दुष्कर्मी की बेगुनाही का मंच न बने विश्व मीडिया
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने शनिवार को ब्रिटेन दौरे के दौरान निर्भया कांड पर बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री 'इंडियाज डॉटर' के संदर्भ में विश्व के मीडिया को नसीहत दी।
लंदन । वित्त मंत्री अरुण जेटली ने शनिवार को ब्रिटेन दौरे के दौरान निर्भया कांड पर बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री 'इंडियाज डॉटर' के संदर्भ में विश्व के मीडिया को नसीहत दी। उन्होंने कहा कि समूचे विश्व के मीडिया समूहों को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि कोई दुष्कर्मी अपने आपको बेगुनाह बताने के लिए उनके मंच का उपयोग न करे।
लेस्ली उडविन की बनाई डॉक्यूमेंट्री 'इंडियाज डॉटर' पर भारत सरकार के प्रतिबंध के बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि वह इस विषय में कोई टिप्पणी नहीं करना चाहते क्योंकि ये मामला अदालत में है। उन्होंने अपनी बात को स्पष्ट करते हुए कहा कि गृह मंत्रालय और संसद पहले ही अपनी राय इस मुद्दे पर दे चुकी है। इस विषय पर वह इतना ही कह सकते हैं कि इस मामले को कोर्ट में चुनौती दी गई है और इस पर कोर्ट को निर्णय लेने दें। वह ऐसे विषय पर फिल्म बनाने के इच्छुक लोगों के लिए सिर्फ दो बिंदुओं पर रोशनी डाल सकते हैं। पहला, जस्टिस वर्मा कमेटी की रिपोर्ट के बाद लागू हुई भारतीय दंड संहिता की धारा 228ए के तहत दुष्कर्म पीड़िता का नाम और फोटो गुप्त रखा जाना चाहिए। दूसरे बिंदु के तहत खुद मीडिया को आपस में इस विषय पर चर्चा की आवश्यकता है कि क्या वह अपने मंच पर किसी बलात्कारी को अपने दोष को सही साबित करने का मौका देंगे।
उन्होंने कहा कि अंग्रेजों के कानून के प्रति उनकी जो समझ है उसके मुताबिक जब अदालत में किसी मामले की सुनवाई लंबित है या मामला कोर्ट में विचाराधीन है तो मीडिया फोरम पर आरोपी को निर्दोष साबित करने की कोशिश नहीं की जाती है। उन्होंने कहा कि बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री में दुष्कर्मियों में से एक मुकेश सिंह को यह कहते दिखाया गया है कि वह पहियों के पास था इसलिए वह इस अपराध का हिस्सा नहीं है। उन्होंने कहा कि वह चाहते हैं कि इन दो मुद्दों पर मीडिया आत्म मंथन करे।
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