अफगानिस्तान मुद्दे पर साथ काम करेंगे अमेरिका-रूस
वाशिंगटन। युद्धग्रस्त अफगानिस्तान में आतंकवाद के खतरे को कम करने के लिए अमेरिका और रूस ने साथ काम करने को लेकर सहमति जताई है। अमेरिकी खुफिया एजेंसियों को दुनिया भर में बेपर्दा और शर्मसार करने वाले एडवर्ड स्नोडेन को अस्थायी शरण देने के रूस के फैसले से दोनों देशों के बीच पैदा हुए तनाव के बीच आपसी हितों को संरक्षित करने के लिए यह फैसला लिया गया है।
वाशिंगटन। युद्धग्रस्त अफगानिस्तान में आतंकवाद के खतरे को कम करने के लिए अमेरिका और रूस ने साथ काम करने को लेकर सहमति जताई है। अमेरिकी खुफिया एजेंसियों को दुनिया भर में बेपर्दा और शर्मसार करने वाले एडवर्ड स्नोडेन को अस्थायी शरण देने के रूस के फैसले से दोनों देशों के बीच पैदा हुए तनाव के बीच आपसी हितों को संरक्षित करने के लिए यह फैसला लिया गया है।
रूस के विदेश मंत्री सर्गी लेवरोव ने अपने अमेरिकी समकक्ष से इस मुद्दे पर बातचीत के बाद कहा, 'अफगानिस्तान में आतंकवाद, पूर्व नियोजित अपराध, नशे के कारोबार के खात्मे को लेकर अमेरिका और रूस के समान हित हैं। दोनों देशों के बीच पारगमन समझौते के तहत 3400 उड़ानें भरी जाएंगी, तीन लाख अमेरिकी सैनिक रूस के रास्ते अफगानिस्तान जाएंगे।' उन्होंने कहा, 'अफगानिस्तान से अगले साल के अंत तक विदेशी सुरक्षा बलों के स्वदेश लौट जाने को देखते हुए इस क्षेत्र में मिलकर काम करने की जरूरत है। अफगानिस्तान में राजनीतिक स्थिरता लाए जाने के लिए और काम करना होगा, क्योंकि हम चाहते हैं कि वहां लोग अपने भविष्य का फैसला खुद लें।
हमें सुनिश्चित करना होगा कि अफगानिस्तान ऐसा देश हो जहां सभी धर्मो के लोग शांति और सुरक्षा के साथ रह सकें।' सर्गी ने बताया कि अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन कैरी और रक्षा मंत्री चक हेगल के साथ उनकी दिन भर चली बातचीत में वर्ष 2014 के बाद अफगानिस्तान की स्थित पर चर्चा हुई।
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