बालेश्वर में 1200 लीटर देसी शराब के साथ दो कारोबारी गिरफ्तार
ओडिशा के बालेश्वर में आबकारी विभाग के फ्लाइंग स्क्वायड ने छापेमारी कर बड़ी मात्रा में देसी शराब के साथ इस मामले में दो कारोबारियों को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है।
जागरण संवाददाता, बालेश्वर : ओडिशा के बालेश्वर में आबकारी विभाग के फ्लाइंग स्क्वायड ने छापेमारी कर बड़ी मात्रा में देसी शराब के साथ इस मामले में दो कारोबारियों को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है। आरोपित दामोदर नगर निवासी पवित्र बेहरा व पुराना बालेश्वर के मदन खटुआ के पास से बोलेरो जीप भी जब्त की गई है।
नगर के पुराना बालेश्वर नामक स्थान से विगत कई वषरें से चोरी-छिपे देसी शराब बनाने और बेचने का सिलसिला जारी है। समय-समय आबकारी विभाग और पुलिस संयुक्त रूप से छापेमारी अभियान चलाकर देसी शराब के साथ इसमें प्रयुक्त सामग्री को जब्त कर नष्ट करती रही है। इसी क्रम में आबकारी विभाग को गुप्त सूचना मिली कि एक बोलेरो जीप में बड़ी मात्रा में देसी शराब लादकर जिले के बाहर भेजा रहा है। इसी सूचना के आधार पर आबकारी विभाग के फ्लाइंग स्क्वायड ने शहर के बंका खजूर नामक स्थान के पास घेराबंदी की। जैसे ही बोलेरो जीप वहां पहुंची जवानों ने गाड़ी को रोककर जांच की तो उसमें करीब 12 लीटर देसी शराब लोड पाई गई। बोलेरो गाड़ी को जब्त करने के साथ उसमें सवार दामोदर नगर निवासी पवित्र बेहरा एवं पुराना बालेश्वर के रहने वाले मदन खटुआ को आबकारी टीम ने हिरासत में ले लिया। पूछताछ करने पर आरोपितों ने बताया कि वे पड़ोसी जिला भद्रक और बालेश्वर के ही शोरो और बहानागा समेत अन्य स्थानों पर शराब ले जाया करते थे। बोलेरो गाड़ी की जाच करने पर आबकारी टीम के हाथ आश्चर्यचकित करने वाला सामान लगा। इस गाड़ी के पिछले हिस्से में सीसीटीवी कैमरा लगाया गया था जिससे चालक या गाड़ी में सवार अन्य व्यक्ति को यह पता चल सके कि कोई व्यक्ति या पुलिस वाला गाड़ी का पीछा तो नहीं कर रहा है।
उल्लेखनीय है कि पहले से ही ब्राउन शुगर के काले कारोबार के कारण बदनाम बालेश्वर का पुराना बालेश्वर क्षेत्र देसी शराब बनाने के लिए विख्यात होता जा रहा है। यह पहला मौका है जब इतने बड़े पैमाने पर देसी शराब जब्त की गई है। सूत्रों की माने तो यहां से चोरी-छिपे देसी शराब गैलनों में भरकर नगर क्षेत्र के अलावा पड़ोसी जिला भद्रक तक पहुंचायी जाती है। स्थानीय लोगों का आरोप है कि इस काले कारोबार की जानकारी होने के बावजूद स्थानीय पुलिस की चुप्पी कारोबारियों के लिए वरदान साबित हो रही है।