टर डोज प्राप्त करने के लिए अनिवार्य है। जेना ने कहा कि ऐसे पात्र सेवकों की संख्या काफी कम है।

पुरी जगन्नाथ मंदिर प्रबंध समिति के सदस्य और वरिष्ठ सेवक माधव चंद्र महापात्र ने कहा कि निर्णय से सेवादारों को अवगत कराने के लिए अधिसूचना को हमारे सोशल मीडिया में जारी किया गया है। हालांकि इसमें दुसरा डोज लेने के नौ महीने बाद ही बुस्टर डोज का टीका लगने की बात का उल्लेख नहीं किया गया है। एक सेवायत उदय शंकर प्रतिहारी ने कहा कि बूस्टर खुराक पाने के मानदंडों को लेकर सेवायतों में भ्रम है। हालांकि, मंदिर प्रशासन और सेवायत निजोग को टीकाकरण अभियान के बारे में जागरूकता फैलानी चाहिए। इस बीच, पुरी जगन्नाथ मंदिर के कपाट को 10 जनवरी से जनता के लिए बंद कर दिया गया हैं। राज्य में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों और मंदिर में कुछ मामलों का पता लगाने के मद्देनजर मंदिर को 31 जनवरी तक बंद किया गया है। हालांकि, देवताओं के दैनिक अनुष्ठान सेवकों द्वारा निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार किए जा रहे हैं। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.